छत्तीसगढ़बिलासपुर

आबकारी विभाग नही कस पा रहा नकेल ..!
अवैध शराब के खिलाफ कलेक्ट्रेट में हल्लाबोल ..!
बीते साल पुलिस विभाग ने की रिकार्ड कार्यवाही ..!

बिलासपुर।बिलासपुर जिले में अवैध शराब और खुलेआम जिले में चल अवैध की शिकायतों के बाद भी आबकारी विभाग विभाग कुम्भकर्णी नींद में सोया हुआ नजर आ रहा है । जिले में चल रहे अवैध शराब के अड्डे और अवैध चखना सेंटर का काला कारोबार आबकारी विभाग को नजर नही आ रहा है । जबकि आबकारी विभाग के बड़े अधिकारी इन धंधो की सच जानने गए मीडिया से भी मिलने से भी बचता नजर आता है । वही इस मामले में पुलिस भी हाथ डालने से बचती है जिसकी वजह से जिले के लगभग हर क्षेत्र और सरकारी शराब दुकानों के बगल में ये अवैध चखना सेंटर गुलज़ार नजर आते है । जबकि जिले का लेखजोखा मीडिया के सामने रखते हुए जिले की महिला कप्तान ने भी बताया था कि जिले में सबसे ज्यादा दो हजार से अधिक मामले में में 2 हजार 230 लोगों को गिरफ्तार कर 6 हजार लीटर से ज्यादा शराब जब्त की की हालाकि इन मामलों में जिले में खुलेआम चखना दुकानों पर कार्यवाही की गई इसके आकडे नही मिल पाए है । ऎसे में सवाल उठना लाजमी हज किसके इशारो पर कैसे चल रहे है ये अवैध चखना दूकान ?इसका जबाब न तो पुलिस प्रशासन के पास है और न ही आबकारी विभाग के पास इसलिए सवाल खड़ा हो रहा है इस पर नकेल कसेगा कौन ..?

प्रदेश में अवैध शराब पर लगाम लगाने की पुरजोर कोशिश सरकार द्वारा की जा रही है लेकिन गांव गांव में बिकने वाली अवैध शराब भविष्य को बिगड़ने के साथ-साथ ग्रामीणों के जान का खतरा भी बनी हुई है इतना ही नहीं ग्राम की महिलाओं के लिए सिरदर्द बन चुकी अवैध शराब और उसके विक्रेता पर कोई कार्रवाई नहीं होने से उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.. अवैध शराब को बंद करने की मांग को लेकर आज कई ग्राम वासियों ने कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन किया और क्षेत्र में भी कराया अवैध शराब गांजा पर लगाम लगाने की मांग की.. आदिवासी उत्थान समिति के नेतृत्व में सैकड़ों ग्रामीण महिलाओं ने बिलासपुर कलेक्टर ऑफिस के सामने जमकर नारेबाजी की और ग्राम पंचायतों में फैल रहे नशे के जाल को खत्म करने की मांग की.. प्रदर्शन करने पहुंची महिलाओं ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि ग्राम पंचायतों में बड़ी संख्या में अवैध शराब गांजा की बिक्री की जा रही है सरपंच और जनप्रतिनिधियों को शिकायत करने के बाद भी यह समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही है वही पुलिस भी इस समस्या पर कार्रवाई करने से कतराती नजर आती है.. नशे के आगोश में गांव के पुरुष और बच्चे बड़ी संख्या में फंसते जा रहे हैं जिससे महिलाओं का जीना दूभर हो चुका है..

चखना दुकानों का असली खेल आगामी अंको में पुख्ता सबूतों के साथ

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