

डेस्क खबर बिलासपुर ../ नेशनल हाईवे 63 ओल्ड बस स्टैंड के क़रीब स्थित भारतीय स्टेट बैंक बीजापुर शाखा को एलॉट हुए नए भवन में रविवार देर रात हुई एक ‘विदाई पार्टी’ आसपास के निवासियों के लिए परेशानी का सबब बन गई। पार्टी का माहौल उस समय विवादित हो गया जब यह आयोजन कथित रूप से शराब पार्टी में तब्दील हो गया और देर रात तक इसका शोर मुख्य सड़क तक गूंजता रहा। अब बैंक कर्मियों के शराबखोरी और संगीत की धुन पर थिरकते कर्मियों का वीडियो मोबाइल में वायरल हो रहा है।
क्या है पूरा मामला?
बीजापुर के मेन रोड पर एसबीआई को हाल ही में नया भवन आवंटित किया गया है, जहां बैंक जल्द ही स्थानांतरित होने वाला है। इसी बीच रविवार को शाखा के एक कर्मचारी की विदाई के उपलक्ष्य में नए भवन में पार्टी आयोजित की गई थी। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि यह ‘विदाई पार्टी’ देर रात शराब पार्टी में बदल गई। तेज संगीत, शोरगुल और हुल्लड़ की वजह से आस-पास के रहवासियों को परेशानी हुई।कुछ राहगीरों ने भी देर रात बैंक परिसर से आ रही तेज आवाजों को लेकर हैरानी जताई।
बैंक प्रबंधन की सफाई
एसबीआई बीजापुर शाखा प्रबंधक अभय प्रताप सिंह ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि “कर्मचारियों ने विदाई पार्टी आयोजित की थी, लेकिन इसका उद्देश्य किसी को परेशान करना नहीं था। यदि किसी को असुविधा हुई है तो हमें खेद है।” हालांकि उन्होंने शराब पार्टी की बात से इनकार नहीं किया और न ही यह स्पष्ट किया कि इसके लिए कोई लाइसेंस या अनुमति ली गई थी या नहीं।
आबकारी विभाग के अधिकारी ने बताया कि निजी भवनों में पार्टी आयोजित करने और शराब परोसने के लिए एक दिन का लाइसेंस लेना अनिवार्य है। बीजापुर एसबीआई के नए भवन में आयोजित विदाई पार्टी के मामले में, यदि शराब परोसी गई थी, तो इसके लिए आवश्यक अनुमति ली गई थी या नहीं, यह जांच का विषय है।
अब उठ रहे हैं ये सवाल…
क्या बैंक भवन जैसे सार्वजनिक परिसर में शराब पार्टी आयोजित करना वैध था? क्या एसबीआई ने आबकारी विभाग से पार्टी के लिए एक दिवसीय लाइसेंस प्राप्त किया था? क्या बैंक कर्मचारियों के इस आचरण के लिए कौन है जिम्मेदार ?
अब नागरिक भी उठा रहे सवाल :
वरिष्ठ नागरिक और समाजसेवी राजीव गांधी ने कहा कि जो भी हुआ ग़लत हुआ। जिम्मेदार पद पर बैठे बैंक अधिकारी कर्मचारियों का इस कदर मुख्य सड़क किनारे सरकारी भवन में बैठकर शराब पीना और नाच गाना मस्ती करके लोगों को असुविधा पहुंचाना ग़लत है। उच्च अधिकारियों को ऐसे घटनाओं को होने से रोकना चाहिए। स्टेट बनके जैसे सम्मानित संस्था में कार्यरत कर्मचारियों का यह रवैया लोगों और नगर के हित में नहीं है।
पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष बेनहूर रावतिया ने कहा की जो भी हुआ पूरी तरह ग़लत है। इस प्रकार का कृत्य बैंक कर्मियों को शोभा नहीं देता ऐसा नहीं किया जाना चाहिए। बैंक प्रबंधन को ध्यान रखना चाहिए की ऐसा दोबारा न हो। जो जिम्मेदार हैं उन पर उचित कार्रवाई की जाये। कर्मचारियों को अपने दायरे में रहकर कार्य करना चाहिए।
एक दिवसीय लाइसेंस अनिवार्य:
छत्तीसगढ़ आबकारी नियमों के तहत निजी भवनों में शराब परोसने के लिए एक दिवसीय लाइसेंस लेना अनिवार्य है। अनुमति के बिना आयोजन अपराध
बिना अनुमति शराब पार्टी आयोजित करना कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है।