डेस्क खबरबिलासपुर

रसुखदारो के विवादित अवैध निर्माण पर निगम की बड़ी कार्रवाई: नेताओं की सिफारिश भी रही बेअसर .! पीले पंजे के सामने एमआईसी मेंबर की नही चली नेतागिरी…!



डेस्क खबर बिलासपुर../ बिलासपुर मे चर्चित महुआ होटल के पास पुराने बस स्टैंड क्षेत्र में नगर निगम ने रविवार को एक बड़े अवैध निर्माण को ध्वस्त करने करने की बड़ी कार्यवाही की गई । यह अवैध और बिना अनुमति का निर्माण निगम के कुछ कर्मचारियों और भाजपा नेताओं की मिलीभगत से खड़ा किया गया था। पहले की शिकायतों के बाद निगम आयुक्त के निर्देश पर करीब एक माह पहले निर्माणकर्ता व्यापारी को नोटिस जारी किया गया था, बावजूद  रसुखदार नेताओ के संरक्षण मे इसके निर्माण कार्य मे लगे रहे। पीले पंजे के कहर से बचाने के लिए सत्ता के एक एमआईसी मेंबर ने इस कार्यवाही को रोकने के लिए पुरा दम लगा दिया लेकिन तमाम कोशिसो के बाद भी उनकी सिफारिश और नेतागिरी को अधिकारियों ने सिरे से खारिज करते हुए तोडफोड की कार्यवाही को अंजाम दिया ।जिसकी चर्चा निगम से लेकर सत्ता तक जोरों पर है।


रविवार को जोन कमिश्नर-5 के नेतृत्व में अतिक्रमण विभाग की टीम जेसीबी मशीनों के साथ पहुंची और तीन मंजिला निर्माण को तोड़ना शुरू कर दिया। अचानक हुई कार्रवाई से हड़बड़ाए व्यापारी ने भाजपा पार्षदों और नेताओं को फोन कर हस्तक्षेप करने की अपील की। मौके पर दूसरे वार्ड के भाजपा पार्षद और एमआईसी सदस्य भी पहुंचे, लेकिन जोन कमिश्नर ने कार्रवाई रोकने से इनकार कर दिया। कार्रवाई के दौरान कुछ समय के लिए बिजली भी गुल हो गई थी, लेकिन जैसे ही बिजली बहाल हुई, तोड़फोड़ फिर शुरू कर दी गई।


MIC मेंबर के खास और उनके इलाके के व्यापारी ने कमिश्नर से आधे घंटे की मोहलत मांगी ताकि अंदर रखे सीमेंट और टाइल्स को निकाल कर सुरक्षित स्थान पर रखा जा सके, लेकिन कमिश्नर ने यह कहकर इनकार कर दिया कि बिजली बंद रहने के दौरान सामग्री निकालने का अवसर पहले ही मिल चुका था। पुराने पार्षदों ने इस कार्रवाई का समर्थन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस शासनकाल में एक प्रभावशाली पार्षद ने मेयर की मिलीभगत से अवैध निर्माण को संरक्षण दिया था और अब वही कार्रवाई रुकवाने दबाव डालने पहुंचा, लेकिन नाकाम रहा।


इस क्षेत्र में अवैध प्लाटिंग और दुकान निर्माण का मामला भी सामने आया है। बताया गया कि एक व्यापारी परिवार ने प्लॉट बांटकर ऊंचे दाम पर बेचे और निगम की नोटिस के बावजूद निर्माण जारी रखा। इन दुकानों में न पार्किंग की जगह छोड़ी गई और न ही फायर सेफ्टी का ध्यान रखा गया, जिससे क्षेत्र में अक्सर जाम की स्थिति बन जाती है। एक दुकान का मामला न्यायालय में लंबित है। साथ ही, आरोप है कि इस संपत्ति के सौदे में राजस्व विभाग को चूना लगाया गया और रजिस्ट्री में भी अनियमितताएं की गई है जिसकी शिकायत आय कर विभाग मे की गई है कुछ दुकानें नाले के ऊपर बनी हैं, जिसे ढंक दिया गया है। नियम के अनुसार, राजस्व विभाग को भी अब इस पर संज्ञान लेना चाहिए। वही निगम के अधिकारियों का कहना है की यह कार्यवाही लगातार जारी रहेगी।

error: Content is protected !!