एक तरफ न्यायधानी में महिला आयोग की हो रही थी सुनवाई
दूसरी तरफ रेप पीड़िता को न्याय दिलाने के बजाय परिजन को फसाने की लिखी जा रही थी एफआईआर!!!!
पढ़िए पूरी खबर सुनिए exculisve बयान..!
बिलासपुर।बिलासपुर की धार्मिक नगरी रतनपुर में नाबालिग के बयान के आधार पर महिला के खिलाफ मामला पंजीबद्ध होने के बाद से रतनपुर पुलिस पर ही सवाल खडे हो रहे है… रतनपुर थाना प्रभारी पर इस मामले मे लेनदेन के आरोप लगने लगे है.. पुलिस की इस कार्यवाही को बदले की कार्यवाही बताया जा रहा है.. मामला अति सवेदनशील होने के बाद भी नाबालिक का बयान के आधार पर जितनी जल्दबाजी और तेजी से रतनपुर पुलिस ने अपराध कायम करने मे तत्परता दिखाने के बजाय अगर रेप पीड़िता के मामले में कार्यवाई करने में ततपरता दिखाती तो पुलिस की किरकिरी होने से बच जाती …. लेकिन रेप पीड़िता से ज्यादा उसके आरोपी के रसूख की चिंता पुलिस को ज्यादा थी..यही वजह है कि पुलिस की इस कार्यवाही का हर समुदाय विरोध करते हुए आरोपी महिला को झूठे मामले मे फ़साने का पुलिस विभाग पर आरोप लग रहे है…
हालांकि पुरे मामले मे पुलिस पूरी जाँच होने के बाद ही अपराध दर्ज करने की दुहाई दे रही है..
रतनपुर पुलिस के द्वारा बेवा के खिलाफ अपराध दर्ज करने के बाद से हर तरफ बिलासपुर पुलिस की फ़जीहत हो रही है.. इस कार्यवाही को बदले की कार्यवाही बता रहा है..
रेप विक्टिम की मां को बलात्कार के आरोपी के बुआ के बेटे (10 वर्ष) के साथ अप्राकृतिक कृत्य बताकर विधवा महिला, जो कि रेप पीड़ित की मां है, उसको जेल में डाल दिया गया…
बता दे कि
दो माह से लड़की और उसकी मा पर दबाव बनाया जा रहा था कि मामला वापस ले ले, मामला वापस नही लेने पर उल्टा काउंटर FIR कर बेवा को जेल भेज दिया गया।
रेप विक्टिम ने अपनी मा को झूठे केस मे फंसाने और रतनपुर थाना प्रभारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए न्याय की मांग बिलासपुर एसपी से की है…
जहा एक तरफ कई महिला सबंधित मामले मे पुलिस को अपराध पंजीबध करने मे महीनों बीत जाते है वही इस मामले मे बयान के आधार पर इतनी तत्परता से कार्यवाही के कारण पुलिस संदेह के घेरे मे है…
बताया जा रहा है मामले मे आरोपी महिला के खिलाफ शिकायत करने वाला नाबालिक रेप आरोपी आफतब का रिस्तेदार है.. और मामले मे आरोपी आफ़ताब को बचाने के पुलिस की मिलीभगत से यह पूरी साजिश रची गई है…
पुख्ता सूत्रों से मिली सूचना बता रही है की पुलिस ने FIR दर्ज कर ली लेकिन जिम्मेदर पुलिस के उच्च अधिकारी भी इस घटना के समय और तारीख बताने मे कन्नी काट रहे है .. ना ही पुलिस ने इस मामले मे घटनस्थल के आसपस लगे सीसीटिवी को खंगलाने की कोशिश की है.. बताया यह भी जा रहा है की पीड़ित नाबालिक के घर के आसपास और भी खाई किराना दुकान मौजूद है लेकिन गली के अंदर जाकर ही उसी आरोपी महिला की दुकान से बच्चे ने खाने का सामान क्यों ख़रीदा यह भी बड़ा सवाल है.?
सूत्र बताते है की रतनपुर थाना प्रभारी कृष्णकांत रतनपुर का बचपन धार्मिक नगरी की गलियों मे बीता है और उनके रिश्तेदार भी रतनपुर क्षेत्र मे निवासरत है…सूत्रों का कहना है की टीआई साहब का पुस्तेनी घर भी रतनपुर सीमा क्षेत्र से जुडा है हालाकी साहब का गांव कोरबा जिले मे आता है इसलिए नियमता उनकी पोस्टिंग रतनपुर मे हो सकती है इसमें कोई सवाल नहीं है? जिले मे किसी दूसरे थाने की जगह पुश्तैनी गाँव से चंद किलोमीटर की दुरी पर स्थित रतनपुर थाने का प्रभार देना उच्च अधिकारियों की कार्यशैली और काबलियत पर प्रश्नचिन्ह लगाने के लिए पर्याप्त है..हलाकि रतनपुर थाना प्रभारी का निजी निवास कोरबा जिले मे आता है और इसलिए पोस्टिंग मे कोई विवाद नहीं है यह कह कर पुलिस अपना बचाव कर रही है…लेकिन जब ऐसे गंभीर आरोप खाकी पर लगते है तो सवाल तो उठेंगे ही.?
सिर्फ बच्चे के बयान के आधार पर पुलिस इस कार्यवाही को सही बता तो जरुर रही है लेकिन लोग पुलिस की इस थ्योरी पर यकीन करते नजर नहीं आ रहे है और पुलिस की इस कार्यवाही को एक नई परम्परा की शुरुआवत कह रहे है…मामले की शिकायत राज्य महिला आयोग के साथ ही रास्ट्रीय महिला आयोग में भी करने की तैयारी कुछ सगठन कर रहे है….
अब देखने वाली बात होंगी की इस मामले को उच्च अधिकारी कितनी गंभीरता से लेते है..और कब इस मामले का असली सच सामने आता है.. पुरे मामले मे पुलिस कप्तान संतोष सिंह ने जाँच टीम गठन कर निष्पक्ष कार्यवाही की बात कही है…..