डेस्क खबरबिलासपुर

बिलासपुर रेल हादसे के बाद बड़ी कार्रवाई , सीआरएस जांच में 18 रेलकर्मी हुए तलब, एक ट्रैक पर फिर दिखीं तीन ट्रेनें, यात्रियों में मचा हड़कंप तो रेल अधिकारियों ने तोड़ी चुप्पी जारी किया बयान ! अपोलो अस्पताल से क्या खुलेगे हादसे के राज ..??



डेस्क खबर बिलासपुर रेल हादसे के बाद जांच प्रक्रिया ने रफ्तार पकड़ ली है। हादसे की गंभीरता को देखते हुए रेलवे सेफ्टी कमिश्नर (CRS) के अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है और रेलवे के 18 अधिकारी-कर्मचारियों को पूछताछ के लिए तलब किया गया है। डीआरएम ऑफिस में सुबह से ही जांच की कार्यवाही जारी है, जहां एक-एक कर सभी जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों से जवाब मांगा जा रहा है। प्रारंभिक जांच में मेमू ट्रेन के लोको पायलट की लापरवाही की बात सामने आई है। विभागीय सूत्रों के अनुसार  रेलवे की जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में भी लोको पायलट को इस हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया है ।



बिलासपुर से कोरबा जाने वाली मेमू ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त होने से अब तक 11 यात्रियों की मौत हो चुकी है, जबकि 18 लोग घायल हैं। हादसे के बाद से रेल यात्रियों में दहशत का माहौल है। इस बीच एक और चिंताजनक स्थिति सामने आई है ।कोटमीसोनार और जयरामनगर स्टेशन के बीच एक ही ट्रैक पर दो मालगाड़ियां और एक यात्री ट्रेन आमने-सामने खड़ी दिखाई दीं। इस नजारे से यात्रियों में हड़कंप मच गया और कई लोग ट्रेन से नीचे उतर आए। देखते देखते इस घटना से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होते ही मीडिया में इस खबर को लेकर चर्चा तेज होने लगी तो लालखदान हादसे में चुप्पी रखने वाला रेल प्रशासन ने सफाई करते हुए इस वीडियो से जुड़ी खबरों को भ्रामक करने वाला बता कर एक ट्रैक में में तीन गाड़ियों की जानकारी साझा की ।




रेलवे के सूत्रों की माने तो रेलवे प्रशासन ने हादसे में हुई जांच में लोको पायलट को जिम्मेदार बताया है और सिग्नल ओवर शूट की घटना को हादसे की वजह माना है । सूत्रों का दावा है कि जिस जगह यह दर्दनाक हादसा हुआ है वहां होम सिग्नल लगा हुआ है और वहां पर गाड़ी को एक स्पीड में चलना पड़ता है । कुछ जानकर का यह कहना है जहां मालगाड़ी खड़ी हुई थी वह इस स्थान पर खड़ी नहीं रह सकती है क्योंकि उसी स्थान से बिलासपुर स्टेशन में पहुंचने के लिए खाली प्लेटफार्म में ठहराव के लिए गाड़ियों का ट्रैक बदला जाता है । कुछ लोगों का कहना है कि गाड़ी में मृतका चालक के साथ सहायक महिला लोको पायलट मौजूद थी तो दोनों में किसी को भी सामने खड़ी मालगाड़ी नजर कैसे नजर नहीं आई .?? जबकि मालगाड़ी के गार्ड ने सामने आती मौत को देख किसी तरह अपनी जान बचाई ।हादसे में रेलवे की लापरवाही के चलते 11 मौतों के बाद कई सवाल खड़े हो रहे है जिसका जवाब देने में जिम्मेदार अधिकारी मीडिया के कैमरे से बचते नजर आए । अलग अलग सूत्रों के अलग दावे है और अलग अलग कयास लगाए जा रहे है लेकिन इन सबके बीच अपोलो अस्पताल से एक राहत भरी खबर आई । अपोलो अस्पताल के पी आर ओ देवेश गोपाल से मिली जानकारी के अनुसार गंभीर रूप से घायल महिला लोको पायलट की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है और अब उसने धीरे धीरे बात भी करनी शुरू कर दी है । अपोलो से आई इस सुखद खबर के बाद अब इस हादसे का पूरा सच सामने आने की उम्मीद की जा रही है क्योंकि इस पूरे हादसे में मेमू गाड़ी के इंजन में मृतक लोको पायलट विद्यासागर के साथ सहायक लोको पायलट रश्मि मौजूद थी और हादसे की सबसे बड़ी चश्मदीद ही बता पाएगी कि आखिरकार यह हादसा की असली वजह क्या थी ..??


वही लदान के जरिए रिकार्ड बना कर करोड़ो अरबों रु कमाने वाला दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का बिलासपुर जोन द्वारा मुआवजा राशि को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे है । कांग्रेसी नेताओं ने भी इस बात की चर्चा कर मृतकों और घायलों को एक करोड़ और ,50 लाख मुआवजा की मांग की थी । लेकिन रेल प्रशासन ने मुआवजा राशि बढ़ाने पर भी कोई प्रतिक्रिया जारी करना मुनासिब नहीं समझा । वही घटनास्थल पर मीडिया कर्मियों से रेल कर्मचारियों और अधिकारियों की हुई बहसबाजी की चर्चा भी मीडिया जगत में लगातार जारी है ।

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