छत्तीसगढ़बिलासपुर

बिलासपुर वनमंडल का तालिबानी फरमान ,.!भृत्य और माली को दिया बाथरूम साफ करने का फरमान ..!डीएफओ ने निकाला अजीबोगरीब आदेश..!

बिलासपुर।एक बार फिर बिलासपुर वनमंडल के डीएफओ के निकाले गए आदेश ने कर्मचारियों को खुद की अपनी ही नजर मे शर्मशार करने का काम किया है । वन विभाग के अधिकारी के आदेश की चर्चा पूरे विभाग में चल रही है और इस आदेश को लेकर हर बार की तरह डीएफओ निशांत कुमार एक बार अपने तालिबानी व्यवहार के चलते अपने ही विभाग की सुर्खियां बन गए हैं ।

बिलासपुर वनमंडल के विभिन्न भवन के बाथरूम और दरवाजा खिड़की की सफाई विभाग के भृत्य और माली वर्दी पहन कर करेंगे। यह अजीबोगरीब आदेश बिलासपुर वनमंडल के डीएफओ निशांत कुमार ने निकाला है। विभागों में अमूमन बाथरूम और अन्य साफ सफाई का जिम्मा स्विपर का रहता है लेकिन वन विभाग में यदि भ्रत्य और माली यह काम करते नजर आ जाएं तो कोई आश्चर्य नहीं है। डीएफओ के निकाले गए आदेश में सीसीएफ कार्यालय, बिलासपुर वनमंडल कार्यालय,उप वनमंडल कार्यालय, नारंगी इकाई, तेंदूपत्ता कार्यालय, वन परीक्षेत्र कार्यालय जीओमेटिक सेंटर आदि शामिल है।

जिन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है उनमें रतन खांडे,नरेंद्र रजक भ्रत्य हैं जबकि शिवचरण पटेल माली के पद पर पदस्थ हैं । इन्हें दरवाजा,खिड़की, बाथरूम, सभी बेडरूम भवन की छत की साफ सफाई का जिम्मा दिया गया है । वर्दी पहन कर काम करना सिविल सेवा आचरण नियम के तहत आता है जिससे बाथरूम की साफ सफाई व अन्य सफाई नहीं कराई जा सकती। इसलिए ही इन सभी कामों के लिए दैनिक वेतन भोगी के रूप में स्विपर रखे जाते हैं । डीएफओ के इस आदेश के खिलाफ कर्मचारियों में नाराजगी है । बताया जा रहा है कि वे इस आदेश के खिलाफ उच्च अधिकारी से मुलाकात कर शिकायत करने का मन बना रहे हैं।

बिलासपुर डीएफओ का यह कोई पहला तालिबान फरमान नही है जिसके चलते डीएफओ साहब विवाद में फंसते नजर आ रहे है निशांत कुमार और विवादों का पुराना नाता रहा है अपनी कार्यशैली के कारण भी डीएफओ काफी चर्चित रहते है समय समय पर आरोप लगते रहे है कि वन विभाग में सिर्फ अपने ही चहते चुनिंदा ठेकेदारों को ही पसन्द करते है जिसकी शिकायत कई बार सामने भी आ चुकी है लेकिन डीएफओ साहब की सेहत पर कोई फर्क नही पड़ रहा है । लेकिन जिस तरह अपने पद का रसूख दिखा कर अपने ही अधीनस्थ कर्मचारियों को बाथरूम साफ करने का जिम्मा या फिर कहे आदेश जारी किया है उससे इस बार डीएफओ मुसीबते बढ़ना तय है अब देखना होगा कि निशांत कुमार अपने इस आदेश को वापिस लेते है या फिर कर्मचारियों का गुस्सा झेलते है ।

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