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बीजेपी के कार्यक्रम में सुरक्षा में सेंध ।
अति संवदेनशील क्षेत्र सुरक्षा व्यवस्था में हुई बड़ी चूक !
कहा था जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ?

बिलासपुर।बिलासपुर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की भारी लाव लश्कर के बीच एक हैरान करने वाली तस्वीर और वीडियो आने से हड़कंप मचा हुआ है । दरअसल पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने आज अपने जन्मदिन को खास करने के लिए अपना जन्मदिन न बनाने का निर्णय लेते हुए बिलासपुर नेहरू चौक में कांग्रेस सरकार के नाकामियों, विफलताओं और विकासहीन विषयों को लेकर बिलासपुर में बड़ा धरना आन्दोलन करते हुए हल्लाबोला ! तय कार्यक्रम के अनुसार पूर्व मंत्री के नेतृत्व में बीजेपी कार्यकर्ता पुलिस अधीक्षक और कलेक्ट्रेट का घेरवा भी करने वाले थे । जिसके मद्देनजर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने अपने अपने अफसरों और जवानो को तैनात किया हुआ था ।
लेकिन बीजेपी के इस हल्लाबोल कार्यक्रम में नियमो की धज्जियां साफ साफ उड़ रही थी । लेकिन जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ तमाशा देख रहा था ।
बिलासपुर कलेक्टर के दफ्तर के आसपास के इलाकों को अतिसंवेदनशील क्षेत्र माना जाता है । लेकिन बीजेपी के कार्यक्रम के दौरान एक ड्रोन बिना किसी भय के हवा में चक्कर काट रहा था । पुलिस के बड़े अधिकारियों से लेकर जवान सुरक्षा और शांति व्यवस्था बनाये रखने और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए मुस्तेद दिख रहा था ।

उसके बावजूद कलक्ट्रेट के एकदम करीब हवा में उड़ रहा ड्रोन किसी भी अफसर की नजरों में आये बिना एक एक गतिविधियों को अपने कैमरे में कैद कर रहा था । इस तस्वीर के सामने आने के बाद से ही सुरक्षा व्यवस्था पर अहम सवाल खड़े हो रहे है ।
वही जब हमने इस बारे में मौके पर मौजूद ड्रोन संचालित करने वाले युवकों और युवति से संवेदनशील इलाकों में ड्रोन उड़ाने की परमिशन के बारे में जानना चाहा तो उन्होंने टाल मटोल करते हुए बीजेपी के किसी नेता के कहने पर इसे संचालित करने की बात कहते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया और आनन फानन में बडी गलती एहसास होने के अहसास से ही वहां से रफ्फूचक्कर हो गए है । हालांकि किंस बीजेपी नेता के आदेश पर बिना परमिशन के अति संवेनशील इलाको में चुनोती देते ड्रोन उड़ाया गया इसके बारे में जानकारी नही मिल पाई है।


वही इस मामले में बिलासपुर कलेक्टर सौरभ कुमार ने इस बारे में इस गभीर लापरवाही का पता करने और कड़ी कार्यवाही की बात कही है ।
दूसरी ओर बीजेपी के जिलाध्यक्ष रामदेव कुमावत ने पूर्व मंत्री के कार्यकर्म के दौरान ड्रोन उड़ाने की किसी भी घटना से अपना पल्ला झाड़ते हुए इस पुरे मामले में बीजेपी की सलिंपित्ता से साफ इंकार कर दिया।

अब देखना होगा की पुलिस प्रशासन सुरक्षा के मामले में हुई इस बड़ी चूक की घटना को कितनी गम्भीरता से लेता है । और कब पता लगा पाता है कि किसके आदेश पर इस ड्रोन को इस तरह प्रतिबन्धित क्षेत्र में उड़ाया गया ।
बडा सवाल यह है कि कोई हादसा हो जाता तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होती जिला प्रशासन की या पुलिस प्रशासन की ? जबकि शहर की सुरक्षा व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए दलबल के साथ पुलिस के आला अधिकारी रात्रि गश्त कर रहे है और लगातार मीटिंगों का दौर चालू है उसके वावजूद पुलिस के इतने अधिकारियों के बीच कैसे ड्रोन बिना किसी भय के हवा में उड़ रहा था ।इसकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा ?

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