कोरबाछत्तीसगढ़

मंत्री के संरक्षण में इंटक नेता की ऐसी गुंडई कि दुष्कर्म पीड़िता शिक्षिका को ही उल्टे हो गई दो साल की सजा, अब मिला न्याय और जालिम गया जेल

कोरबा। मंत्री के सरंक्षण में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव ने ऐसी गुंडई कर डाली कि उसकी प्रताड़ना और दबाव के चलते उल्टा दुष्कर्म पीड़िता शिक्षिका को ही दो साल की सजा हो गई। और आरोपी इंटक नेता विकास सिंह के हौसले इस कदर बुलंद हो गए कि उसने फिर से पीड़िता को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। जिसके चलते पीड़ित शिक्षिका का परिवार इस कदर परेशान हो गया कि कोरबा छोड़ने तक को मजबूर हो गया। पुलिस से फरियाद करने पर लगातार तीन वर्षों के संघर्ष के बाद अब जाकर एसपी उदय किरण की पहल पर पीड़िता को न्याय मिला है और जालिम विकास सिंह को गिरफ्तार किया गया है।

आपको बता दे कि इंटक नेता विकास सिंह की गिनती राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के कट्टर समर्थकों में होती है। उसे मंत्री जयसिंह का दाहिना हाथ माना जाता है। इंटक नेता विकास सिंह का अपराधों से पुराना नाता है। मंत्री जयसिंह अग्रवाल की सरपरस्ती में विकास के हौसले बुलंद होते चले गए और कानून की कमजोर पकड के चलते उसका अपराधिक रिकार्ड भी बढ़ता चला गया। आज जिस मामले में विकास सिंह की गिरफ्तारी हुई है उसकी शुरुवात साल 2006 से शुरू होती है।

विकास सिंह ने दीपका थाना क्षेत्र के एक निजी स्कूल की शिक्षिका के साथ जबरदस्ती बलपूर्वक बलात्कार की घटना को अंजाम दिया था। पीड़िता ने इसकी एफआईआर दीपका थाने में दर्ज करवाई। पर रसूखदार विकास की गिरफ्तारी नहीं हो पाई और उसे अदालत से अग्रिम जमानत मिलने में सफलता हासिल हो गई। पुलिस ने मामले में विवेचना कर चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया और ट्रायल चलने लगा। इस बीच पीड़िता की शादी हो गई। पीड़िता ने अदालत में चीफ एग्जामिनेशन में भी अपने आरोपो को दोहराया। पर क्रॉस एग्जामिनेशन के समय विकास सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर पीड़िता के पति का फोर व्हीलर गाड़ी में अपहरण कर लिया और उसके साथ जमकर मारपीट करते हुए पीड़िता को धमकी दी कि यदि उसने उसके खिलाफ अदालत में क्रॉस एग्जामिनेशन में बयान दिया तो वह उसके पति की हत्या कर देगा। दबाव में आकर डरी हुई पीड़िता क्रॉस एग्जामिनेशन में अपने बयानों से मुकर गई जिसके चलते वर्ष 2011 में आरोपी विकास सिंह दोषमुक्त हो गया। साथ ही बयान बदलने और झूठी एफआईआर करवाने पर अदालत ने पीड़िता के ऊपर 182, 211 के तहत मुकदमा कायम कर चलाने के निर्देश दिए। यह मामला जेएमएफसी अदालत में 2011 से 2019 तक चला। फिर पीड़िता को दोषी ठहराते हुए झूठी एफआईआर करवाने पर उसे अदालत में 2 वर्ष की सजा सुना दी। पीड़िता ने इसके खिलाफ विशेष न्यायाधीश एक्ट्रोसिटी की अदालत में अपील प्रस्तुत की। अपील पर पीड़िता को राहत प्रदान की गई और उसकी सजा माफी हो गई।

इस बीच पीड़िता को सजा होने से विकास सिंह के हौसले एक बार फिर से बुलंद हो गए। उसे लगा कि पीड़िता को झूठी एफआईआर करवाने पर 2 साल की सजा अदालत ने सुनाई है। जिसके चलते वह दोबारा फिर से एफआईआर दर्ज करवाने की हिम्मत नहीं कर सकेगी और उसने पीड़िता को फिर से परेशान करते हुए धमकाना शुरू कर दिया। वह पीड़िता पर दोबारा संबंध बनाने के लिए दबाव बनाने लगा। इसके लिए विकास सिंह ने तरह-तरह के हथकंडे अपनाए। पीड़िता के पति व बच्चों को जान से मारने की धमकी देने के साथ ही पीड़िता की आपत्तिजनक फोटो उसके घर के बाहर फेंकवा दिया। साथ ही सोशल मीडिया में वायरल कर बदनाम करने की धमकी भी दी। आरोपी विकास सिंह ने पीड़िता को खुद भी फोन किया और उसे संबंध बनाने के लिए धमकाते हुए पीड़िता के मोबाइल पर उसकी अंतरंग तस्वीरें भेजी। साथ ही दोबारा संबंध नहीं कायम करने पर यह सारी फोटो सोशल मीडिया में वायरल करने की धमकी भी दी।

