

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही/बिलासपुर।
डेस्क खबर बिलासपुर ../ जीपीएम जिले की सीमा से लगे बिलासपुर जिले के भनवारटक स्थित प्रसिद्ध मरही माता मंदिर दर्शन करने पहुंचे बलौदाबाजार जिले के ध्रुव परिवार के साथ रविवार देर शाम को दिल दहला देने वाला हादसा हो गया। मंदिर दर्शन कर लौटते समय अचानक उफान पर आए नाले में तीन मासूम बह गए। इनमें से तीन बच्चों के शव रविवार को ही बरामद कर लिए गए थे, वहीं सोमवार सुबह रेस्क्यू टीम को बच्ची को बचाने कूदे पिता का शव भी मिला, इस दर्दनाक हादसे में अब तक कुल चार लोगों की मौत हो चुकी है..मृतक दो बच्ची बलौदाबाजार जिले की रहने वाली थी जबकि मुस्कान और उसका पिता बलराम बिलासपुर के परसदा इलाके के निवासी थे ।
बलौदाबाजार जिले के बिटकुली गांव का ध्रुव परिवार रविवार सुबह बस से मरही माता मंदिर दर्शन करने पहुंचा था.. पूजा-अर्चना के बाद लौटते समय अचानक तेज बारिश से नदी-नाले उफान पर आ गए.. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि भनवारटक नाले के ऊपर पानी भरने से बस चालक ने यात्रियों से पैदल नाला पार करने को कहा था..जबकि बेलगहना चौकी प्रभारी ने स्पष्ट किया कि मंदिर जाने वाले रास्ते में बस नहीं जा सकती थी और सभी यात्री दूर खड़ी बस तक पहुंचने के लिए पानी के तेज बहाव के बावजूद नाले को पार करने की कोशिश कर रहे थे और यह हादसा हो गया

इसी दौरान ध्रुव परिवार के तीन बच्चे तेज बहाव में बह गए.. बच्चों को बचाने के लिए उनके पिता बलराम ने भी हिम्मत दिखाई और नाले में छलांग लगा दी, लेकिन तेज धार उन्हें भी अपने साथ बहा ले गई..
मृतक और बरामद शव

इस हादसे में अब तक गौरी ध्रुव (13), निशांत ध्रुव (5), मुस्कान ध्रुव (13) और उनके पिता बलराम ध्रुव की मौत हो चुकी है। सोमवार को रेस्क्यू टीम ने उनके पिता बलराम का शव भी बरामद कर लिया। परिवार पर गम का पहाड़ टूट पड़ा है।
रेस्क्यू ऑपरेशन कर शव बरामद

हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन ने रविवार देर शाम से ही रेस्क्यू शुरू कर दिया था। लेकिन तेज बहाव और अंधेरा होने से दिक्कतें आईं। सोमवार सुबह एसडीआरएफ की टीम ने पुनः अभियान शुरू किया और लापता पिता बलराम का शव बरामद किया।
गांव में पसरा मातम
एक ही परिवार के चार सदस्यों की दर्दनाक मौत ने पूरे बलौदाबाजार के बिटकुली गांव और बिलासपुर के बोदरी को गहरे शोक में डाल दिया है.. गांव के लोग स्तब्ध हैं और परिवार के बाकी सदस्य रो-रोकर बेसुध हो गए हैं। मरही माता मंदिर परिसर और आसपास के इलाके में भी शोक और सन्नाटा पसरा हुआ है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि बरसात के मौसम में नदी-नाले पार करने से बचें। खासकर पहाड़ी और ग्रामीण इलाकों में अचानक बारिश से जलस्तर तेजी से बढ़ जाता है, जिससे बड़ा हादसा हो सकता है।