बिलासपुर।बिलासपुर राजस्व विभाग में जाबाज एसडीम तुलाराम भारद्वाज के कड़े तेवर से जमीन चोरो में हड़कंप मच गया है । जहाँ एक तरफ बिलासपुर की सरकारी जमीन का बन्तरबाँट करते हुए तत्कालीन पटवारी , तहसीलदार समेत राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मचारी दस्तावेजो में कूटरचना कर चन्द पैसो के लालच में अपनी जेब हरी भरो रखने के लिए नियमो को ताक में रखकर जिस प्रकार जमीन को निजी बताकर खुलेआम जमीन चोरो के साथ साठगांठ कर सरकार को चुना लगा रहे थे ।
अब उनके ऊपर लगाम लगती नजर आने लगी है । बिलासपुर कलेक्टर और एसडीएम की जुगलबन्दी ने निष्पक्ष जांच शुरू की जमीन चोरो के दिल मे जेल जाने का ख़ौप बैठ गया है । और आनन फानन में जेल जाने के डर से अब वे राजस्व विभाग के चौखट पर जमीन को वापिस करने की गुहार लगाते दिखाई दे रहे है
कलेक्टर प्रशासन का ऐसा खौफ देखकर बिलासपुर की जनता के दिल मे भी विश्वाश जगा है कि अब असली जमीन मालिको को इंसाफ मिलेगा । ताजा मामला एक बार फिर मोपका से आया है। आवेदक ने एसडीएम कार्यालय पहुंचकर एसडीएम तुलाराम भारद्वाज को बताया कि उसके नाम किसी ने 12 एकड़ सरकारी जमीन चढ़ा दिया है। जबकि इसकी जानकारी उसे नहीं है। मामले में एसडीएम ने बताया कि सरकारी जमीन खसरा नम्बर 1053 की जांच चल रही थी। जानकारी के बाद बाद रिकार्ड में दर्ज मालिक ने जमीन का दस्तावेज सरेंडर किया है। जबकि कब्जाई गयी जमीन मूल रिकार्ड में घास और छोटे बड़े झाड़ जंगल दर्ज है। सरेन्डर की गयी सरकारी जमीनकी कीमत करीब35 से 40 करोड़ रूपए के बीच बताई जा रही है ।
हालांकि तत्कालीन राजस्व विभाग के दलालों ने एसडीएम को बदनाम करने के लिये शिकायत की और जांच को प्रभावित करने के हरसंभव प्रयास किया किया लेकिन तुलाराम ने बिना किसी दबाव में आये अपने कर्तव्यो का निष्पक्ष पालन करते हुए करोड़ो की जमीन को निजी हाथों से मुक्त करवा कर एक मिसाल पेश की है ।
एसडीएम ने पूरे मामले की सख्त जांच का आश्वससन भी दिया है और दो टूक संदेश दिया है कि इस मामले में जिसकी भी मिलीभगत होगी उनके।खिलाफ कड़ी कार्यवाही कर उन्हें बेनकाब किया जाएगा । एसडीएम के कड़े तेवर देख जमीन चोरो और गड़बड़ी करने वाले अधिकारी कर्मचारी सकते में है ।