

डेस्क खबर बिलासपुर- जिले में खाद्य निरीक्षक के पद पर पदस्थ श्याम वस्त्रकार की मुश्किलें बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं, पहले से ही भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के मामले में तखतपुर के अनुविभागीय अधिकारी शिव कंवर द्वारा मामले की जांच की जा रही है.. 2 माह पहले कलेक्टर कार्यालय द्वारा गनियारी ग्राम पंचायत में स्थित शासकीय उचित मूल्य दुकान के पूर्व संचालक भीम सूर्यवंशी द्वारा किए गए शिकायत के मामले में जांच पूरी नहीं हो पाई है वहीं शिकायतकर्ता भीम सूर्यवंशी ने आरोप भी लगाया है कि, जांच को लंबे समय तक दबा कर रखा गया, वहीं अब मामले में राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण और एंटी करप्शन ब्यूरो छत्तीसगढ़ मुख्यालय द्वारा बिलासपुर कलेक्टर को पत्र भेजा गया है,

एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा भेजे गए पत्र में लिखा है कि, गनियारी शासकीय उचित मूल्य दुकान के पूर्व संचालक भीम सूर्यवंशी द्वारा अनावेदक श्याम वस्त्रकार फूड इंस्पेक्टर, तखतपुर जिला बिलासपुर के विरुद्ध 555 क्विं. चावल, 30 क्विंटल शक्कर, 33 किलो नमक, पूर्व में महामाया स्व सहायता समूह ग्राम पंचायत भाड़म द्वारा प्रभार देते समय स्टॉक नहीं दिया गया और राशि लेकर अपने आईडी से स्टॉक में कम कर शासन को हानि पहुंचाने एवं 129 दुकानों से 1200 रुपए प्रति महीने लिए जाने में शिकायत प्रेषित की गई है, अतः शिकायत पत्र मूलतः अग्रिम जांच कार्रवाई हेतु आपकी ओर प्रेषित है, शिकायत पर की गई कार्रवाई से इस कार्यालय को अविलंब अवगत कराने का कष्ट करें..

बिलासपुर के तखतपुर ब्लॉक के गनियारी शासकीय उचित मूल्य दुकान के पूर्व संचालक भीम सूर्यवंशी द्वारा श्याम वस्त्रकार पर ऑनलाइन ट्रांसफर के माध्यम से 20 हजार रुपए रिश्वत लेने के आरोप लगाते हुए एक स्क्रीन शॉट भी सार्वजनिक किया गया है.. वहीं दूसरी ओर तखतपुर विकासखंड शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालक और विक्रेता कल्याण संघ द्वारा भी 45 दुकानदारों के हस्ताक्षर वाले शिकायत को तखतपुर विधायक को सौंपा गया था, जिसमें तत्कालीन खाद्य निरीक्षक श्याम वस्त्रकार द्वारा हर माह निश्चित राशि वसूली का आरोप लगाया गया था, जिसे लेकर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है..
तखतपुर ब्लॉक में पदस्थापना के दौरान श्याम वस्त्रकार पर कई गंभीर आरोप लगते रहे है, इतना ही नहीं लगातार होती शिकायतों के बाद भी उन्हें नहीं हटाया गया, जिसके वजह से शिकायतकर्ता भीम सूर्यवंशी और अनेक दुकानदारों को न्याय के लिए भटकना पड़ रहा था, इसी का फायदा उठाकर खाद्य निरीक्षक जांच के लिए प्रेषित आवेदन को दबाने में कामयाब रहे थे, लेकिन मीडिया में खबरें लगने के बाद विभागीय अधिकारियों द्वारा श्याम को तखतपुर से हटाया गया, जिसके बाद शिकायत सामने आई और शिकायतकर्ता को जानकारी मिली की उसके शिकायत की जांच दो माह पूर्व ही अनुविभागीय अधिकारी को भेज दी गई है..

