

डेस्क खबर बिलासपुर../ छत्तीसगढ़ में विपक्ष की भूमिका निभा रही कांग्रेस ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जनहित के कई गंभीर मुद्दों को लेकर एक साथ खोला गया मोर्चे से आए एक वीडियो ने कांग्रेसियों को मुश्किल में डाल दिया । विपक्ष का उद्देश्य बिजली, पानी, सड़क और रोजगार जैसे सार्वजनिक समस्याओं को लेकर जनता की आवाज उठाना था। लेकिन प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा एक ऐसा कदम उठाया गया, जिसने पूरे आंदोलन को विवादों में ला दिया।कांग्रेसियों ने प्रदेश के चुने हुए आदिवासी मुख्यमंत्री विष्णु देव सायं के पोस्टर पर चप्पल चलाते हुए उसे लहराया, जिससे राजनीतिक माहौल गरमा गया। विरोध प्रदर्शन से आए एक वीडियो ने कांग्रेस के आंदोलन की गंभीरता को पीछे धकेल दिया है। जहां उन्हें जनता के मुद्दों को प्रमुखता से सामने लाना था, वहीं अब चर्चा कांग्रेस नेताओं के व्यवहार और चरित्र पर केंद्रित हो गई है।
बिलासपुर कलेक्ट्रेट घेराव के दौरान हुए हंगामे के बाद जिले का राजनीतिक तापमान बढ़ गया है । और मुख्यमंत्री के खिलाफ की गई इस अशोभनीय घटना के खिलाफ बीजेपी ने हल्लाबोल प्रदर्शन करते हुए सिविल लाइन थाने का घेराव किया और कांग्रेसियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की । जिसके बाद पुलिस ने कांग्रेस जिलाध्यक्ष विजय पाण्डे, विजय केशरवानी और शादाब खान सहित कई कांग्रेस नेताओं पर एफआईआर दर्ज की है, मामला नेहरू चौक में हुए उस प्रदर्शन से जुड़ा है, जिसमें कांग्रेसियों द्वारा कथित रूप से मुख्यमंत्री के पोस्टर के साथ अभद्र व्यवहार किए जाने का आरोप लगा है.. कल कांग्रेस के घेराव के बाद आज भारतीय जनता पार्टी, भाजयुमो ने बड़ी संख्या में सिविल लाइन थाने में घेराव किया.. भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष निखिल केशरवानी ने सिविल लाइन थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई, शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने कांग्रेस जिलाध्यक्ष विजय पाण्डे, विजय केशरवानी, शादाब खान सहित अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं के विरुद्ध धारा 190, 191(2), 126(2) और 352 के तहत अपराध दर्ज किया है.. बता दें कि, कांग्रेस का यह प्रदर्शन सड़कों की बदहाली, बिजली बिलों, धान खरीदी सहित अन्य स्थानीय मुद्दों को लेकर किया गया था.. कांग्रेस कार्यकर्ता बड़ी संख्या में नेहरू चौक पहुंचे थे, जहां उनकी पुलिस से तीखी नोकझोंक भी हुई थी ।
भाजयुमो का कहना है कि विरोध जताना सभी का लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन मुख्यमंत्री के पोस्टर के साथ अमर्यादित व्यवहार अस्वीकार्य है। संगठन ने दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है.. एफआईआर दर्ज होने के बाद जिले का राजनीतिक माहौल और भी गरमा गया है, और दोनों दलों के नेताओं की ओर से बयानबाज़ी का दौर तेज हो गया है और कयास लगाए जा रहे है कि सर्दी के मौसम में राजनैतिक गर्मी अब एक बड़े राजनैतिक अखाड़े का रूप ले सकती है जिसका जनता भी इंतजार कर रही है ।