बिलासपुर से लगे गावो में भूमाफियाओं का स्पेशल आफर ..!
अवैध प्लाटिंग में दे रहे शानदार आफर ..!
शहर से लगे गावो में भूमाफिया गिरोह सक्रिय .!


बिलासपुर डेस्क / बिलासपुर शहर से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में भू माफिया अवैध प्लाटिंग का खेल खेलते हर सरकारी जमीनों और वन विभाग की जमीनों को खुलेआम बेच रहे है । वही राजस्व विभाग के जिम्मेदार अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी खामोश नज़र आ रहे है । बिलासपुर में अवैध प्लाटिंग पर लगाम लगने का नाम नही ले रही है । मंगला से लगे गांवों की जमीनों पर भू-माफियाओं का कब्जा हो गया है । माफिया बिना किसी अनुमति के सरकारी आदेश को ठेंगा दिखाते हुए कालोनिया बसा रहे है ।
मुख्यमंत्री से लेकर कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों को भूमाफियाओ पर कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए हुए है । लेकिन राजस्व अधिकारी कुंभकर्णी नींद में सोए हुए है ।

प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े शहर बिलासपुर नगर निगम सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भूमाफिया निगम और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के नियमों को ताक में रखकर बिना किसी अनुमति के अवैध प्लाटिंग करते हुए रोड ,नाली , खंभे लगाकर भोली भाली जनता को कालोनी का सब्जबाग दिखा रहे है । इन पर रोक लगाने के लिए कलेक्टर ने जॉइंट टीम बनाई गई है। लेकिन बावजूद इसके मंगला से लगे हुए लोखंडी सहित कई गांव की निजी और सरकारी जमीनों में अवैध प्लाटिंग का खेल काफी धड़ल्ले से चल रहा है। भू-माफिया सरकारी आदेशों को दरकिनार कर बकायदा पाम्पलेट छपवा कर लोगों को बिजली, पानी, नाली और सड़क का सब्जबाग दिखाकर बेधड़क कॉलोनी बसा रहे हैं। लेकिन, जॉइंट टीम इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।

दरअसल, बिलासपुर में कॉलोनाइजर लाइसेंस न लेना पड़े इसलिए भू-माफिया किसानों की कृषि जमीनों का एग्रीमेंट कर प्लाट काटकर बेचने का गोरखधंधा कर रहे हैं। यह अवैध प्लाटिंग का खेल पिछले लंबे समय से चल रहा है। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में अवैध प्लाटिंग कर कॉलोनी बसाने वालों पर सख्ती से कार्रवाई करने का दावा किया गया था । लेकिन, यह सब कागजों तक सीमित रहा गया। यही वजह है कि शहर के आउटर इलाके जैसे कोनी, बिरकोना, मोपका, बहतराई, बिजौर, चिल्हाटी, लगरा, सिरगिट्टी, यदुनंदन नगर तिफरा, गोकुल नगर और सकरी,लोखंडी हाफा जोकी सहित आसपास यह खेल बड़े पैमाने पर बेरोकटोक चल रहा है।

नगर निगम के अफसर न पहुंचे इसलिए चुना गांव ऐसे ही मंगला के आगे लोखंडी और उससे लगे हांफा, जोंकी सहित आसपास के गांव की कृषि भूमि है। यहां अवैध प्लाटिंग व सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा हो तो नगर निगम की टीम सीधे तौर पर कार्रवाई नहीं कर सकती। ऐसे में भू-माफियाओं के लिए इस तरह की कृषि और सरकारी जमीन अवैध प्लाटिंग का बड़ा जरिया बन गया है। यहां तकरीबन 50 एकड़ जमीन पर अलग-अलग भू-माफियाओं ने डब्ल्यूबीएम और कांक्रीट सड़क बनाकर अवैध प्लाटिंग शुरू कर दी है। मजेदार बात यह है कि बिना डायवर्सन और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की अनुमति के बगैर यहां बिजली, पानी, नाली और सड़क जैसी सुविधाएं मुहैया कराने का दावा किया जा रहा है।

गिरोह में शामिल हैं राजस्व विभाग की टीम
स्थानीय रहवासियों का कहना है कि अवैध प्लाटिंग करने वालों के खिलाफ कई बार शिकायतें की जा चुकी है। नगर निगम की टीम मंगला तक कार्रवाई करने पहुंचती है। यहां भी चेहरा देखकर कार्रवाई की जाती है। वहीं, मंगला से लगे लोखंडी सहित आसपास के गांव की जमीनों पर अवैध प्लाटिंग के अवैध धंधे में ग्राम पंचायत से लेकर राजस्व विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों की मिलीभगत है। एक तरह से यहां गिरोह काम कर रहा है, जो शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने के लिए किसानों की जमीन का एग्रीमेंट कर अवैध प्लाटिंग कर कॉलोनी बसा रहे हैं। सकरी के
नायब तहसीलदार लीलाधर चंद्रा ने भी माना कि गिरोह सक्रिय है इस मामले पर चंद्रा कहना है कि नगर निगम से लगे जिन गांव में अवैध प्लाटिंग करने की जानकारी मिली है और एसडीएम से दिशानिर्देश मिले है, जिसके बाद संयुक्त टीम बनाकर जानकारी मंगाई गई है। आरआई, पटवारी के साथ ही टीम को अवैध प्लाटिंग पर टीएनसी एप्रुवल, रेरा का एप्रुवल सहित जांच रिपोर्ट मंगाई गई है। और शिकायत मिलने के बाद इन पर कड़ी कार्यवाही करते हुए भूमाफियाओं के खिलाफ fir करवाने की बात कह रहे है ।

राजस्व विभाग केआधिकारी भी मान रहे है कि शहर से लगे गांव की कृषि भूमि में अवैध प्लाटिंग में गिरोह सक्रिय है, जिसके कारण बहुत सारे नक्शा, बटांकन व राजस्व रिकार्ड में खामियां मिल रही है। इसमें विभाग से जुड़े लोगों की भी संलिप्तता हो सकती है। विस्तृत जांच रिपोर्ट आने के बाद पूरे मामले में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी और वह जो भी हो उनके खिलाफ कार्रवाई किया जाएगा।
