

डेस्क खबर बिलासपुर../ प्रदेश की न्यायधानी बिलासपुर के तारबहार और कोतवाली थानों का आदतन बदमाश अंकुश यादव, जिस पर हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं, एक बार फिर सुर्खियों में है। हाल ही में सिटी कोतवाली पुलिस की कार्यवाही के बादजेल भेजे गए बदमाश अंकुश का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें उसके समर्थक जेल में उससे मिलते दिखाई दे रहे हैं। इतना ही नहीं बदमाश ने बकायदा इसका वीडियो बना के सोशल मीडिया में भी वायरल करवा कर अपना खौफ और रौब दिखाने का भी प्रयास किया ।
जेल में मोबाइल कैसे पहुँचा?
वीडियो के वायरल होने के बाद सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जेल में प्रतिबंधित मोबाइल फोन कैसे पहुँचा? क्या यह जेल प्रशासन की लापरवाही है या किसी प्रकार की मिलीभगत? पहले भी केंद्रीय जेल में पैसों के बदले कैदियों को सुख सुविधा और नशे के सामान मिलने के कई आरोप लग चुके है जिले के कलेक्टर से लेकर एसपी तक जेल का ओचिक निरीक्षण कर चुके है लेकिन उसके बाद भी इस तरह के वीडियो सामने आने के बाद यह साफ जाहिर होता है कि केंद्रीय जेल में पैसों के बदले कैदियों और बदमाशों को आसानी से सुविधाय उपलब्ध है । यह वीडियो प्रशासन की जवाबदेही और जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। जेल के भीतर मोबाइल का पहुँचना कानून व्यवस्था के लिए खतरा है, जिसकी जांच जरूरी है ।

जनता में भय
अंकुश यादव का अपराधिक इतिहास और उसके समर्थकों का यह दुस्साहसिक रवैया समाज में भय का माहौल बना रहा है। अब प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि वह इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करे और सोशल मीडिया से ऐसे वीडियो हटवाने की पहल करे।
यह वीडियो लगभग दो हफ्ते पुराना बताया जा रहा है फिलहाल केंद्रीय जेल बिलासपुर में मोबाइल के साथ नजर आ रहा बदमाश जेल से बाहर है या अभी भी जेल में ही है इसका पता नहीं चल पाया है ।

