
ओडिशा के बालेश्वर जिले की एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। फकीर मोहन (स्वायत्त) कॉलेज की 20 वर्षीय छात्रा ने आत्मदाह कर अपनी जान गंवा दी, जिसके पीछे यौन उत्पीड़न के आरोप और प्रशासन की बेरुखी को कारण बताया जा रहा है। अब मृतका के बड़े भाई ने साइबर उत्पीड़न को लेकर गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई है।
पीड़ित परिवार का कहना है कि उनकी बहन की मौत को कुछ लोग राजनीतिक लाभ के लिए भुनाने की कोशिश कर रहे हैं। भाई द्वारा दी गई शिकायत में चार लोगों के नाम स्पष्ट रूप से दर्ज किए गए हैं, जिन पर अपमानजनक और झूठी बातें सोशल मीडिया पर फैलाने का आरोप है। उनका कहना है कि सोशल मीडिया पर अपशब्दों, गंदे कमेंट्स और झूठे आरोपों के जरिए उनके परिवार को निशाना बनाया जा रहा है, जो पहले से ही भारी मानसिक आघात से गुजर रहा है।
भाई ने चेतावनी देते हुए कहा है, “अगर हमें न्याय नहीं मिला तो पूरा परिवार आत्महत्या कर लेगा।” यह बयान दर्शाता है कि वह किस स्तर के मानसिक दबाव और अवसाद में हैं। उन्होंने निष्पक्ष जांच और पूरे परिवार को पर्याप्त सुरक्षा देने की मांग की है।
इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कॉलेज के प्रोफेसर समीर कुमार साहू और प्राचार्य दिलीप घोष को गिरफ्तार किया है। इन दोनों पर आत्महत्या के लिए उकसाने और यौन उत्पीड़न के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पीड़िता बीएड इंटीग्रेटेड कोर्स की द्वितीय वर्ष की छात्रा थी, जिसने 12 जुलाई को खुद को आग के हवाले कर दिया था। 95% जलने के बाद उसे एम्स भुवनेश्वर में भर्ती किया गया, जहां 60 घंटे तक जीवन-मृत्यु से संघर्ष के बाद उसकी मौत हो गई।
इस मामले ने एक बार फिर छात्राओं की सुरक्षा, प्रशासनिक लापरवाही और ऑनलाइन उत्पीड़न जैसे मुद्दों को केंद्र में ला दिया है। अब देखना होगा कि क्या ओडिशा प्रशासन इस पीड़ित परिवार को न्याय दिला पाएगा या एक और मामला सिर्फ खबरों तक सीमित रह जाएगा।

