डेस्क खबर बिलासपुर…/ जिले की सरकंडा पुलिस ने एक युवक को 240 देशी पौव्वों के साथ गिरफ़्तार किया है। आरोपी योगेश यादव, चिंगराजपारा निवासी, स्कूटी में शराब भरकर बिक्री के लिए ले जा रहा था, जिसे सूर्या चौक के पास पकड़ा गया। पुलिस ने आबकारी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया।
हालांकि, पुलिस इस बात की जांच करने में विफल रही कि आरोपी ने इतनी बड़ी मात्रा में शराब कहां से खरीदी। जानकारी के अनुसार, शराब सरकारी दुकान से ही खरीदी गई थी, लेकिन पुलिस ने यह पता लगाने का प्रयास नहीं किया कि सरकारी दुकान के किस कर्मचारी ने इतनी मात्रा में शराब बेची।
पुलिस की इस अधूरी कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या सरकारी शराब दुकान के कर्मचारियों को जांच से बचाया जा रहा है? साथ ही, जब्त की गई शराब की जांच भी नहीं की गई कि वह किस सरकारी दुकान से आई थी। पुलिस कप्तान के ‘एंड टू एंड’ कार्रवाई के दावों पर भी सवाल उठ रहे हैं।
आबकारी विभाग ने भी सरकारी शराब दुकानों मे ग्राहकों को एक निश्चित मात्रा मे शराब देने का फरमान जारी किया हुआ है। लेकिन उसके बाद भी सरकारी दारू भट्टी के कर्मचारी मिलीभगत कर चन्द पैसों के लालच मे इन शराब कोचीयो को भारी मात्रा मे शराब दे देते है । अधिकांश मामलों मे पुलिस भी शराब के साथ कोचीयो को पकड़ कर वाहवाही लूटने का प्रयास करती है.।
आबकारी विभाग ने सभी सरकारी दारू दुकानों मे सीसीटीवी लगवाए हुए है , उसके बाद भी भारी मात्रा मे आसानी से शराब् मिल जाती है और पुलिस भी एकतरफा कार्यवाही कर न तो दुकान जाने की हिमाकत कर पाती है और ना ही आबकारी विभाग से पत्राचार..?
अब देखना होगा वाहीवाही लूटने वाली सरकंडा पुलिस इस मामले मे कब तक उस सरकारी शराब दुकान और कर्मचारी तक पहुँच पाती है जिसने कोचिये को इतनी तादात मे शराब मुहैया करवाई..? क्योकि अभी बिलासपुर पुलिस की हालहि मे एंड तो एंड कार्यवाही की जमकर तारीफ हुई थी ।
क्योकि सच तो यही है की सरकारी शराब दुकान से यदि दारू मुहैया नही करवाई जाती तो आरोपी एक साथ 240 पाव के साथ गिरफ्तार नही हो पाता।
इसलिए सरकंडा पुलिस की आधीअधूरी कार्यवाही पर सवाल खड़े हो रहे है और पूछा जा रहा है की असली आरोपी कौन.? आबकारी विभाग या आरोपी या फिर हड़बड़ी मे वाहवाही लूटने वाली सरकंडा पुलिस..??