राम की शरण में नामचीन कब्जाधारी ..!
प्रभु राम को चढ़ाया प्रसाद ! .मिला आशीर्वाद .!
प्रभु ने कहा वत्स आज से ये सरकारी जमीन हुई तुम्हारी .?
बिलासपुर डेस्क /
बिलासपुर जिले के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कांग्रेसराज में जमीनों का जमकर बंटाधार हुआ । लाचार बेसहारा गरीब फल – ठेला पर निगम कर्मियों द्वारा अस्थाई बेजकब्जा को लेकर कार्यवाही के नाम पर लूट खसौट का गंभीर आरोप भी कई बार लगा। राम राम जपना पराया मॉल अपना जैसे आरोपों से घिरे निगम के अधिकारी कर्मचारी भी अब राम को अपना आदर्श मानते हुए उनके पदचिन्हों पर चलते हुए माथा देख कर तिलक लगाते हुए दिखाई दे रहे है ।
बिलासा चौक के पास अक्सर निगम कर्मियों और ठेलाधारियो के बीच अस्थाई कब्जे को लेकर तकरार और हुज्जाबाजी की खबरे और वीडियो मीडिया की सुर्खियां बनते रहे है ।
सूत्रों की माने तो इस अवैध निर्माण के लिए लंबे लेनदेन भी किया गया है ।
लेकिन कहते हैं प्रभु की शरण में पापियों के पाप धुल जाते है और इस मामले में भी नामचीन अधिकारियों ने अवैध कब्जा करने के पूर्व भी प्रभु के चरणों में जमकर भक्ति की और अपने अवैध कब्जे को मनोकामना को पूर्ण करने के लिए यज्ञ में जमकर पूजा सामग्री की आहुति दी ।
भक्तो की पूजा पाठ और भक्ति श्रद्धा देख प्रभु राम ने भी अपने भक्तो को आशीर्वाद में सरकारी जमीन दे डाली ।
अस्थाई कब्जाधारी को हटाने की मशक्कत करते निगम कर्मियों को अक्सर देखा भी जा सकता है ।
उसी बिलासा चौक और शनिचरी रपटा के बीच नामचीन व्यापारियों द्वारा बिना किसी अनुमति करोड़ों रु की अवैध दुकानों का निर्माण कर उसपर कब्जा कर लिया गया है । निगम के उच्च अधिकारियों से लेकर निचले स्तर के कर्मचारी को मामले की जानकारी होने के बाद भी अवैध दुकानों को नेस्ताबूत करने में निगम अमला के हाथ कांप रहे है । जोन कमिश्नर से लेकर बाजार शाखा और भवन शाखा जैसे महत्वपूर्ण पदों की कुर्सी में बैठे जिम्मेदार अधिकारी भी इन दुकानों को सिर्फ निहारने का काम कर रहे है ।
भले ही उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने नगरीय प्रशासन विभाग ने शहरों में अतिक्रमण को रोकने नगर निगमों के आयुक्त तथा मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को अतिक्रमण करने वालों पर कड़ी एवं निरंतर कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।अतिक्रमण रोकने एवं बेदखली की कार्रवाई की नियमित समीक्षा के भी निर्देश दिए गए हैं । लेकिन निगम के जिम्मेदार अधिकारियों पर अपने विभाग के मंत्री के आदेश का कोई असर होता दिखाई नहीं दे रहा जिसके फलस्वरूप नामचीन कब्जाधारी अब अधिकारियों के संरक्षण में इन दुकानों को किराए में देकर मोटी रकम प्रसाद रूप में ग्रहण कर रहे है और कुछ प्रसाद का हिस्सा निगम कर्मियों को भी भोग के रूप में वितरित कर रहे है और हो भी क्यों नही राम दरबार में वितरित प्रसाद में आखिर सब भक्तो का हक जो होता है .!
लेकिन करोड़ों रु की अवैध दुकानों पर कार्यवाही नही होने से अधिकारियों पर प्रश्वचिन्ह लग रहे है .?और लेनदेन के आरोप लेने के गंभीर आरोपों से बदनाम हो रहे है ..?
एक तरफ प्रभु श्रीराम के विराजमान होते ही पूरा देश राममय होकर रामभक्ति में डूबा हुआ है और भक्त प्रभु से आशीर्वाद भी ले रहे है ….ऐसे में चर्चा है कि इन सरकारी निगम की जमीन पर दुकान बना कर कब्जा करने वाले नामचीन कब्जाधारी गुप्ता ,ठाकुर साहब भी रामभक्ति में ओतप्रोत होकर राम जी की शरण में चले गए हैं और इन पर शरण की ऐसी रामकृपा हुई की आज भी सरकारी जमीन पर बनी दुकानें शान से तनी हुई है …
ऐसे में बाजार में चर्चा है कि प्रभु श्री राम तो बीजेपी के है ऐसे में कांग्रेस राज में इन अवैध दुकानों को कब राम ने अपनी शरण में लेकर इन्हे अवैध निर्माण की इजाजत दे डाली ..? अब देखना है कि रामराज्य बेजाकब्जाधारियों के खिलाफ कार्रवाई होती है या नहीं ..? या इन बेजा स्थाई कब्ज़ाधारी के कारण राम के ऊपर इन्हे शरण देने के आरोप लगते रहेंगे और राम बदनाम होते रहेंगे..? सवाल यह भी है क्या रामराज्य में होगी अवैध कब्जाधारी रावणों पर कार्रवाई ?