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सिस्टम का खामियाजा भुगत रहा दिव्यांग किसान ..।
कलेक्टर ,एसडीएम  नहीं ले रहे सुध ।
दर दर की ठोकर खाने को मजबूर  दिव्यांग किसान .।

बिलासपुर / मस्तूरी ..प्रदेश की न्यायधानी बिलासपुर के मस्तूरी विधानसभ क्षेत्र में रहने वाला एक दिव्यांग किसान सिस्टम की नाकामी का खमियाजा भुगतने को मजबूर है …सिस्टम के जिम्मेदारो की अनदेखी के चलते पीड़ित किसान को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है ..केंद्र सरकार द्वारा मंगलवार को किसान सम्मान निधि की 17 वी क़िस्त किसानों के खाते में डाली गई परन्तु क्षेत्र के एक दिव्यांग किसान के परिवार को सिस्टम की खामियों ने दर दर भटकने मजबूर कर दिया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि विगत कई वर्षों से नही मिला है इसके अलावा कई अन्य शासकीय योजनाओं के लाभ से भी सिर्फ इसलिए वंचित होना पड़ रहा है क्योंकि उनके बैंक खाते का डीबीटी के तहत आधार सीडिंग  दिव्यांग होने के चलते नही हो रहा है।



सीपत निवासी सुजान सिंह का 13 वर्ष पूर्व हुए एक भीषण सड़क दुर्घटना के चलते कमर के नीचे का हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया तब से आज तक बिस्तर में जिंदगी काटने मजबूर है, परिवार का एकमात्र कमाने वाला सुजान सिंह के इस स्थिति के कारण आर्थिक हालात कमजोर होते गए और अब उनको किसान होने का लाभ भी नही मिल पा रहा है। उनका कहना है कि किसान के नाम पर वोट सारी पार्टियां लेती है लेकिन उसके हित में कोई नहीं सोचती। किसानों की हितैषी मोदी सरकार किसान हितैषी योजना किसान सम्मान निधि समान रूप से सभी हितग्राहियों को दे रही है परंतु कुछ किसान ऐसे भी है जो सरकारी तकनीकी सिस्टम की वजह से परेशान है। उनका कहना है कि बैंक द्वारा भी किसानों को खूब परेशान किया जा रहा है क्योंकि बैंकों में अभी तक ऐसे सुविधाएं ही नहीं है जिससे इस योजना का लाभ किसानों को उनके बैंक अकाउंट पर सीधा प्राप्त हो सके। मजबूर किसान दर – दर की ठोकर खाने मजबूर है। विगत 2 वर्षों से पीड़ित व्यक्ति सुजान सिंह (दिव्यांग) के खाते में किसान सम्मान निधि की राशि नही आई है क्योंकि अधिकारियों द्वारा इस योजना को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुचाने के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं दिखा रहे है ऐसा नहीं है इस समस्या के बारे में उनको सूचना नहीं है लाभार्थी द्वारा बार – बार इस संबंध में एसडीएम मस्तूरी व  बिलासपुर कलेक्टर को जनदर्शन में 5 अगस्त 2023 को लिखित आवेदन पत्र लिखकर दिया गया था उसके बाद भी आज तक पीड़ित दर – दर की ठोकर खा रहा है अभी तक इस सम्बंध में कोई उचित कार्यवाही नहीं किया गया है



जिससे इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ जरूरमंद किसान को नहीं मिल रहा है। सीपत जिला सहकारी बैंक, भारतीय डाक घर, एसबीआई बैंक सीपत में अभी तक दिव्यांग व्यक्तियों को लाभ प्राप्त हो ऐसी सुविधा उपलब्ध नहीं है या बायोमेट्रिक मशीन जिनका आधार कार्ड आँख द्वारा बनाया गया हो उनके सुविधा के लिए उपलब्ध नहीं है जिससे किसान का आधार सीडिंग का कार्य नहीं हो पाता है और इस योजना का लाभ और अन्य बहुत से किसानों को भी नहीं मिल पा रहा है। पीड़ित किसान दिव्यांग है उनके हांथ के किसी भी उंगली का निशान मशीन में नहीं आता है आँख द्वारा आधार कार्ड बनाया गया है और यहां पर कोई भी बैंक में आंख की मशीन नहीं, जिसके कारण आधार सीडिंग नहीं हो रहा है। इसीलिए इस योजना का लाभ बहुत से और व्यक्तियों को भी नहीं मिल रहा है।अब देखना होगा की जनता और सरकार के बीच संवाद का पुल बनने वाला सरकारी तंत्र कब इस दिव्यांग किसान की सुध लेता और कब पीड़ित को सरकारी योजनाओं का उचित लाभ मिलता है ।ताकि किसान हित की बात करने वाली डबल इंजन की बीजेपी की सरकार का सच धरातल में भी दिख सके ।

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