
डेस्क खबर बिलासपुर। शहर के ज्वाली नाला रोड पर नगर निगम द्वारा की गई बुलडोजर कार्रवाई को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। सोमवार को इस मामले में नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए जब सिंधी समाज के व्यापारी अपनी शिकायत लेकर मेयर पूजा विधानी के कार्यालय पहुंचे। आरोप है कि निगम ने जानबूझकर केवल सिंधी समाज के व्यापारियों को निशाना बनाया और उनकी दुकानों को गिरा दिया।
व्यापारियों की शिकायत पर मेयर पूजा विधानी ने तत्काल नगर निगम आयुक्त अमित कुमार सहित अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं किया गया। इससे नाराज मेयर ने भवन शाखा प्रभारी सुरेश शर्मा को अपने चेंबर में बुलाकर व्यापारियों के सामने जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि “क्या सिंधी समाज के लोगों को आप पागल समझते हैं?”
मेयर ने कहा कि वह स्वयं सिंधी समाज से आती हैं और उनके समाज के व्यापारियों को टारगेट करना पक्षपातपूर्ण कार्रवाई है। उन्होंने अफसरों पर आरोप लगाया कि यह कार्रवाई बिना सूचना और मानवीय संवेदना के की गई है। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि निगम में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
व्यापारियों ने बताया कि वे पिछले चार साल से नक्शा पास कराने के लिए आवेदन कर चुके हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। वहीं कुछ ऐसे दुकानदार हैं जिनके निर्माण को नहीं छुआ गया, जिससे भेदभाव की आशंका और भी गहराई है।
मेयर ने भवन शाखा अधिकारी से तीखे लहजे में पूछा कि जब निर्माण हो रहा था, उस वक्त निगम के अधिकारी कहां थे। उस समय नोटिस क्यों नहीं जारी किया गया? जवाब में सुरेश शर्मा ने कहा कि अवैध निर्माण पर पहले ही नोटिस दिया गया था और फिर भी निर्माण जारी रखा गया, इसलिए बुलडोजर कार्रवाई की गई।
बाद में नगर निगम आयुक्त अमित कुमार ने मेयर का फोन कॉल बैक किया और तीन बजे ऑफिस में मिलने की बात कही। इस दौरान मेयर के पति अशोक विधानी भी व्यापारियों के समर्थन में आ गए। उन्होंने बताया कि कुछ दुकानदारों के पास पहले से नक्शा पास है और उन्हें बिना मौका दिए तोड़फोड़ कर दी गई।
व्यापारियों का दावा है कि उन्हें लाखों का नुकसान हुआ है। किसी का 40 लाख तो किसी का 30 लाख तक का नुकसान बताया जा रहा है। इस पूरी घटना ने निगम की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

