बिलासपुर

हत्या के मामले में सजा काट रहे कैदी को हाईकोर्ट से राहत।
आजीवन कारावास की सजा निरस्त.

बिलासपुर।13 साल पहले एटीएम में डकैती के दौरान गार्ड की गोली मारकर हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आरोपियों की सजा हाई कोर्ट ने निरस्त कर दिया है। मामले में पहले आरोपियों को जांजगीर के सक्ति कोर्ट से आजीवन सजा और 3-3 लाख रुपए जुर्माना लगाया था। आरोपियों को पुलिस के गलत विवेचना का लाभ हाई कोर्ट में मिल गया और आजीवन सजा को निरस्त करने पड़ा।

पुलिस की लापरवाही पूर्वक जांच से कुख्यात डकैत पुष्पेंद्र चौहान और उसके तीन साथियों को आजीवन कारावास की सजा से मुक्ति मिल गई। पुलिस ने जांच सही नही किया जिससे आरोपितों को हाई कोर्ट से लाभ मिल गया। मामला इस प्रकार है कि कुख्यात डकैत पुष्पेंद्र नाथ चौहान पर आरोप था कि उन्होंने 29 दिसंबर 2008 को शक्ति रेलवे स्टेशन के पास एक एटीएम की लूट की थी। डकैती के दौरान गार्ड सीताराम की गोली मारकर हत्या कर दी थी, और लूट के दौरान आरोपियों ने एटीएम से 14 लाख रुपए निकाल कर ले गए थे। इस मामले में जांजगीर-चांपा जिले के बाराद्वार थाना क्षेत्र के ग्राम दर्रा भाटा निवासी पुष्पेंद्र नाथ चौहान उर्फ मनीष और उसके साथियों को पुलिस ने 2008 में बिलासपुर रेलवे स्टेशन में गिरफ्तार किया था, जब सभी डकैती की योजना बना रहे थे। सभी इस समय सेंट्रल जेल बिलासपुर में बंद हैं। उनके खिलाफ सक्ति कोर्ट में केस चला। 30 मई 2014 को द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। चारों पर 3-3 का जुर्माना भी हुआ था। इस रकम में से 14 लाख रुपए स्टेट बैंक को देना था। डकैती के आरोपियों ने जिला कोर्ट के इस फैसले को अधिवक्ता अजय अयाची के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद डकैत सरगना सहित सभी को इस केस से बरी कर दिया है।

error: Content is protected !!