बिलासपुर।मुख्यमंत्री से लेकर डीजीपी से लेकर रेंज के आईजी लगातार महिलाओ सम्बंधित अपराधों पर तत्काल कार्यवाही करने के आदेश जारी करते है । शायद ही ऐसी कोई मीटिंग या बैठक हो जिसमें पुलिस के उच्च अधिकारियों महिलाओ सबंधित मामलो की समीक्षा न हो ..
लेकिन उच्च अधिकारियों के तल्ख तेवरों और आदेशो का असर थानेदारों पर पड़ता नजर नही आ रहा है । शायद यदि कारण है कि ऐसे पुलिस अधिकारियों के चलते पुलिस और कांनून व्यवस्था पर सवाल खड़े होते है ..?
जिस जिले की कमान एक महिला एसएसपी के कंधों पर हो उस जिले में यदि एक रेप पीडिता को इंसाफ के लिए 10 दिनों से थानों के चक्कर लगाना पड़े उससे पीड़ा शायद पीड़िता ही समझ सकती है ..?
जिले के एसएसपी और सरकंडा थाने की csp महिला होने के बाद भी सरकंडा थाना प्रभारी महिलाओ से संबंधित अपराध पर गंभीर नही दिखे तो सवाल खड़े होंगे ही .
विगत 10 दिन में आधा दर्जन से ज्यादा सरकंडा थाने के चक्कर लगा चुकी रेप पीड़िता इंसाफ के लिए बिलासपुर एसपी दफ्तर पहुची । पीड़िता ने महिला कप्तान को आपबीती बताकर आरोपी के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए आवेड़न भी दिया । इस दौरान पीडिता ने सरकंडा पुलिस के हीलाहवाली की शिकायत भी की है । पीड़िता से मिली जानकारी के अनुसार शादी का झांसा देकर रायपुर के कुम्हारी के रहने वाले युवक ने उसकी अस्मत को तार तार किया और गर्भवती होने पर ऑनलाइन दवाई मंगवाकर उसका गर्भपात भी करवा दिया ..! शादी की बात करने पर युवक के घरवालों ने पीड़िता को फोन पर धमकी दी और कुछ पैसा ले देकर समझौता करने का दबाब बनाने की कोशिश की गई । किसी अनहोनी की आशंका से पीड़िता पिछले महीने की 26 तारीख से युवक के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए चक्कर लगा रही है । पीड़िता से मिली जानकारी के अनुसार थाना प्रभारी कभी छठ पूजा तो कभी राज्य स्थापना का बहाना बताकर टाल मटोल करती रही । महिला सबंधित अपराध में इतनी गम्भीर लापरवाही का नतीजा यह हुआ कि युवक अपना मोबाइल बंद कर कही फरार होने में कामयाब हो गया । रेप पीड़िता ने गंभीर आरोप सरकंडा पुलिस पर लागये है जिसका खुलासा वह उच्च अधिकारियों के समक्ष कर चुकी है । पीड़िता का आरोप है कि बड़े अधिकारियों की अनुमति के बिना दर्ज करने की दलील भी सरकंडा थाना प्रभारी ने देकर अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश करते हुए मामला दर्ज होने पर पुलिस को होने वाली परेशानियों का हवाला देकर थाने से कई बार चलता कर दिया । अब पीडिता के आरोपो में कितनी सच्चाई भी ये तो तत्कालीन थाना प्रभारी और वर्तमान प्रभारी ( सरकंडा )बेहतर बता सकते है।
वही अब इस पूरे मामले में अब सरकण्डा पुलिस से इंसाफ की आस छोड़ चुकी पीड़िता को अब जिले की महिला कप्तान से आस है । एक तरफ जहाँ मुख्यमंत्री गृहमन्त्री से लेकर तमाम सरकारी बैठकों में महिलाओं की हित की बात के दावे किए जाते है वही सभी दावे पुलिस की ऐसे ढील ढ़लावा रैवैये के चलते खोखला साबित हो रहा है ।
उम्मीद है कि महिला और जिम्मेदार अधिकारी होने के चलते एसएसपी पीडिता की दर्द को महसूस करेंगी और जल्द से जल्द मामले की निष्पक्ष जांच कर पीड़िता को इंसाफ शीघ्र इंसाफ दिलाएगी
और रेप जैसी गंभीर शिकायत पर लापरवाही बरतने वाले पुलिस अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करेगी ताकि न्यायधानी पुलिस को शर्मशार न होना पड़े और आगे से ऐसी पीड़िता को आगे से सही समय पर उचित इंसाफ मिल सके..!और महिलाओं का कानून व्यवस्था पर भरोसा कायम रह सके और सरकार को जनता के बीच शर्मिंदा न होना पड़े