डेस्क खबरबिलासपुर

पार्ट– 21: राशन घोटाला :  ट्रैक्टर से PDS चावल ले जाते वाहन चालक को सिटी कोतवाली पुलिस ने छोड़ा, शिकायत पहुंची उच्च अधिकारियों से लेकर गृहमंत्री  तक.! बड़ा सवाल !  पुख्ता प्रमाण के बाद बीजेपी कार्यकर्ता ऋषि उपाध्याय पत्नी सत्यशीला ,सचिव पुष्पा दीक्षित के खिलाफ कब होगी FIR ..??



डेस्क खबर बिलासपुर./ देश के प्रधानमंत्री मोदी के गरीबों को दिए जाने वाले मुफ्त सरकारी राशन की खुलेआम कालाबाजारी हो रही है । चावल तस्कर और दुकानदार सरकारी राशन के बदले नगद पैसा देते हुए कैमरे में कैद हो चुके है । संबंधित खाद्य विभाग की जांच रिपोर्ट में भी आरोप प्रमाणित हो चुके है लेकिन अधिकारियों की लापरवाही और साठगांठ के चलते जांच में पुष्टि के बाद भी सरकारी राशन की कालाबाजारी वालो के खिलाफ अब तक एफआईआर दर्ज नहीं हो सकी है । बिलासपुर जिले में भी चावल विक्रेता संघ का अध्यक्ष ऋषि उपाध्याय महिला समिति के नाम पर संचालित सरकारी राशन दुकान में अपने पुत्र वैभव उपाध्याय के साथ चावल वितरण और राशन के बदले नगद पैसा देते हुए कैमरे में महीनों पहले कैद हो चुका है जिसके बाद बिलासपुर खाद्य विभाग ने तत्कालीन कलेक्टर के निर्देश पर तत्कालीन खाद्य अनुराज भदौरिया के नेतृत्व में सहायक खाद्य अधिकारी अजय मौर्य और निरीक्षक श्याम वस्त्रकार के साथ छापामार कार्यवाही करते हुए पुत्र वैभव उपाध्याय महिला समिति के नाम पर संचालित राशन दुकान में राशन वितरण करते हुए रंगे हाथों पकड़ाया था और टीम ने मौके पर ही बयान , पंचनामा और स्टॉक की जांच के बाद जय महालक्ष्मी महिला सहायता समूह की दुकान से चावल, शक्कर और नमक की में हेराफेरी और गड़बड़ी पाई थी और बिलासपुर विक्रेता संघ के अध्यक्ष ऋषि उपाध्याय, उनकी पत्नी और समूह की अध्यक्ष सत्यशीला उपाध्याय तथा सचिव पुष्पा दीक्षित के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 के तहत दंडनीय अपराध माना गया है, और इसके लिए जून महीने में ही प्रतिवेदन तैयार कर अपराधियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की कलेक्टर से अनुशंसा भी की थी । लेकिन लगभग तीन महीने बीत जाने के बाद अभी बिलासपुर विक्रेता संघ के अध्यक्ष ऋषि उपाध्याय, उनकी पत्नी और समूह की अध्यक्ष सत्यशीला उपाध्याय तथा सचिव पुष्पा दीक्षित के खिलाफ खाद्य विभाग मामला दर्ज नहीं करवा पाया जिसके चलते खाद्य विभाग के अधिकारी सवालों के घेरे में खड़े नजर आ रहे है और सवाल उठ है रहे की बीजेपी को ट्रिपल इंजन की सरकार में गरीबों को दिए जाने वाले सरकारी राशन दुकानों में गड़बड़ी की पुख्ता जांच प्रमाणित होने के बाद भी अब तक दोषियों के खिलाफ आखिरकार fir क्यो नहीं हो पाई है । विभागीय सूत्रों से मिले दस्तावेजों और जानकारी के अनुसार चावल विक्रेता संघ का अध्यक्ष ऋषि उपाध्याय बीजेपी का कार्यकर्ता है और अधिकारियों पर राजनैतिक दबाव बना कर मामले को दबा के रखा हुआ है जिसके चलते सरकार की साख और गरीबों का हक दोनों दांव पर लगा है और सरकार की छबि धूमिल हो रही है । अब देखना होगा कि बिलासपुर कलेक्टर और जिले में बीजेपी सांसद , विधायक और पदाधिकारी इस मामले को कितनी गंभीरता से लेते है और मोदी , विष्णु सरकार द्वारा गरीबों को दिए जाने वाले सरकारी चावल की कालाबाजारी करने वाले बीजेपी कार्यकर्ता के खिलाफ क्या एक्शन लेते है ताकि ना खाऊंगा , और ना खाऊंगा का नारा देने वाले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस नारे को सच साबित कर एक मिसाल पेश कर सके



बिलासपुर जिले के बाद मुंगेली जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। 20 अगस्त 2025 को दोपहर लगभग 12 बजे दिलेश्वर सही पिता भुवन साहू अपने ही ट्रैक्टर में 18 बोरी पीडीएस (PDS) चावल लोड कर ले जा रहे थे। आरोप है कि वे चावल बेचने की नीयत से ले जा रहे थे। इसी दौरान सिटी कोतवाली थाना पुलिस की पेट्रोलिंग टीम ने वाहन को रोककर चालक सहित पकड़ा और चावल लड़े ट्रैक्टर सहित थाने लाया। मिली जानकारी के अनुसार इस ट्रैक्टर को सिटी कोतवाली का आरक्षक खुद चलाकर थाने तक लाया । सूत्रों  और शिकायत के अनुसार, चालक जो स्वयं ट्रैक्टर का मालिक है, उसे पूरे दिन थाने में बिठाए रखा गया। बाद में कथित रूप से लेन-देन के बाद चालक को छोड़ दिया गया। वहीं, जब्त किए गए 18 बोरी चावल को धारा 102 के तहत जप्त कर थाने में रखा गया है।


इस पूरे मामले की लिखित शिकायत प्रदीप साहू, निवासी ग्राम नीरजाम ने की है। शिकायत में थाना प्रभारी सहित पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए मामले की जानकारी एसपी, आईजी, डीजीपी और यहां तक कि गृह मंत्री तक पहुंचाई गई है। अब सवाल यह है कि इस मामले में लापरवाही और कथित मिलीभगत के लिए किसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मुंगेली जिले में यह घटना पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही है। जबकि इस बारे में सिटी कोतवाली थाना प्रभारी गिरिजाशंकर यादव के अनुसार अभी तक खाद्य विभाग को मामले की जांच के लिए संपर्क नहीं किया गया है और जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी । जबकि सरकारी चावल से भरे ट्रैक्टर को खुद चलाकर थाने तक लाने वाले आरक्षक अजय चंद्राकर ने मामले में थाने से जानकारी लेने की बात कहते हुए फोन काट दिया ।
उच्च अधिकारियों को लिखित में की गई गंभीर शिकायतों के बाद मुंगेली जिले की सीटी कोतवाली पुलिस संदेह के घेरे में है और सवाल उठ रहे है कि आखिरकार ट्रैक्टर और मालिक को थाने से छोड़ा क्यों गया .?? और इतने दिन बाद भी अब तक थाने ने इसकी सूचना जिले के उच्च अधिकारियों और संबंधित विभाग को क्यों नहीं दी .?? और सबसे बड़ा सवाल यह है कि यदि चावल सरकारी नहीं था तो अब तक इसको थाने में क्यों रखा गया है ..??

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