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जया वर्मा सिन्हा होंगी रेलवे बोर्ड की पहली महिला चेयरमैन और सीईओ, ..!बालासोर हादसे में सम्हाली थी रेस्क्यू ऑपरेशन की जवाबदारी, ..!
जानें उनके बारे में..?

नई दिल्ली। जय वर्मा सिन्हा रेलवे बोर्ड की नई चेयरमैन और सीईओ होंगी। 1 सितंबर को रेलवे बोर्ड चेयरमैन अनिल कुमार लोहाटी का कार्यकाल खत्म होने पर उनकी जगह पदभार ग्रहण कर लिया है । जया वर्मा सिन्हा रेलवे बोर्ड की पहली महिला सीईओ व चेयरमैन होंगी। कैबिनेट की नियुक्ति समिति एसीसी ने चार नामों में से उनके नाम पर मुहर लगाई हैं। वर्तमान में वे संचालन और व्यवसाय विकास समिति की सदस्य है। वे इस पद पर एक साल तक काम करेंगी।

रेलवे प्रबंधन का देश में सबसे बड़ा पद रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष का है। भारतीय रेलवे के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा कि कोई महिला अधिकारी रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ के पोस्ट पर पहुचेंगी। इससे पहले विजय लक्ष्मी विश्वनाथन रेलवे बोर्ड की पहली महिला सदस्य बनी थी। जया वर्मा सिन्हा का रिटायरमेंट 1 अक्टूबर को है। पर उन्हें एक 1 साल के लिए यह पद दिया गया हैं। रिटायरमेंट के बाद उन्हें बाकी बचे कार्यकाल के लिए सेवा विस्तार दिया जाएगा। कैबिनेट नियुक्ति समिति एसीसी ने रेलवे बोर्ड के संचालन और व्यवसाय विकास की सदस्य जया वर्मा का चुनाव चार नामों के पैनल में से किया है।

जय वर्मा सिन्हा 1988 बैच की भारतीय रेलवे यातायात सेवा ( आईआरटीएस) अफसर हैं। उनका जन्म 18 सितंबर 1963 को दिल्ली में हुआ था। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से डिग्री हासिल की हैं। 35 वर्षों की लंबी सर्विस के दौरान वें दक्षिण पूर्व रेलवे,पूर्व रेलवे, उत्तर रेलवे में काम कर चुकी हैं। जया वर्मा सिन्हा दक्षिणी पूर्व रेलवे में मुख्य वाणिज्य प्रबंधक के रूप में भी काम कर चुकी हैं। वे पूर्व रेलवे जोन के सियालदह डिवीजन में डीआरएम के पद पर भी काम कर चुकी हैं। बांग्लादेश के ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग में रेलवे सलाहकार के रूप में चार वर्षों तक काम किया हैं। उनके कार्यकाल के दौरान ही कोलकाता से ढाका तक चलने वाली मैत्री एक्सप्रेस का उदघाटन हुआ था। उन्होंने मैत्री एक्सप्रेस के रोडमैप तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

उड़ीसा के बालासोर में हुए कोरमंडल एक्सप्रेस ट्रेन हादसे के बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय को पावर प्रेजेंटेशन के माध्यम से जया ने ही ब्रीफ किया था। जया वर्मा सिन्हा बालासोर दुर्घटना के बाद रेलवे का सार्वजनिक चेहरा थी। उन्होंने मीडिया को जटिल सिग्नलिंग सिस्टम के बारे में समझाते हुए दुर्घटना के कारणों, मृतकों व घायलों की जानकारी व रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी उपलब्ध करवाई थी। रेस्क्यू ऑपरेशन भी उनके निर्देशन में चला था। उनकी कार्यशैली की काफी प्रशंसा भी हुई थी। तब से जया वर्मा सिन्हा को भावी रेलवे बोर्ड के चेयरमैन के रूप में देखा जाने लगा था। जया वर्मा सिन्हा आज 1984 बैच के रेलवे अधिकारी अनिल कुमार लाहोटी का स्थान लेंगी। अनिल कुमार लाहोटी 17 दिसंबर 2022 को रेलवे बोर्ड के सदस्य इंफ्रास्ट्रक्चर बनें थे। जिसके बाद इसी साल एक जनवरी को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन बनें। उनका कार्यकाल मात्र आठ महीने रहा।

वर्तमान में भारतीय रेलवे को केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023–2024 के लिए 2 लाख 74 हजार करोड़ रुपए का आबंटन प्रदान किया है। जया वर्मा सिन्हा के सामने मॉडल स्टेशनों का विकास करना, रेलवे का आधुनिकीकरण करवाना, बुलेट ट्रेन के सपने को सच करना और यात्री सुविधाओं को बढ़ावा देने के साथ-साथ रेल दुर्घटनाएं कम करने की चुनौती होगी।

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