डेस्क खबरबिलासपुर

शहर में हर गली में सट्टेबाज सक्रिय, पुलिस की निष्क्रियता पर उठे सवाल..!
गुर्गो को पकड़ रही पुलिस बड़े खाईवाल अब भी कानून की गिरफ्त से दूर..?
लेनदेन कर युवक को थाने से छोड़ने के आरोप से  सिविल लाइन पुलिस ने किया इंकार..!





डेस्क खबर बिलासपुर, ../ आईपीएल क्रिकेट के शुरू होते ही बिलासपुर में सट्टेबाजी का नेटवर्क फिर से सक्रिय हो गया है। शहर की हर गली-मोहल्ले में सटोरिए अपने गुर्गों के जरिए क्रिकेट पर सट्टा लगवा रहे हैं। खास बात यह है कि पुलिस और एसीसीयू (एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट) की टीमें इससे बेखबर नजर आ रही हैं, जिससे सटोरियों के हौसले बुलंद हो गए हैं। सूत्रों के अनुसार, तोरवा पुरानी बस्ती, देवरीखुर्द, विनोबा नगर, राजकिशोर नगर और सिंधी कॉलोनी में कई पुराने और कुख्यात सटोरिए सक्रिय हैं।

ये खुद सामने आने के बजाय ऑनलाइन और मोबाइल नेटवर्क के माध्यम से सट्टा चला रहे हैं। शहर में हर दिन लाखों रुपये की सट्टेबाजी हो रही है और इसमें कई स्थानीय युवा भी फंसते जा रहे हैं। पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि आमतौर पर आईपीएल के दौरान पुलिस सक्रिय होती थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं दिख रहा। आरोप है कि कुछ पुलिस और एसीसीयू कर्मियों की मिलीभगत से ऑनलाइन सट्टेबाज बेखौफ अपना नेटवर्क चला रहे हैं। अगर जल्द ही ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो सट्टेबाजी का यह खेल और भी बड़ा रूप ले सकता है।
हालाँकि बिलासपुर की अलग अलग थानो की पुलिस ने दबिश देकर सट्टा पट्टी लिखते हुए रोजी मे काम करने वाले छोटे सटोरियों को अपनी गिरफ्त मे लिया है लेकिन अब भी बड़े खाईवाल सटोरियों के गिरेबांन तक कानून के हाथ नही पहुँच पाए है,।


वही आरोपियों के मीडिया फोटो शूट मे एक सटोरिये आरोपी ने दावा किया किया की विकास सिंह नामक युवक को भी पुलिस ने आन लाइन क्रिकेट सट्टा खिलाने के मामले मे गिरफ्तार किया था। लेकिन लेनदेन कर बिना कार्यवाही के छोड़ दिया गया।


वही इन आरोपो को सिविल लाइन पुलिस ने सिरे से खारिज करते हुए बताया की विकास सिंह को थाने लाया गया था लेकिन उसके मोबाइल मे कुछ भी संदिग्ध नही मिला इसलिए पूछताछ के बाद उसे बिना कार्यवाही के छोड़ दिया गया।

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