छत्तीसगढ़देश

बस्तर द नक्सल स्टोरी …

बड़े पर्दे के लिए तैयार…

द केरला स्टोरी की मुख्य किरदार अदा शर्मा नजर आएगी लीड रोल में..

15मार्च को हो रही है रिलीज…

चुनाव से पहले पर्दे पर आ रही फिल्म की ये है खास वजह… पढ़े पूरी खबर..

डंका राम डेस्क/छत्तीसगढ़/
प्रकृति का स्वर्ग कहलाने वाले प्राकृतिक संपदाओं से लबरेज़ पौने तीन करोड़ की आबादी का एक प्रदेश छत्तीसगढ़ जो आठ राज्यो की सीमाओ से घिरा है, राजधानी रायपुर के अलावा जिसकी एक और पहचान है बस्तर जिसको नक्सलगढ़ भी कहा जाता है, उस पर अब एक फ़िल्म बनी है, जो जल्द ही पब्लिक के सामने होगी….अदा शर्मा स्टारर “बस्तर द नक्सल स्टोरी” उनकी गहन अनुभवों और अद्वितीय परिप्रेक्ष्य से बस्तर क्षेत्र में नक्सलवादी संगठनों की गतिविधियों को विस्तार से दर्शाती है… जो 15 मार्च को सिनेमाघरों में दस्तक देगी… इस फ़िल्म में, उन्होंने अपने अनुभवों के माध्यम से बस्तर के जीवन, संस्कृति, और नक्सलवाद के पृष्ठभूमि को दर्शाया है…इसलिए, यह फ़िल्म सामाजिक, राजनीतिक, और सांस्कृतिक मुद्दों पर चर्चा में है….छत्तीसगढ़ के परिपेक्ष्य में बस्तर या यूं कहे कि नक्सलगढ़ जिसके नाम से ही सिहरन पैदा होने लगती है… नक्सलवाद पर केंद्रित ये फिल्म जल्द ही सिनेमाघरों में प्रदर्शन के लिए तैयार है….बस्तर में नक्सलवाद की गतिविधियाँ प्रमुखतः व्यापक हैं… यहाँ के कुछ क्षेत्र नक्सलवाद के प्रभाव में हैं और सुरक्षाबलों और सरकारी नक्सल प्रतिरोध बलों के बीच संघर्ष चल रहा है.. इस क्षेत्र में आर्थिक, सामाजिक, और राजनीतिक संघर्ष के कई पहलू हैं…इस फिल्म में नक्सलवाद के खिलाफ मैदानी जंग देखने को मिलेगी..


अभिनेत्री अदा शर्मा आइपीएस अधिकारी के रूप में नजर आएंगी… नक्सलवाद के सच्ची घटनाओं पर आधारित इस फिल्म में छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलवाद और जवानों के बीच संघर्ष को दिखाया गया है…बस्तर में 76 शहीद सीआरपीएफ जवानों की हत्या, झीरम घाटी हमला, जेएनयू में जवानों की मौत का जश्न सहित नक्सलवाद से जुड़ी कई किस्से ट्रेलर में दिखाई दिए… नक्सली इलाकों में ग्रामीणों के दर्द भी यह फिल्म बयां कर रही…
ट्रेलर लांच के दौरान फिल्म के निर्देशक सुदीप्तो सेन ने बताया कि 15 साल रिसर्च के बाद फिल्म की कहानी तैयार की गई है, जिसमें 2007 से 2013 तक बस्तर क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों को दिखाया गया है…फिल्म में केंद्र बिंदु बस्तर है, साथ ही दूसरी जगह की माओवादी घटना को भी दिखाया गया है… एक सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा कि बस्तर में मतांतरण की समस्या भी है, लेकिन इसे नहीं दिखाया गया है..

सलवा जुडूम नक्सलवाद को खत्म करने की अच्छी पहल थी, लेकिन उसमें भी माओवादियों ने अपना आतंक दिखाया.. बस्तर में नक्सल की शुरुआत से लेकर अब तक की कहानी को फिल्म में दिखाने का प्रयास किया गया है…
निर्माता विपुल शाह ने बताया कि इस फिल्म की शूटिंग से पहले बस्तर आए थे, तब बहुत लोगों ने फ़िल्म बनाने से मना किया…नक्सलवाद देश की कड़वी सच्चाई है और हमने इसे लोगों को बताने के लिए इसे बनाने का निर्णय लिया…बस्तर में नक्सलियों ने कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया है… 76 जवानों को एक साथ मार दिया, जिसने देशवासियों को झकझोर कर रख दिया था … बस्तर के 19 गांव में आजादी के बाद पहली बार झंडा फहराया गया…बस्तर के हजारों गांव में अभी भी लोग झंडा फहराने से डरते हैं…बस्तर द नक्सल स्टोरी’ में अदा शर्मा IPS नीरजा माधवन का किरदार निभाती नजर आएंगी…द केरल स्टोरी फिल्म से लोकप्रियता प्राप्त करने वाली अभिनेत्री अदा शर्मा ने कहा कि किरदार के लिए बस्तर में महिला कमांडो से ट्रेनिंग ली.. फिल्म के शूट से पहले दंतेश्वरी माता का आशीर्वाद लेने मंदिर गई थी… अभिनेत्री इंदिरा तिवारी ने बताया कि भोपाल में पर्व में बस्तर के कलाकार को देखा करती..हमें कहा जाता था कि हम वहां नहीं जा सकते, फिर बाद में जानकरी मिली कि खूबसूरत बस्तर में आखिर क्यों लोग माओवादियों के कारण जाने से डरते हैं…घटना कुछ इस प्रकार है कि 6 अप्रैल 2010 को भाजपा के स्थापना दिवस पर बस्तर क्षेत्र के दंतेवाड़ा में सीआरपीएफ जवानों पर घातक हमला करके 76 जवानों को मार दिया गया था..
शायद इसीलिए सुदीप्तो सेन और विपुल शाह ने जून 2023 में जब अपनी इस मूवी का ऐलान किया था तब इसकी रिलीज की तारीख 5 अप्रैल रखी थी. यानी इस हत्याकांड की बरसी से ठीक एक दिन पहले…लेकिन अब जो टीजर जारी किया गया है उसमें फिल्म की रिलीज की तारीख 15 मार्च यानी 20 दिन पहले कर दी गई है…शायद इमोशनल तारीख 5 अप्रैल चुनने से बेहतर उन्हें चुनावी माहौल में 20 दिन पहले रिलीज ज्यादा फायदे की लगी होगी…

हालाकि नक्सलवाद पर केंद्रित कई फिल्में इससे पहले भी बड़े पर्दे पर आ चुकी है… लेकिन कमजोर स्क्रिप्ट, शोध, के साथ पृष्ठ भूमि का चयन सहित कई ऐसी खास वजह थी कि वे फिल्मे लोगो तक बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं छोड़ पाई… केरला स्टोरी की तर्ज को आधार बनाकर नक्सल वाद पर केंद्रित ये फिल्म राजनीतिक नजरिए से और आम लोगो की नजर में कितना प्रभाव छोड़ पाएगी… इसका इंतजार खास तौर बस्तर के लोगो को जरूर है…

error: Content is protected !!