बिलासपुर।शिक्षक और हेडमास्टर प्राथमिक शाला क़ी प्रमोशन पर हाईकोर्ट के आदेश से रोक लग गयी है। उच्च न्यायालय ने शिक्षक और प्रधान पाठक प्राथमिक शाला के पदोन्नति कार्रवाई पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है l इससे पहले भी हेड मास्टर मिडिल स्कूल के प्रमोशन कार्रवाई पर हाइकोर्ट के आदेश से रोक लगी थी।
छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा सेवा भर्ती तथा पदोन्नति नियम-2019 को नीलम कुमार मेश्राम और अन्य ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। याचिका में बताया कि उक्त नियम के तहत 5 साल तक अनुभव रखने वाले सहायक शिक्षक प्रधानपाठक प्राथमिक शाला और शिक्षक के पद पर पदोन्नति के लिए पात्र हैं,पर उक्त नियम को शिथिल करते हुए अनुभव को 3 साल कर दिया गया है l नियम में विभिन्न विसंगति के आधार पर उसे उच्च न्यायालय मे चुनौती दी गयी और बताया गया कि पंचयात शिक्षक को संविलियन कर नया एलबी कैडर का गठन किया गया है,लेकिन एलबी कैडर क़ी वरिष्ठता निर्धारण का कोई प्रावधान नहीं बनाया गया,जिससे अलग-अलग संभाग मे अलग-अलग वरिष्ठता निर्धारण हो रहा है ।नियम 15 के कारण पूर्व सेवाकाल को अर्हता के लिए नहीं जोड़ी जा रही है और कई विसंगति बताई गई जो संविधान के अनुच्छेद 14 व 16 का उल्लंघन है। सुनवाई के बाद आज मुख्य न्यायाधीश अरुप कुमार गोस्वामी और जस्टिस एनके चंद्रवंशी की डिवीज़न बेंच ने आगामी आदेश तक शिक्षक और हेडमास्टर प्राथमिक शाला के पदोन्नति पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने शासन को जवाब के लिए दो हफ्ते की मोहलत दी है।
शिक्षक-हेडमास्टर पदोन्नति पर हाईकोर्ट का रोक । छ.ग शासन को नोटिस ।