बिलासपुर के लोखंडी में बेशकीमती सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा: तहसीलदार का नोटिस, ग्रामीणों में मचा हड़कंप ** ..

बिलासपुर डेस्क/ बिलासपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे की घटनाएँ तेजी से बढ़ रही हैं, और अब एक नया मामला सामने आया है। आदिवासी महिला की शिकायत के बाद ग्राम लोखंडी में अवैध निर्माण और कब्जे की स्थिति को लेकर तहसीलदार ने नोटिस जारी किया है। इस मामले ने गांव और राजस्व विभाग में हलचल मचा दी है।
ग्राम लोखंडी में कुछ ग्रामीणों ने निस्तार पत्रक में दर्ज छोटे झाड़-जंगल की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है। इस जमीन पर कब्जाधारियों ने लगभग आधा दर्जन दुकानों का निर्माण भी शुरू कर दिया है। यह कब्जा और निर्माण सरकारी भूमि पर सीधे आक्रमण है, जो ग्रामीणों की और राजस्व विभाग की मिलीभगत को उजागर करता है।
समाजिक कार्यकर्ता और बीजेपी महिला कार्यकर्ता सरोज करकेट्टा ने इस अवैध कब्जे के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों से लिखित शिकायत की, जिसके बाद सकरी नायब तहसीलदार ने इस मामले में नोटिस जारी कर निर्माण कार्य पर तत्काल रोक लगाने के आदेश दिए। हालांकि, सरकारी आदेशों को नजरअंदाज करते हुए अवैध कब्जाधारी निर्माण कार्य को जारी रखते रहे।
सरोज करकेट्टा की शिकायत के बाद तहसीलदार को दूसरी बार हस्तक्षेप करना पड़ा। उन्होंने अवैध कब्जाधारियों को दोबारा नोटिस जारी कर निर्माण कार्य को तुरंत रोकने और 31 जुलाई तक दस्तावेजों के साथ न्यायालय में पेश होने का आदेश दिया है। यह स्थिति तब उत्पन्न हुई जब सरकारी आदेशों का पालन न करने के कारण निर्माण कार्य जारी रहा।
ग्राम लोखंडी में सरकारी जमीन पर कब्जे की घटनाओं का यह नया मामला केवल एक उदाहरण है। पूर्व में भी कई शिकायतें आई हैं, लेकिन सख्त कार्रवाई की कमी के कारण ऐसी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी जमीन पर कब्जे और अवैध निर्माण के मामलों में एक विशेष समस्या यह भी है कि ग्राम पंचायत इन शिकायतों को गंभीरता से नहीं लेती और कार्यवाही से इंकार कर देती है। इस मामले में भी ग्राम पंचायत ने किसी भी अवैध निर्माण की शिकायत मिलने से इंकार कर दिया गया है ।
इस घटना ने बिलासपुर में सरकारी भूमि के संरक्षण और अवैध कब्जों की समस्या को फिर से उजागर कर दिया है। अब देखने वाली बात यह होगी कि तहसीलदार के आदेश के बाद स्थिति में कितना सुधार होता है और क्या अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होती है।
वर्तमान में, प्रशासन के लिए यह एक बड़ी चुनौती है कि वह सरकारी भूमि पर कब्जे और अवैध निर्माण को नियंत्रित कर सके और कानून के उल्लंघन के खिलाफ सख्त कदम उठाए। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि ऐसी घटनाएँ भविष्य में न हों और सरकारी संपत्तियों की रक्षा हो सके।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम लोखंडी में कई सरकारी जमीन पर अभी भी कब्जा है लेकिन शिकायत के बाद भी कार्यवाही नही हो रही है । अब देखना होगा कि इस नोटिस के बाद और पटवारी के प्रतिवेदन के बाद सरकारी जमीन पर कब्जे को कब नेस्टाबुत किया जाता है ताकि सरकारी जमीनों को सुरक्षित रखा जा सके ।
