Uncategorized

रिश्वत दो..? नहीं तो जाओ जेल.? सत्य मेव जयते का पाठ पढ़ने वाले….क्यों भुल जाते हैं,”देश भक्ति जन सेवा”

ये बात सभी जानते है कि समाज की युवा पीढ़ी को नशा बुरी तरह से खोखला कर रहा है…. नशे की गिरफ्त में फसे लोगो को नशा से तौबा करने साल पहले बिलासपुर आए एक पुलिस अधिकारी ने बिलासपुर में बढ़ते अपराधो की रोकथाम और नशे की गिरफ्त से लोगो को बचाने नशे के खिलाफ “निजात ” अभियान छेड़ा था..  जिले के सभी थाना क्षेत्रों के थानेदारों को ये ताकीद दी गई कि उनके क्षेत्र में नशे का साजो सामान बिकने पर उस इलाके के थानेदार जिम्मेदार होंगे और उन पर कार्यवाही होगी… जाहिर है अपनी सर्विस बुक के रिकॉर्ड को भला कौन खराब करना चाहेगा…..हालाकि यहां जो भी बाते हो रही है वह अवैध नशे के खिलाफ छेड़े गए अभियान से है…. लेकिन पुलिस की नजर में अवेध नशा इसलिए जिस पर सरकार को नुकसान हो रहा हो….क्योंकि बहुत सारे ऐसे नशे के उत्पाद है जिनसे सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व मिलता है … ऐसे में नशे की चीजों को दो भागों में बांट दिया गया…नशे की गोलियों से लेकर इंजेक्शन जैसे सभी चीजों पर पाबंदी लगा दी गई…. नशे के सौदागरों के खिलाफ ताबड़ तोड़ कार्यवाही हुई… उसका परिणाम ये हुआ कि अवेध नशे के कारोबार पर तो रोक लगी ही, जिले में बढ़ते अपराधो का ग्राफ भी हद तक कम हुआ…. समय समय पर नशे जैसी बुराई से दूर रहने जन जागरूकता अभियान चलाया गया… स्कूल से लेकर कालेजों तक के युवाओं को नशे से दूर रहने का पाठ पुलिस के जवानों ने चलाया…


लेकिन ऐसा हमेशा होता है कि जब भी कोई अफसर आता है वह अपनी एक अलग थीम लेकर आता है और उसे उस जिले का मिशन बनाकर काम करता है… बिलासपुर में नशे के खिलाफ छेड़ा गया निजात अभियान बिलासपुर के लिए सिर्फ नही था … पर चूंकि तत्कालीन अफसर की प्राथमिकता में था इसलिए उस पर प्रमुखता से कामकिया गया…. और जैसा की होता आया है कि अफसर के जाने के बाद उसकी हवा निकल जाती है.. कुछ वैसा ही “निजात ” अभियान के साथ भी हुआ… अफसर के यहां से जाते ही “निजात” की हवा निकल गई… जिन लोगो ने नशे के कारोबार से तौबा कर लिया था… अब वे फिर से नशे के अवेध कारोबार की तरफ बढ़ रहे है…ये बात जगजाहिर है की कई ऐसे कारोबार है जो सेटिंग से मतलब लेनदेन की सरपरस्ती में चलते है ऐसे ही अवेध शराब के कारोबार से जुड़े एक मामले में जिले का मस्तूरी थाना एक बार फिर सुर्खियों में आ गया…



कैसे…??? दरअसल मस्तूरी थाना क्षेत्र के हिररी में रहने वाले एक युवक को पुलिस ने अवेध शराब बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया उसे थाने ले गए एफ आई आर दर्ज किया और फिर मुचलके पर छोड़ दिया लेकिन…. हंगामा है क्यू बरपा इसे जानने के लिए आरोपी के पिता की ये बातें सुनिए जिसमे पुलिस पर किस तरह के आरोप लगाए जा रहे है

  पिता  रमेश साहू



पिता के आरोपों की फेहरिस्त इतनी है कि निजात की वजह से उसने अवैध शराब के कारोबार को बंद कर दिया था…. अब थोड़ा बहुत फिर से शुरू हुआ तो पुलिस उसके एवज में 80 हजार रुपए मांग रही है…

जरा सुनिए आरोपी के  पिता की इस बात  को

रमेश साहू आरोपी का पिता

अब पिता क्या करे??? और पुलिस कया करे??? पिता ने पोलिसिया अभियान की वजह से अवेध कारोबार बंद कर दिया और पुलिस हैं अब उस समय से लेकर अब तक के हिसाब से अपना खर्चा मांग रही है…

आरोप में कितनी सच्चाई है ये भले ही जांच का विषय हो सकता है… लेकिन जिस अभियान अपराधो पर रोकथाम लगी हो कम से कम उस अभियान पर तो ईमानदारी होनी चाहिए…. लेकिन होता आया है कि अफसर के जाने के बाद किसे पड़ी है कि वह इसे जारी रखे… यानी एक बार फिर नशे का अवेध कारोबार पनपेगा और फिर गली मोहल्लों में अपराधो की गूंज सुनाई देगी….

वैसे एक गरीब आदमी पुलिस पर ऐसे ही आरोप नही लगा रहा है… आरोपों के पीछे कुछ तो वजह होगी.. हालाकि मस्तूरी थाना प्रभारी इस मामले में किसी भी तरह की जांच से साफ तौर पर इनकार कर रहे है…
बहरहाल सवाल आरोपों का नही … सवाल ये है “निजात” को  सतत चलना चाहिए या नहीं…..? ये हम, आप सभी को तय करना है…

error: Content is protected !!