छत्तीसगढ़बिलासपुर

जुआ की महफ़िल में आर्थिक मंदी और महंगाई का असर ..!
नए थाने और 15 थानों ने मिलकर पकड़ा लाखो का जुआ ..!
दो थानों की पुलिस से दहशत में थे जुआरी ..?

बिलासपुर।बिलासपुर जिले की पुलिस ने दीपावली के शुभ पर्व पर बावन परियो पर हारजीत का दांव लगाते जुआरियो पर ताबड़तोड़ कार्यवाही की । जुआ के लिए जिले का चर्चित कोटा थाना क्षेत्र में एक भी कार्यवाही नही होना ये बता रहा है की कोटा पुलिस के प्रति जुआरियो के मन मे कितना ख़ौफ़ था या सम्मान ..? कि उन्होंने ताश की महफ़िल से दुरी बनाना ही मुनासिब समझा ..!

जबकि तारबाहर में फड़ पर कार्यवाही शून्य ही रही .! ( पुलिस द्वारा जारी आकड़ो के अनुसार )..! जिस प्रकार जुआरियो के मन मे कोटा और तारबाहर थानों की दहशत थी वो वाकई काबिले तारीफ थी । जुआरियो के सबसे बड़े महापर्व में जुआ पर पूरी तरह अंकुश लगा चुके दोनो थानों का सम्मान उच्च अधिकारियों को करवाना चाहिए ताकि दुसरो थानों के जुआरी भी जुआ जैसी सामाजिक बुराई से तौबा कर ले ।

जिले की 15 थानों की पुलिस और नए थाने की जुगलबन्दी की कार्यवाही के आंकड़े सुनने और पढ़ने में मन को सकूंन देने वाले हो सकते है । लेकिन पकड़े गए जुआरियो की संख्या और जप्त रकम की तुलना की जाए तो पता चल रहा है कि महंगाई और आर्थिक मंदी का असर भी फड़ो में साफ साफ दिखा ।

पूरे जिले के 142 जुए के फड़ो में पुलिस ने छापेमार कार्यवाही करते हुए 663 जुआरी पकड़े ।जुए के फड़ो से पुलिस की टीम ने 5 लाख रुपये से अधिक नगदी भी जप्त की है । आर्थिक मन्दी के दौर में बिलासपुर पुलिस ने हर फड़ से औसतन करीब 3000 रुपये और प्रति व्यक्ति लगभग 700 रुपये बरामद करने में सफलता हासिल की । शहर और ग्रामीण थाना क्षेत्रों में पिछले 6 दिनों से लगातार जुए के फड़ो में लगातार पुलिस की कार्यवाही लगातर जारी है जारी है । हालांकि 15 थानों और नए थाने की पुलिस बड़े फड़ और रसूखदारों तक पहुचने में सफल नहो हो सकी ।

शहर और ग्रामीण क्षेत्रो में छोटे मोटे फड़ो पर कार्यवाही की बाकायदा विज्ञप्ति जारी कर पुलिस ने इसकी सूचना भी दी ।
जुए जैसी सामाजिक बुराई को खत्म करने के लिए पुलिस बातें तो बड़ी बड़ी करती है लेकिन दीपावली की रात बड़े-बड़े जुआ फड़ पर कोई भी दबिश पुलिस ने नहीं दी। ग्रामीण क्षेत्रों में इक्का-दुक्का लोगों पर कार्रवाई कर पुलिस ने कागजी खानापूर्ति कर दी।
सूत्रों की मानें तो पुलिस की मेहरबानी से शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े जुआ फड़ पूरी तरह आबाद रहे। स्थिति यह रही कि पुलिस बड़े फडों पर छापा मारने की हिम्मत ही नहीं जुटा पाई या ये कहें कि पूरा मामला ही सेट हो गया।

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