

डेस्क खबर बिलासपुर ./ बिलासपुर शिक्षा विभाग का एक आदेश चर्चा में बना हुआ है । जिले के शिक्षा अधिकारी ने का नया कारनामा सामने आया जहां पुलिस रिकार्ड में फरार पास्को एक्ट के आरोपी शिक्षक की बहाली कर दी । जबकि इस फरार आरोपी शिक्षक की तखतपुर पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही है । ऐसे में छात्रा से बेड टच के आरोपी शिक्षक की बहाली पर सवाल खड़े हो रहे है । मिली जानकारी के अनुसार तखतपुर विकासखंड के प्राथमिक शाला खुड़ियाडीह में पदस्थ शिक्षक अशोक कुर्रे के खिलाफ स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं ने मारपीट और गाली गलौज सहित बेड टच की शिकायत की थी । छात्राओं की शिकायत के बाद जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश के बाद हुई जांच में इन आरोपों की पुष्टि भी हो गई ।
27 फरवरी 2025 को जिला शिक्षा अधिकारी, बिलासपुर के निर्देश के बाद खंड शिक्षा अधिकारी, तखतपुर ने इस मामले की सूचना अप्रैल अंतिम में तखतपुर पुलिस को दी ।

शिक्षा को शर्मशार करने वाले मामले में भी शिक्षा विभाग ने घोर लापरवाही बरतते हुए करीब जांच में पुष्टि होने के बाद भी पुलिस को सूचना देने में दो महीने का समय लगा दिया यानी शिक्षक को फरार होने का पूरा मौका दे दिया । शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के आधार पर और छात्रा के बयान के बाद पुलिस ने आरोपी शिक्षक के खिलाफ पास्को एक्ट जैसी गंभीर धाराओं के तहत मामला भी दर्ज कर लिया । शिक्षा विभाग द्वारा ऐसे अतिसंवेदनशील मामले में लेटलतीफी से मिली जानकारी के कारण पास्को एक्ट का आरोपी शिक्षक आज तक पुलिस रिकार्ड के फरार है । जिसकी तलाश भी की जा रही है ।
वहीं पुलिस रिकार्ड में फरार और जांच के दोषी पाए जाने के बाद भी शिक्षा अधिकारी ने दोषी शिक्षक अशोक कुर्रे को ज्वाइनिंग भी दे दी ।

इस मामले में थाना तखतपुर में एफआईआर क्रमांक 0199/25 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। एफआईआर के बाद शिक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था। हालांकि, इस गंभीर आरोप और दर्ज एफआईआर के बावजूद 15 मई को जिला शिक्षा अधिकारी, बिलासपुर ने उक्त शिक्षक को पुनः बहाल कर दिया। शिक्षक अशोक कुर्रे को अब प्राथमिक शाला खपरी, तखतपुर में पदस्थ किया गया है।
पीड़ित पक्ष और समाजिक कार्यकर्ताओं ने इस बहाली पर नाराजगी जताई है और प्रशासन से पुनः विचार करने की मांग की है। उनका कहना है कि जब तक न्यायिक प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, ऐसे मामलों में लिप्त शिक्षकों को बहाल करना छात्र सुरक्षा के लिहाज से अनुचित है। वहीं शिक्षा अधिकारी के आदेश के बाद शिक्षा विभाग सवालों के घेरे में खड़ा हुआ नजर आ रहा है ।

