छत्तीसगढ़बिलासपुर

न्यायधानी का बहुचर्चित बिल्डर दंपती ठगी मामला ..! सेंट बैंक के अधिकारियों पर क्या पुलिस मेहरबान .?
जांच के नाम पर पीड़ितों से कर रहे अधिकारी मजाक ..?
4 आईपीएस अफसर और आधा दर्जन से ज्यादा थानेदार भी नही दिला सके इंसाफ .?

बिलासपुर।बिलासपुर के महाठग दंपती बिल्डर के खिलाफ तारबहर थाने में कई मामले और शिकायते दर्ज होने के बाद भी पुलिस विभाग के नाकाबिल अफसरों के चलते पीड़ितों को सालो बीत जाने के बाद भी असल इंसाफ नहीं मिल पा रहा है ..पीड़ितों की माने तो वर्ष 2020 में तारबहार थाने में दर्ज अपराध के बाद से न्यायधानी बिलासपुर में 4 आईपीएस अधिकारी और तारबहार थाने में आधा दर्जन से ज्यादा थानेदार इस मामले की जांच कर चुके है लेकिन अभी तक पीड़ितों को न तो इंसाफ मिल सका है और न ही अभी तक मामले का सच उजागर हो सका है ?
कई मामलों में पुलिस ने कोर्ट में चालान जमा भी कर दिया है तो कई मामले में तमाम पुख़्ता सबूत होने के बाद भी पुलिस के दमदार अफसर सालो बीत जाने के बाद भी इस गुत्थी को सुलझाने में असफल साबित हो रहे है ..हालाकि कुछ दिनो पहले ही सटोरियों से 10 लाख रुपये और बैंक खातों में 12 करोड़ फ्रीज कराने पर बिलासपुर एसपी संतोष कुमार सिंह ने तारबाहर थाना प्रभारी मनोज नायक को काप आफ मंथ चुन सात अन्य पुलिसकर्मियों को उनके बेहतर कार्य के लिए प्रशस्ती पत्र प्रदान किया था ..लेकिन सेंट बैंक से जुड़े फर्जीवाड़े मामले का सच पता कर मामले का खुलासा करने में अभी तक तारबहर थाना प्रभारी की जांच पूरी नहीं हो सकी है.!

पीड़ितों की माने तो सेंट बैंक के अधिकारियों और ठग दंपति के खिलाफ दायर पिटिशन के बदले में कोर्ट ने जो स्टेट्स रिपोर्ट पुलिस से मांगी थी लगभग दो साल बीत जाने के बाद भी न्यायधानी के होनहार काबिल पुलिस अफसर केस से जुड़ी स्टेट्स रिपोर्ट देने में अक्षम रहे है .

महाठग राजेश सेठ और सेंट बैंक अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ शहर के थानों में धोखाधड़ी के मामले को लेकर मामला पंजीबद्ध है । सेंट बैंक के अधिकारियों और बिल्डर दंपती ने चुना लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी ..सेंट बैंक के अधिकारियों की मिलीभगत के कारण आम लोगो को ठगी का शिकार होना पड़ा ..
पीड़ितों ने सूचना के अधिकार के तहत मामले से जुड़े अहम दस्तावेज पुलिस सहित कोर्ट में भी जमा कर दिए है ..तमाम दस्तावेज ये साबित कर रहे है की किस तरह नियमो को ताक में रखकर और दस्तावेजों में कूट रचना कर इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया है ..तमाम पुख़्ता दस्तावेज़ो सबूत होने के बाद भी पुलिस फर्जीवाड़े के असली खिलाड़ीयो के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं कर रही है ये बड़ा सवाल है ? जिसका जवाब पुलिस के जाबांज अधिकारियों के पास भी नहीं है ।