परेशान पीड़िता वर्ष 2020 में शिकायत करने कोरबा के पुलिस अधीक्षक कार्यालय में जाकर तत्कालीन एडिशनल एसपी उदय किरण से मिली। जिसके बाद दीपका थाने में आरोपी विकास सिंह के खिलाफ धारा 354 (d),509, 506, भादवि व एक्ट्रोसिटी का अपराध वर्ष 2020 में दर्ज हुआ। अपराध दर्ज होने के बाद एक बार फिर विकास सिंह न्यायालय की शरण में गया और कोरोना का फायदा उठा गिरफ्तारी पर स्टे ले लिया। इस बीच एडिशनल एसपी उदय किरण भी जिले से तबादला होकर चले गए और मामला तीन वर्षों तक पेंडिंग रह गया। 3 साल बाद 2015 बैच के आईपीएस उदय किरण की एक बार फिर कोरबा जिले के एसपी के रूप में वापसी हुई। इधर कुछ हफ्ते पहले हाईकोर्ट ने भी विकास सिंह को दिए गिरफ्तारी पर रोक के आदेश को हटा लिया और 8 हफ्ते में विवेचना पूरी कर चालान अदालत में पेश करने के निर्देश हाईकोर्ट ने दिए।

हाईकोर्ट का स्टे वेकेंट होते ही विकास सिंह ने अग्रिम जमानत के लिए पहले कटघोरा न्यायालय में फिर एक्ट्रोसिटी अदालत में अग्रिम जमानत याचिका लगाई। जिस पर विशेष न्यायाधीश डीएल कटकवार ने अग्रिम जमानत याचिका 5 सितंबर को खारिज कर दी। अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद आज आरोपी विकास सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर उसे अदालत में पेश किया। फिर अदालत के निर्देश पर उसे 20 सितंबर तक के न्यायिक रिमांड में जेल भेज दिया गया।

आरोपी विकास सिंह के ऊपर रंगदारी वसूलने का भी आरोप है। बालको प्लांट में एक अन्य प्रदेश की कंपनी टेंडर लेकर काम करने आई हुई थी। जिसके मैनेजर को अपहरण कर अपने दफ्तर में बंधक बना दो दिनों तक मारपीट करने का आरोप विकास सिंह पर लगा था। विकास सिंह के साथियों की करोड़ों रुपए रंगदारी मांगने का ऑडियो भी वायरल हुई थी। इन सबके अलावा आरोपी विकास सिंह को जिला बदर भी किया गया था और एक दर्जन अन्य मामले भी दर्ज हैं। देखें आपराधिक रिकार्ड…

1– थाना कोतवाली में अपराध क्रमांक 429/95 धारा 323,294,506,341 दर्ज हुआ था।

2– रामपुर चौकी में अपराध क्रमांक 616/98 धारा 186,353 दर्ज हुआ था।

3– कोतवाली थाने में अपराध क्रमांक 638/98 आर्म्स एक्ट दर्ज हुआ था।

4– रामपुर चौकी में 486/99 धारा 323,294,506,341,34 दर्ज हुआ था।

5– कोतवाली थाने में अपराध क्रमांक 1233/03 धारा 323,294,506,342,34 दर्ज हुआ था।

6– कोतवाली थाने में अपराध क्रमांक 297/04 धारा 294,506 दर्ज हुआ था।

7– मानिकपुर चौकी में 377/04 धारा 341,294,506,34 दर्ज हुआ था।

8– दीपका थाने में अपराध क्रमांक 19/06 धारा 376, 506,34 एक्ट्रोसिटी एक्ट का अपराध दर्ज हुआ था।

9– बालको थाने में 341/07 धारा 188,353,332,147,149 दर्ज हुआ था।

10– रामपुर थाने में अपराध क्रमांक 1219/11 धारा 323,294,506,427,34 का अपराध दर्ज हुआ था।

11– दर्री थाने में अपराध क्रमांक 96/14 धारा 325,506,34 दर्ज हुआ था।

12– कोतवाली थाने में अपराध क्रमांक 2/04 में 110 जाफौ की कार्यवाही हुई थी।

3 जून 2022 को विकास सिंह के ऊपर जिला बदर की कार्यवाही की गई थी।

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