रतनपुर।बिलासपुर की धार्मिक नगरी रतनपुर में सड़क चौड़ीकरण के नाम पर की गई कार्यवाही पर बवाल खड़ा हो गया है . मामला रतनपुर और कोटा मार्ग पर स्थित शनिचरी का है .रहवासियों का आरोप है कि बिना किसी सूचना और नोटिस के तहसीलदार शिल्पा भगत और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए बलपूर्वक जबरन उनके आशियाने को ध्वस्त कर दिया गया…
ग्रामीणों का आरोप है की निजी लाभ के चलते उनके साथ यह कार्रवाई हुई है इस मामले में बिलासपुर कलेक्टर को तहसीलदार और पीडब्ल्यूडी के अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करने ज्ञापन सौंपा गया है.. कलेक्टर को दिए ज्ञापन में गर्मियों का कहना है कि बिना उनकी बात सुने अब बिना किसी नियम का पालन किए उनके मकान और दुकान को ढहा दिया गया है… इतना ही नहीं ग्रामीणों द्वारा पूछने पर राजस्व विभाग के कर्मचारियों अधिकारियों ने ग्रामीणों के साथ गाली-गलौज और बदसलूकी भी की गई.. रहवासियों का आरोप है की पेशी की तारीख में तहसीलदार द्वारा उपस्थित नहीं हुई थी …और उन्हें अगली पेशी की जानकारी देकर दफ्तर से चलता कर दिया गया और बिना पूर्व सूचना के समय दिए सिर्फ निजी निजी लाभ के लिए यह पूरी कार्यवाही अचानक की गई है
वही इस मामले में रतनपुर तहसीलदार शिल्पा भगत का कहना है की ब्लैक स्पॉट के रूप में उस जगह का चयन किया गया था …और गंभीर एक्सीडेंट को रोकने के लिए आदेशानुसार इस कार्यवाही को अंजाम दिया गया है ….वही अपने ऊपर लगे आरोप पर शिल्पा भगत का कहना है की उच्च न्यायालय के आदेश पर ही निजी भूमि पर काबिल लोगों को हटाया गया है… क्योंकि दोनों कार्रवाई एक साथ की गई है इसलिए लोगों में असमंजस की स्थिति है उन्होंने इस कार्यवाही को नियम नियमों के अनुरूप बताया है ।
फिलहाल देखना होगा कि राजस्व विभाग के खिलाफ लगे इन आरोपों की जांच कब तक होती है ? और इस मामले में जिले के कलेक्टर साहब इन शिकायतों पर कब तक संज्ञान लेते हुए पूरे मामले का सच सामने ला पाते है .?