डेस्क खबर

SIR मामले में गृहमंत्री विजय शर्मा का बड़ा बयान, गृहमंत्री के खिलाफ कांग्रेस ने खोला मोर्चा । चुनाव आयोग से बयान पर संज्ञान लेने की मांग ! आखिर क्या कहा विजय शर्मा ने जिससे मचा गया बवाल .!!




डेस्क खबर छत्तीसगढ़ ./ SIR के संबंध में 2003 में जिनके ब्लड रिलेशन का कोई व्यक्ति ही नहीं होगा वो यहां कहा से आ गया इसकी जांच की जाएगी और उसके बाद पकड़े जाने पर फॉरेन एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई होगी??
ऐसे व्यक्ति जो चिन्हांकित होगे उनपर विभिन्न धाराओं पर कड़ी कार्रवाई होगी जेल में डाले जाएंगे । यह कहना है छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री  विजय शर्मा ने स्पष्ट किया है कि 2003 के दस्तावेजों में जिन SIR  का किसी भी प्रकार का ब्लड रिलेशन साबित नहीं होता, उन सभी की विस्तृत जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिन लोगों का पारिवारिक संबंध प्रमाणित नहीं होगा, उनके यहां आने की जानकारी खंगाली जाएगी और सत्यता न पाए जाने पर उन्हें फॉरेन एक्ट के तहत गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि जांच में किसी की पहचान संदिग्ध पाई जाती है या वह फर्जी दस्तावेजों के सहारे यहां रह रहा है, तो उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और उन्हें जेल भेजा जाएगा।



वही इस बयान के सामने आने के बाद छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने गृहमंत्री का बयान को  आपत्तिजनक बताते हुए  चुनाव आयोग से संज्ञान लेने की मांग की है
कांग्रेस पार्टी का कहना है कि एसआईआर की प्रक्रिया के दौरान ही प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा के द्वारा जारी किया गया बयान बेहद ही आपत्तिजनक है प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि चुनाव आयोग इस संबध में गृहमंत्री विजय शर्मा से स्पष्टीकरण मांगे कि उन्होंने किस हैसियत से यह बयान दिया है एसआईआर आयोग का काम है या राज्य सरकार का, राज्य के मंत्री कैसे बिना एसआईआर पूरा हुये किसी नागरिक की नागरिकता पर सवाल खड़ा कर रहे है दो साल से गृहमंत्री है देश में मोदी की 14 साल से सरकार है उसके बाद घुसपैठिये का हव्वा क्यो बनाया जा रहा है। गृहमंत्री प्रदेश के एसी, एसटी नागरिकों को अप्रत्यक्ष धमका  रहे है उनकी नागरिकता पर सवाल खड़ा कर रहे, आयोग कहता है एसआईआर नागरिकता की जांच नही है, गृहमंत्री उसी आधार पर लोगों को धमका रहे है।  प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि हड़बड़ी में बीएलओ पर अनुचित दबाव बना कर त्रुटिपूर्ण एंट्री करवाने के बजाय उन्हें विस्तृत पुनरीक्षण कार्य के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए, गणना पत्रक फॉर्म भरने के लिए कम से कम एक माह का समय बढ़ाया जाय। टेबल टॉप मिलान से लेकर गणना पत्रक फॉर्म बांटने और डिजिटल एंट्री को लेकर निर्वाचन आयोग के दावे विश्वसनीय नहीं है। सत्ता के दबाव में त्रुटिपूर्ण प्रक्रिया को लेकर लगातार शिकायतें आ रही है, जो मतदाता घरों में नहीं मिले या जिनका निवास स्थल परिवर्तित हो गया है उनको विलोपन सूची में डालना सर्वथा अनुचित है, ऐसे मतदाताओं की तस्दीक करके उनको भी पर्याप्त अवसर मिलना चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि निर्वाचन आयोग की जटिल प्रक्रिया से मतदाता, बीएलओ और डाटा एंट्री सहायक सही परेशान हैं, कई जगह विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है, महिला कर्मचारी जो बी एल ओ की भूमिका में हैं उनकी सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं, रोज नए नए तुगलकी फरमान जारी करके बीएलओ पर अनुचित दबाव बनाया जा रहा है, वर्तमान पद की जिम्मेदारी निर्वहन से साथ बी एल ओ की अतिरिक्त जिम्मेदारी के लिए 18-18 घंटे काम लिया जा रहा है, जिसके चलते तनाव और डिप्रेशन की स्थिति उत्पन्न हो गई है, भाजपा के राजनैतिक लाभ के लिए हर वर्ग को परेशानी में डाला जा रहा है।

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