

डेस्क खबर छत्तीसगढ़ ../ सूदखोरी, मारपीट और भयादोहन के मामलों में पिछले 5 महीने से फरार चल रहा वांटेड सूदखोर वीरेंद्र तोमर आखिरकार 162 दिन बाद पुलिस के हत्थे चढ़ गया। रायपुर पुलिस ने शनिवार देर रात ग्वालियर से आरोपी को गिरफ्तार किया और रविवार को रायपुर लाकर कोर्ट में पेश किया। पुलिस ने आरोपी का जुलूस भी निकाला। यह वही रास्ता था जहां कभी वीरेंद्र तोमर वसूली और रंगदारी करता था। पुलिस ने बदमाश के आतंका और भय को खत्म करने के लिए रायपुर की सड़को पर उसका बनियान और लोअर पहना कर जुलूस भी निकाला ।
जुलूस के दौरान वीरेंद्र तोमर ने गिरने की एक्टिंग कर बचने की कोशिश की, वहीं उसकी पत्नी ने मौके पर पहुंचकर गिरफ्तारी का विरोध किया,और पुलिस पर ही उसके पति की हत्या की साजिश का आरोप लगाकर जमकर हंगामा भी किया लेकिन पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए कार्रवाई जारी रखी।
गौरतलब है कि वीरेंद्र तोमर और उसका भाई रोहित तोमर जून 2025 से फरार चल रहे थे। गिरफ्तारी से बचने के लिए दोनों ने उत्तर प्रदेश, राजस्थान और अंततः मध्यप्रदेश में ठिकाने बदले। हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद वीरेंद्र ग्वालियर के विंडसर हिल्स टाउनशिप में किराए के मकान में छिपा था, जहां से पुलिस ने उसे दबोचा।
तोमर बंधुओं पर सूदखोरी, ब्लैकमेलिंग, मारपीट और आर्म्स एक्ट जैसे कई गंभीर अपराध दर्ज हैं। पुलिस ने पहले ही दोनों की पत्नियों और सहयोगियों को गिरफ्तार किया था। हाल ही में कोर्ट ने पत्नियों को जमानत दी थी। प्रशासन ने तोमर बंधुओं की करोड़ों की संपत्ति पहले ही कुर्क कर ली है। रायपुर जिला प्रशासन ने उनके आलीशान मकान, जमीन और लग्जरी कारें जब्त की थीं। उनके ऑफिस पर बुलडोजर चलाकर प्रशासन ने साफ संदेश दिया था कि अपराध से अर्जित संपत्ति पर अब सरकार की सख्त नजर है।