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प्लास्टिक बैगों का बढ़ता प्रयोग, स्वास्थ्य व पर्यावरण के लिए खतरा, सरकार को करनी होगी सख्त पहल.! छत्तीसगढ़ को प्लास्टिक मुक्त प्रदेश बनाने की पहल ।



डेस्क खबर छत्तीसगढ़../ प्रदेश में प्लास्टिक बैगों का उपयोग लगातार बढ़ता जा रहा है। बाजारों, सब्जी मंडियों, गली-मोहल्लों और सार्वजनिक स्थानों पर प्लास्टिक बैगों का ढेर आम नज़ारा बन चुका है। लोग इन बैगों में कचरा भरकर खुले में फेंक देते हैं, जिससे गाय, कुत्ते जैसे जानवर इन्हें खा लेते हैं और कई बार उनकी मौत तक हो जाती है। इसके अलावा, प्लास्टिक जलाने से निकलने वाला धुआं हवा में ज़हर घोल रहा है, जो आम नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

विशेषज्ञों के अनुसार, प्लास्टिक न केवल पर्यावरण प्रदूषण बढ़ाता है बल्कि भूमि की उर्वरता को भी नष्ट करता है। ऐसे में सरकार को इस दिशा में ठोस और संवेदनशील पहल करनी चाहिए। प्रदेश में प्लास्टिक बैगों के विक्रय, भंडारण और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना समय की मांग है। सरकार को चाहिए कि थैलों के निर्माण और विक्रय का अधिकार स्व-सहायता समूहों को दिया जाए ताकि महिलाओं को रोजगार भी मिले और पर्यावरण संरक्षण भी सुनिश्चित हो सके। हर जिला मुख्यालय में कपड़े या जूट के थैलों की फैक्ट्री स्थापित की जाए। नगर निगम को बाजारों में अभियान चलाकर प्लास्टिक बैग जब्त करने और थैलों का वितरण करने की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। साथ ही, जो दुकानदार या सब्जी विक्रेता प्लास्टिक बैग का उपयोग करते पाए जाएं, उन पर पहली बार भारी जुर्माना और दोबारा ऐसा करने पर एफआईआर दर्ज कर कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए। यही कदम छत्तीसगढ़ को “प्लास्टिक मुक्त” प्रदेश बना सकता है।

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