प्रशासन ने बिना नोटिस दिए मालिकाना हक़ की जमीन पर चला दिया बुलडोजर ।
लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ जनता आक्रोशित ।
आंदोलन की तैयारी । साहब का नही उठ रहा फ़ोन.?
जांजगीर। जिला मुख्यालय में पदस्थ तहसीलदार ने आज बिना नोटिस जारी किए मालिकाना और वैध हक की जमीन पर बन रहे मकान में बुल्डोजर चलवाकर तोड़ दिया। जिले के राजस्व अधिकारी अपने मूल कार्यों के अलावा वे भी सभी काम कर रहे हैं जो आम जनता के हितों के खिलाफ है लिहाज़ा जिले की आम जनता में राजस्व अधिकारियों के विरुद्ध भारी आक्रोश व्याप्त है। राजस्व अधिकारी अपने मूल कार्यों से विमुख हो ग ए हैं। वहीं दूसरी ओर चांपा एसडीएम नीर निधि नंदेहा से जब महीनों से लंबित पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, जनजाति के स्थायी जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं करने के संबंध में मोबाइल से जानकारी लेने की कोशिश की गई तब श्रीमान तहसील से जानकारी लेने के बजाय जानकारी मांगने वाले से कहते हैं आवेदन दीजिए फिर जारी करने की कार्रवाई करेंगे जब कि हजारों अस्थाई जाति प्रमाण पत्र तहसीलदार द्वारा जारी कर स्थाई प्रमाण पत्र जारी करने चांपा एसडीएम को भेजे जा चुके हैं। चांपा एस डी एम सुतूरमर्ग की भुमिका में कुंडली मारकर बैठा हुआ है।जिस पर उच्च अधिकारियों द्वारा भी कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा है।
कलेक्टर की शाबाशी पाने जिला मुख्यालय के जिम्मेदार अधिकारियो में इस कदर होड़ लग गई कि वे बिना सोचे समझे कार्रवाई में निकल पड़े। और 10 से 15 सालों से काबिज भू स्वामी स्वयं अपनी जमीन की सुरक्षा घेरा के लिए लगाए ईंट के घेरे को अवैध प्लटिंग घोषित कर जेसीबी से हटा दिया। इतना ही नहीं जिम्मेदार अधिकारियों ने कलेक्टर से वाहवाही पाने के लिए बकायादा जनसंपर्क विभाग में विज्ञप्ति भेजकर समाचार भी प्रकाशित करवाई और वाहवाही लूटी, इधर प्रशासन द्वारा बिना नोटिस से इस तरह हुई कार्रवाई से लोगो में आक्रोश है आंदोलन की तैयारी में है। जबकि रसूखदारों पर कार्रवाई के नाम पर जिले के जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियो के हाथ पाव फूलने लगे है।
दरअसल सोमवार को कलेक्टर आकाश छिकारा ने जिले के सभी आधिकारियो की बैठक लेकर अवैध प्लाटिंग और अवैध अतिक्रमण पर कार्रवाई के निर्देश दिए, कलेक्टर का आदेश जारी होते ही जिला मुख्यालय में तहसीलदार सहित राजस्व अमला सतर्क हुए और नगर पालिका की टीम के साथ कार्रवाई करने निकले। कार्रवाई के दौरान नैला रामप्रसाद तालाब किनारे निर्माणाधीन भवनो को तोड़ा गया, जबकि तालाब किनारे स्थित कई आलीशान दुकानों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्हें केवल नोटिस देकर कार्रवाई की औपचारिकता निभा दी गईं। इसी तरह मगलवार को राजस्व अमला पालिटेक्निक कॉलेज रोड स्थित कुछ जगहों से कब्जा हटाया गया, पॉलिटेक्निक कॉलेज रोड जांजगीर में लगभग 15 साल पहले से कुछ लोगो ने जमीन खरीद का जमीन की सुरक्षा के लिए एक फिट ईंट का घेरा बनाकर सुरक्षित किया था, जिसे जिसे जिला मुख्यालय के जिम्मेदार अधिकारी मनमाने ढंग से अवैध प्लटिंग घोषित कर बुलडोजर चला दिया, जबकि पिछले कुछ सालो से शहर व शहर के बाहर लगातार जमीन दलाल अवैध प्लटिंग कर जमीन की खरीदी बिक्री कर रहे है, मगर शिकायत के बाद भी राजस्व अधिकारी इन जमीन दलालों पर कार्रवाई करने के लिए राजस्व अधिकारियों के हाथ पाव फूल रहे हैं।
तहसीलदार की भूमिका भी संदिग्ध, आक्रोश,
इधर कलेक्टर के निर्देश के बाद जांजगीर तहसील क्षेत्र में तहसीलदार राजकुमार मरावी के कार्यवाही सवालों के कटघरे में जबकि जांजगीर क्षेत्र मे कई जगह बड़ी-बड़ी अवैध प्लाटिंग की जा रही है इसमें कार्यवाही करने छोड़ कर पॉलिटेक्निक कॉलेज रोड जांजगीर में पिछले कई वर्षो से अपनी जमीन की सुरक्षा से लगाए ईंट के घेरे को बिना नोटिस व सूचना का तोड़ा जाना संदेहास्पद लग रहा है, बहरहाल प्रशासन की इस तरह के मनमाने रवैए से लोगो में आक्रोश है और अब मुआवजा की माँग कर रहे है।
आम जनता को परेशान कर रही प्रशासन
जिला मुख्यालय में राजस्व विभाग द्वारा इस तरह किए गए मनमाने कार्रवाई के संबध में कलेक्टर आकाश छिकारा के व्यक्तिगत नंबर पर काल कर जानकारी चाही गईं मगर 3 से 4 बार काल करने के बाद उन्होंने काल रिसीव ही नहीं किया, इधर इस संबंध में विधायक व्यास कश्यप का कहना है कि प्रशासन का मुख्य उद्देश्य लोगो को परेशान करना है, शहर में लगातार अवैध प्लाटिंग और शासकीय जमीन पर अतिक्रमण की शिकायत मिल रही बावजूद इसके प्रशासन उन पर कार्रवाई तो दूर नोटिस तक तामिल करने से घबराती है, वही आम जनता पर बिना नोटिस के कार्रवाई की जा रही है।