बीएड डिग्री धारी सहायक शिक्षकों की नियुक्ति हाईकोर्ट ने की निरस्त, डीएड वालों की पुनरीक्षित सूची बनाने के आदेश
Bilaspur Highcourt News:– हाईकोर्ट ने बीएड डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को सहायक शिक्षक के पदो पर भर्ती हेतु अयोग्य माना है। साथ ही सहायक शिक्षक के पदों पर नियुक्ति पाए बीएड डिग्रीधारी अभ्यर्थियों की नियुक्ति भी निरस्त कर दी है।
बिलासपुर। बीएड डिग्री धारी सहायक शिक्षकों की नियुक्ति हाईकोर्ट ने निरस्त कर दी है। इसके साथ ही बीएड डिग्री धारी अभ्यर्थियों की पुनरीक्षित सूची बनाने के आदेश जारी किए गए हैं। राज्य शासन ने विज्ञापन जारी कर सहायक शिक्षक के पदों के लिए बीएड डिग्री को भी मान्यता दी थी। जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी।
राज्य शासन ने 4 मई 2023 को सहायक शिक्षक के पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था। जारी विज्ञापन में शैक्षणिक योग्यता में बीएड के साथ डीएड को भी मान्य किया गया था। पर इसके खिलाफ बीएड डिग्री धारी अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी और बताया था कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार सहायक शिक्षक के पदों हेतु डीएड डिग्री ही अनिवार्य की गयी हैं। बीएड डिग्री धारी सहायक/ प्राथमिक शिक्षकों के पदो के लिए अयोग्य है। लिहाजा सहायक शिक्षक भर्ती में जो सेवा भर्ती नियम, शर्तें एवं विज्ञापन को निरस्त किया जाए। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने बीएड डिग्रीधारी अभ्यर्थियों की पोस्टिंग व चयन हेतु की जा रही काउंसलिंग पर रोक लगा दी थी। जिसे बीएड डिग्रीधारी अभ्यर्थियों न सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।
सुप्रीम कोर्ट ने अभ्यर्थियों का पक्ष सुनकर काउंसलिंग में बीएड डिग्री धारी अभ्यर्थियों को शामिल करने व नियुक्ति देने के निर्देश देते हुए अंतरिम राहत प्रदान किया था। पर साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया था कि नियुक्ति एवं चयन हाईकोर्ट के अंतिम निर्णय से बाधित रहेगी।
29 फरवरी 2024 को मामले की हुई अंतिम सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने अपना फैसला रिजर्व कर दिया था। आज फैसला ओपन करते हुए हाईकोर्ट ने बीएड डिग्री को सहायक शिक्षक के पदों के लिए अनुपयुक्त माना है। साथ ही जिन बीएड डिग्री धारी अभ्यार्थियों की नियुक्ति सहायक शिक्षक के पदों पर हो चुकी है उन्हें भी सेवा से पृथक करने के निर्देश जारी किए हैं। साथ ही रिक्त हुए पदो के लिए डीएड डिग्रीधारी अभ्यर्थियों की पुनरक्षित सूची जारी करने के निर्देश दिए है।