
डेस्क खबर बिलासपुर…/ बिलासपुर की धार्मिक नगरी रतनपुर मे कछुओं की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नही ले रहा है, अभी 23 कछुओं की मौत की जांच की आंच भी ठंडी नही हुई थी की फिर एक बार महामाया मंदिर परिसर से सटे कलपेसरा तालाब में एक बार फिर जाल में फंसे चार मृत कछुए मिलने से सनसनी फैल गई है। यह तालाब नगर पालिका के अधीन आता है और यहां पर नगर पालिका द्वारा नौका विहार की सुविधा भी दी जाती है। अभी कुछ समय पहले ही मंदिर ट्रस्ट के अधीन एक कुंड से 23 मृत कछुए बरामद किए गए थे, जिसकी जांच अब तक पूरी नहीं हुई है।

अब फिर से मृत कछुओं का मिलना इस पूरे मामले को और गंभीर बना रहा है। वन विभाग ने मौके पर पहुंचकर कछुओं के शव और जाल को जब्त कर लिया है। विभाग अब यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि तालाब में जाल कौन बिछा रहा है और क्या यह किसी अवैध गतिविधि से जुड़ा हुआ है।
पूर्व में मंदिर ट्रस्ट के कुंड से मृत कछुए मिलने पर ट्रस्टियों को आरोपी बनाया गया था। लेकिन अब सवाल उठ रहे हैं कि नगर पालिका की जिम्मेदारी वाले तालाब में भी अगर इसी तरह जाल में कछुए मिल रहे हैं तो इसमें जिम्मेदारी किसकी होगी?

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि तालाबों की नियमित निगरानी नहीं की जा रही, जिससे ऐसे हादसे हो रहे हैं। वन विभाग ने इस बार कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए हैं और जांच के बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है। अब देखना होगा कि क्या इस बार भी दोष तय होंगे या फिर मामला ठंडे बस्ते में चला जाएगा।
गौरतलब है की ट्रस्ट द्वारा बिलासपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बोला गया था कि महामाया ट्रस्ट को फसाने की साजिश की जा रही है आज फिर जाल कछुआ मिलने से यह स्पष्ट होते दिख रहा है कि वाकई ट्रस्ट को फसाने की साजिश की जा रही है क्योंकि अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि रतनपुर में जो 23 कछुआ पहले बरामद हुआ था उसका कौन मारा था? शक के आधार पर ट्रस्टी और अन्य के विरुद्ध में वन विभाग के द्वारा कार्यवाही किया गई है वन विभाग की जांच पर सवाल खड़े हो रहे है और रतनपुरवासी भी कार्यवाही से विभाग से नाराज बताकर पूरे मामले को लेकर आंदोलन की बात कहती नजर आ रहे है।
