बिलासपुर।बिलासपुर जिले मे चले तीन दिनों तक CM के भेंट मुलाकात कार्यक्रम न्यायधानी में चल रही गुटबाज़ी की हांडी का उफान हंडी से ऐसे बाहर की खुद सूबे के मुखिया ने हांडी के इस उबाल को देखा तो वही आपस मे चल रही खींचतान को खुद के दिखावे की होड़ ने राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाओं को छेड़ दिया…
दरअसल पूरा मामला कांग्रेसी पार्षद विजय केशरवानी के कार्यकलाप को लेकर है…इस दौरान जो कुछ हुआ वह मीडिया की सुर्खियां बन गया…
बता दे कि लिंगायडीह मे पिछले करीब 40 सालो से काबिज रहवासियों ने तहसीलदार के बेदखली के आदेश को निरस्त करने के लिए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपते हुए कलेक्ट्रेट आफिस मे हल्लाबोल प्रदर्शन किया ….और इशारो ही इशारो मे अपने ही वार्ड पार्षद् विजय केशरवानी को मीडिया के सामने ही कटघरे मे खड़े करते हुए इस बेदखली के आदेश के लिए विजय केशरवानी को ही साजिश का सूत्रधार तक बता दिया …
वार्डवासियो का आरोप है की वार्ड मे बम्पर जीत के बाद से ही पार्षद विजय केशरवानी को इतना घमंड हो गया कि जीतने के बाद उन्होंने ने अपने वार्ड के लोगो से पूरी तरह किनारा कर लिया… वार्ड की समस्याओ मे कोई दिलचस्पी नही दिखाते है यहा तक की अपने आशियाने बचाने मे संघर्षरत वार्डवसियो के आंदोलन से भी उन्होंने दूरी बना ली.. इसकी शिकायत वार्डवासियो ने मुख्यमंत्री से सीधे भेट मुलाक़ात कार्यक्रम मे भी की है …
इसी कड़ी मे जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के अध्यक्ष केशरवानी प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल की मौजूदगी में पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव से भी गुस्ताखी कर बैठे… उनकी ये गुस्ताखी अब मीडिया में चर्चा का विषय बनी हुई है…
दरअसल मुख्यमंत्री के प्रवास के दौरान उनके साथ गाडी मे बैठने को लेकर हुए विवाद और तीखी झड़प को देखकर प्रभारी मंत्री को बीच-बचाव कर उन्हें शांत कराना पड़ा, तब जाकर मामला शांत हुआ… बेलतरा में भेंट मुलाकात कार्यक्रम में सीएम के कार्यक्रम को लेकर जिला प्रशासन के साथ ही कांग्रेस नेता भी तैयारी में जुटे हुए थे। वैसे ये कोई नई बात नही है ..कांग्रेस नेताओं में कभी सीएम की गाड़ी में बैठने तो कभी मंच पर बैठने को लेकर हमेशा होड़ मची रहती है सीएम के आगमन को लेकर जिला, शहर और ब्लॉक स्तर के नेता लगातार सक्रिय हैं
जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी पिछले एक सप्ताह से तैयारी में जुटे थे कार्यक्रम के दौरान वे लगातार प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल के साथ सक्रिय भी नजर आए
शुक्रवार को सीएम बघेल जब हेलीकाप्टर से उतरे तब कांग्रेस नेताओं ने उनका स्वागत किया…इसके बाद उनकी गाड़ी में प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल, विजय केशरवानी और सीएम सलाहकार प्रदीप शर्मा सहित अन्य बैठे थे… लेकिन, अटल श्रीवास्तव को उसमें जगह नहीं मिली…
बाद में रीपा के निरीक्षण के दौरान उन्होंने जयसिंह अग्रवाल के सामने विजय केशरवानी को जमकर खरी खोटी सुनाई…
गौरतलब है की पिछले विधानसभा चुनाव मे जहा कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए बीजेपी के विजय रथ पर लगाम लगाते हुए सत्ता हासिल की थी लेकिन बिलासपुर सभाग मे कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था । बिलासपुर जिले मे शहर और तखतपुर मे ही कांग्रेस पार्टों को जीत मिली थी उस समय भी ग्रामीण अध्यक्ष ने बिलासपुर जिले (शहर को छोड़कर) मे कांग्रेस की हार की जिम्मेदारी नही ली थी और ना ही अपने पद से इस्तीफा दिया था …इससे पहले भी विजय के एकदम ख़ासम खास कहलाने वाले रतनपुर ब्लाक अध्य्क्ष रमेश सूर्या को भो पद से हटाने को लेकर कांग्रेसी कार्यकर्ताओ ओर पदाधिकारियो ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया था और कार्यवाही ना होने पर पार्टी के लिए आगामी चुनाव मे काम करने मे असमर्थाता जाहिर करते हुए इरादे स्पष्ट कर दिये है ।
एक तरफ जहा प्रदेश के मुखिया आगामी चुनाव को देखते हुए जनता की नब्ज को टटोलने खुद निकल पड़े है और जनता से सीधे रुबरू हो रहे है और इस बार पिछले बार से ज्यादा सीट जीतने का दावा कर रहे है वही दूसरी तरफ दो पदों पर आसीन केशरवानी अपने क्रियकलापो से मीडिया और कांग्रेस पार्टी के अंदर खासी चर्चाओं में बने हुए है
ये तो सभी जानते है कि चुनावी साल और मौसम में नेताओ की ये आपसी खींचतान कोई नई बात नही है….
लेकिन नेता जी ये भूल जाते है सत्ता, पद और मान सम्मान में पार्टी के बड़े नेताओं के साथ ही क्षेत्र के मतदाता कुर्सी में बिठाने में अहम रोल अदा करते है…
लेकिन टिकट पाने के चक्कर मे अपने क्षेत्र के रहवासियों और बड़े नेताओं को दरकिनार करना भारी पड़ सकता है…
इसलिए फ्री का चंदन घिसने के बजाय अगर चंदन का तिलक करने की मानसिकता से काम हो तो हर किसी का मन और हर बाजी जीती जा सकती है….