CG news – सरकार के मंत्रियों ने खोया आपा, आया गुस्सा…पीड़ित महिलाओ को धमकाया कहा ज्यादा हेकड़ी दिखाओगी तो पुलिस बुलाकर फेंकवा दूंगा..।
आक्रोशित महिलाओ ने किया हंगामा , 3 घंटे कैद मे रहे प्रदेश के दो मंत्री ..!
कलेक्टर और एसपी ने संभाला मोर्चा, करना पड़ा हल्का बल का प्रयोग..!
देखिये , सुनिये मंत्रियों के विवादित बोल..!!!
डेस्क खबर बिलासपुर…/ कोरबा जिले में एक आदिवासी कार्यक्रम के दौरान फ्लोरा मैक्स की लगभग 500 पीड़ित महिलाओं ने छत्तीसगढ़ शासन के दो मंत्रियों को घेर लिया, जिससे बड़ा हंगामा खड़ा हो गया। आदिम जाति कल्याण मंत्री राम विचार नेताम और उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन, जो कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे, महिलाओ के आक्रोश के कारण वाल्मीकि आश्रम के अंदर लगभग 3 घंटे तक कार्यक्रम स्थल प्रदेश के दो मंत्री को कैद रहना पड़ा। जिसके बाद बिगड़ते हालत को देखते हुएकोरबा कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने खुद मोर्चा संभाला और किसी तरह से छत्तीसगढ़ के दोनों दोनों मंत्रियों को गौरा गौरी कार्यक्रम स्थल से सुरक्षित निकाला । इस दौरान पुलिस ने हजारो महिलाओ की भीड़ को तीतर बितर करने के लिए हल्का बल का भी प्रयोग किया जिसके चलते हालत गंभीर हो गए।
गौरा गौरी कार्यक्रम में शिरकत लेंने आए कृषि एवं पंचायत मंत्री रामविचार नेताम और श्रम एवं उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन के काफिले को हजारों महिलाओं ने रोका इस दौरान धरना दे रही महिलाएं, जो पिछले पांच दिनों से अपनी समस्याओं का समाधान मांग रही थीं, ने कार्यक्रम समाप्त होते ही मंत्रियों की गाड़ियों को घेर लिया और गाड़ियों के आगे लेट गईं। पुलिस और प्रशासन की तमाम कोशिशों के बावजूद महिलाएं हटने को तैयार नहीं हुईं। इस बीच, महिलाओं और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की भी हुई।
महिलाओं के घेराव से झल्लाए मंत्री लखन लाल देवांगन ने आपा खोते हुए कहा, “ज्यादा हेकड़ी दिखाओगी तो पुलिस बुलाकर फेंकवा दूंगा।” इस बयान ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। वहीं, आदिम जाति कल्याण मंत्री राम विचार नेताम ने भी नाराजगी जताते हुए आपत्तिजनक शब्द कहे। महिलाओं ने भी पलटकर मंत्रियों को करारा जवाब दिया।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही लोग मंत्रियों के इस व्यवहार की कड़ी निंदा कर रहे हैं। आम लोगों का कहना है कि कम से कम सार्वजनिक मंच पर महिलाओं के साथ ऐसा व्यवहार नहीं होना चाहिए था। महिलाओं ने आरोप लगाया कि फ्लोरा मैक्स कंपनी में उनकी मजदूरी का भुगतान नहीं हो रहा है और प्रशासन उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी समस्याओं का समाधान जल्द नहीं हुआ, तो वे अपना आंदोलन और तेज करेंगी। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों, जिनमें कलेक्टर और एसपी भी शामिल थे, ने महिलाओं को समझाने की कोशिश की, लेकिन वार्ता असफल रही। घटना से सरकार की छवि पर सवाल उठ रहे हैं, और सोशल मीडिया पर लोग मंत्रियों के बयान को गैरजिम्मेदाराना करार दे रहे हैं।