तारबहार थाने में दर्ज एफआईआर के वर्षों बाद भी जांच के नाम पर आरोपियों को बचाने का बिलासपुर पुलिस द्वारा खेल खेला जा रहा है ..बैंक कर्मियों और ठग दंपती के झांसे में आने वाले प्रिंयका सिह और रामनाथ सिह ने पुलिस की कार्यवाही को गलत ठहराते हुए पुख़्ता दस्तावेजों के साथ सही कार्यवाही के लिए हाईकोर्ट में पिटीशन भी दायर कर रखी है ..बिलासपुर पुलिस की लीपापोती और ढील मूल रवैया के चलते महाठग के झांसे में आकर लाखों रूपए गंवा चुके पिटीशन दायर करने वाले प्रिंयका सिह और रामनाथ सिह न्याय पाने में असफल रहे है और दोषी सजा से कोसों दूर है।
बता दे रामनाथ सिह और प्रियंका सिह के साथ महाठग ने फ्लेट बिक्री के नाम पर लगभग 34 लाख रुपए का धोखाधड़ी किया है। रामनाथ सिह ने महाठग राजेश सेठ और साथियों के खिलाफ वर्ष 2020 में पुलिस के बड़े अधिकारियों को धोखाधड़ी की शिकायत की। किंतु जाँच के नाम पर लगभग दो साल तक पीड़ितों को थाना का चक्कर कटवाया गया और अंत मे राजेश सेठ ,रजनी सेठ,शशिभूषण कर्णा,अपर्णा विश्वास एवं नितिन निगम के खिलाफ 420,34 का एफआईआर दर्ज किया गया।
जबकि शिकायत पर ज्वाली बी फ़िल्फ़स, आरएसपी राव और अंकित पटेल का नाम का भी पीड़ितों ने उल्लेख किया था।
पुलिस के द्वारा प्रार्थियों को जाँच करने के बाद इन लोगों के नाम एफआईआर में शामिल करना बताया गया। इसके बाद भी आज तक इन लोगों का नाम एफआईआर में शामिल नही किया गया। इसकी शिकायत अप्रेल 2022 में पुलिस महानिदेशक, मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री पोर्टल पर भी की गई है वावजूद उसके इसके बाद भी। आर्थिक हानि देने वाले ठगी के दोषियों पर कार्यवाही नही हो सकी है।

ज्वाली बी फिलिफ्स,आरएसपी राव और अंकित पटेल को प्रार्थी बता रहे दोषी,इन तीनो का भी ठगी में भूमिका!

प्रार्थियों और सूत्रों की माने तो सेंट बैंक तत्कालीन अधिकारीयो की शह पर बिल्डर दंपति की मिलीभगत से ही इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया … शिकायत और बैंक सूत्रों की माने तो इस फर्जीवाड़े को अंजाम देने में सेंट बैंक के भोपाल ऑफिस और बिलासपुर ऑफिस के तत्कालीन अधिकारी पूरी तरह शामिल रहे है और इन्ही अधिकारियों के दम परअपराध को अंजाम तक पहुचाने में महाठग राजेश सेठ ने अंजाम दिया है ..!

हमने भी इस बारे में प्रार्थियो से मिले दस्तावेज और शिकायतों के आधार पर जब सच का पता लगाने और पुलिस द्वारा अपराधियों को बचाने जैसे आरोपों पर पुलिस के अफसरों से उनका जवाब जानने का प्रयास किया. तो पुलिस जांच पूरी नहीं होने का दावा कर अपने आप को बचाती नजर आई ..।

पुरे मामले में हम लगातार लिख रहे है और आगे भी हमारी ये मुहिम पीड़ितों को इंसाफ मिलने तक जारी रहेगी ..। लेकिन सवाल यह है कि आखिर तमाम पुख्ता सबूत होने के बाद भी पुलिस की जांच कब पूरी होगी ?
पीड़ितों को कब इंसाफ मिलेगा .?
और सेंट बैंक के असली दोषी अधिकारी कब सलाखों के पीछे पहुंचेंगे.?

अगली कड़ी में मामले से जुड़े अहम खुलासे रिकार्डिंग और दस्तावेजों सहित ..!

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