घोड़ों में घातक बीमारी ग्लैंडर्स की पुष्टि, संक्रमित दोनों घोड़ों को दिया गया जहर ..अलर्ट पर प्रशासन इलाके में मचा हड़कंप ..!


आकाश प्रधान की कलम से
डेस्क खबर अंबिकापुर: जिले में घोड़ों, गधों और खच्चरों में पाई जाने वाली गंभीर और संक्रामक बीमारी ग्लैंडर्स की पुष्टि होने के बाद स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन में हड़कंप मच गया है। यह बीमारी आमतौर पर अश्व प्रजाति में पाई जाती है और इंसानों में भी फैल सकती है, जिससे इसे लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। जानकारी के अनुसार, विवाह आयोजनों में उपयोग किए जाने वाले दो घोड़ों में ग्लैंडर्स के लक्षण पाए गए थे। संदेह होने पर दोनों के ब्लड सैंपल राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र, हिसार भेजे गए। प्रारंभिक रिपोर्ट में एक घोड़े की रिपोर्ट पॉजिटिव और दूसरे की निगेटिव आई, जिससे सटीक निष्कर्ष के लिए पांचवीं बार सैंपल भेजे गए। ताजा रिपोर्ट में दोनों ही घोड़ों के सैंपल पॉजिटिव पाए गए हैं। अब पशु चिकित्सा विभाग ने प्रोटोकॉल के तहत दोनों संक्रमित घोड़ों को जहर देकर मारने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, ताकि बीमारी के प्रसार को रोका जा सके। इसके साथ ही नगर निगम क्षेत्र में तीन माह तक अश्व प्रजाति के पशुओं के आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। राज्य सरकार ने इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी कर दिए हैं।

चूंकि ग्लैंडर्स मानवों में भी फैल सकता है, इसलिए जिला प्रशासन ने उन सभी स्थानों की पहचान शुरू कर दी है जहां घोड़े रखे गए हैं। घोड़ा मालिकों और संपर्क में आए लोगों के साथ-साथ मैनपाट जैसे पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों के भी ब्लड सैंपल लेकर जांच की जाएगी। प्रशासन ने आम नागरिकों से सावधानी बरतने और किसी भी संदिग्ध लक्षण की सूचना तुरंत देने की अपील की है।
शादी समारोह में इस्तेमाल होने वाले दो घोड़े जिसमे ग्लैंडर्स नामक खतरनाक बीमारी से ग्रसित दोनों घोड़े को पशु विभाग के कर्मचारियों द्वारा नगर निगम की गाड़ी से सभी प्रोटोकॉल के तहत घोड़े मालिक के घर से ले जाया गया, निगम क्षेत्र में ही दोनों घोड़े को बेहोशी का इंजेक्शन देकर मार दिया गया है , अब जिला प्रशासन सहित पशु विभाग घोड़े के सम्पर्क में आए लोगो की ब्लड सैंपल लेने सहित इस इलाके में आए सैलानियों की तैयारी में जुट गया है ।

