छत्तीसगढ़बिलासपुर

करोड़ों का फर्जीवाड़ा करने वाली चिटफंड कंपनियों पर शिकंजा कसने वाली पुलिस… लेकिन इनके खिलाफ पुलिस का शिकंजा क्यों है ढीला???

सेंट बैंक का फर्जीवाड़ा –पार्ट 2.
कौन सच्चा …? कौन झूठा …?

बिलासपुर के थाना तारबहार में कूट रचना फर्जी दस्तावेज, नगर निगम की फर्जी सील लगाकर नक्शा पास मामले की जांच सालों बीत जाने के बाद भी लटकी हुई है. .. थाना तार बाहर में बिल्डर दंपत्ति राजेश सेठ रजनी सेठ सहित सेंट बैंक के अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी के अलग-अलग मामले दर्ज हैं लेकिन सब में कहानी एक ही है,

कुछ मामलों में तत्कालीन सीएसपी मंजूलता बाज ने अपनी तहकीकात में बैंक की भूमिका को भी संदिग्ध माना था और संबंधित अपराध के मामले में आरोपियों के खिलाफ कई और गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया था…
वही इस मामले में आधा दर्जन से ज्यादा होनहार काबिल पुलिस अफसर इस मामले की पूरी तरह से जांच अभी तक करने में नाकाम रहे हैं..?
पीड़ितों का आरोप है कि आरोपी राजेश सेठ और उसकी पत्नी रजनी सेठ ने फर्जीवाड़ा कर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक ऑफ बड़ौदा में गिरवी रखी हुई जमीन को सेंट बैंक के अधिकारियों से सांठगांठ कर फर्जी तरीके से उन्हें बेच दिया… बिना सेंट बैंक के अधिकारियों की मिलीभगत के इस फर्जीवाड़े को अंजाम नहीं दिया जा सकता था…. इस मामले में पीड़ित लगातार न्याय के लिए पुलिस अफसरों के चक्कर लगाने को विवश नजर आ रहे हैं लेकिन पुलिस आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई करते नजर नहीं आ रही है….. पीड़ितों को सिर्फ जांच का बहाना बनाकर पुलिस अधिकारी गुमराह कर रहे हैं….

वही इस मामले में पुलिस का कहना है की जांच के लिए जरूरी दस्तावेज के लिए सेंट बैंक को पत्र लिखा गया है लेकिन सेंट बैंक के अधिकारी पुलिस को इस फर्जीवाड़े से संबंधित फाइल और दस्तावेज नहीं सौंप रहे हैं….

जब हमने इस मामले में सेंड बैंक के अधिकारियों का पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने बताया कि वह पुलिस जांच में पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं और पुलिस द्वारा मांगे गए समस्त दस्तावेज उन्होंने पुलिस को सौंप दिए है..और बैंक के अधिकारी भी चाहते है की इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही हो ..!

लेकिन जिस प्रकार इस महाफर्जीवाड़ा में इतने साल बीत जाने और आधा दर्जन से ज्यादा पुलिस अफसरों की जांच के बाद भी जांच पूरी न होना न्यायधानी की पुलिस अफसरों कार्यशैली और ईमानदारी पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है …!

आखिर पुलिस पीड़ितों को गुमराह क्यों कर रही है ये बड़ा सवाल है .!
पुख्ता सूत्रों और बैंक अधिकारियों की माने तो बिल्डर दंपती और सेंट बैंक की मिलीभगत से आमजनों के साथ की गई धोखधड़ी से जुड़े तमाम साक्ष्य दसतवेजो के रूप में पुलिस अफसरों के पास मौजूद है और अफसर अभी भी दस्तावेज नहीं होने और बैंक द्वारा दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवाने की बात कह रहे है ..! इस मामले में कौन सच बोल रहा कौन झूठ बोल रहा है इसमें भी पुलिस द्वारा गोलमाल जवाब देना पुलिस विभाग को कटघरे में खड़ा कर रहा है ?
आखिर पुलिस अफसर इस प्रकरण को सुलझाने और पूरे मामले का सच सामने लाने में कोई दिलचस्पी क्यों नही ले रहे है ये भी एक सवाल है ..?
उम्मीद की जानी चाहिए की जल्द ही इन सवालों का जवाब और इस मामले का सच सामने आएगा या इसी तरह जांच के नाम पर इस मामले को दबाने और बैंक अधिकारियों को बचाने की यह पटकथा इसी तरह निरंतर जारी रहेगी….

अगले अंक में चौकाने वाला पुलिस की तहकीकात का सच। पार्ट = 3

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