छत्तीसगढ़

Durg breaking-पुराने आयुक्तों के करीबी रहे भूपेंद्र उर्फ शुभम गोईर के खिलाफ बैठी जांच, …!
प्लेसमेंट में कम्प्यूटर ऑपरेटर रखने का मामला ..!

दुर्ग।दुर्ग निगम में आयुक्त लक्षमण तिवारी ने अनियमितताओं की धीरे-धीरे जांच शुरू कर दी है। अब तक के आयुक्तों के करीबी रहे भूपेंद्र उर्फ शुभम गोईर पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है। उन पर भी कार्य के प्रति लापरवाही बरतने का आरोप लगा है। फरवरी 2022 में कम्प्यूटर ऑपरेटर के 21 पदों पर प्लेसमेंट में कर्मचारी रखे जाने थे। निविदा प्रक्रिया 10 महीने बाद भी पेंडिंग है। इसे देखते हुए आयुक्त लक्ष्मण तिवारी ने उन्हें नोटिस जारी किया है। उनके अलावा एक अन्य कर्मचारी चंद्रलेखा कसार को भी नोटिस जारी किया गया है। मामले की जांच उपायुक्त मोएन्द्र साहू कर रहे हैं। खबर यह है कि इस मामले में शुभम पर निलंबन की भी कार्रवाई हो सकती है। शुभम को पिछले दिनों ही स्टेनों के पद से हटाकर ई गवर्नेंस में भेज दिया गया था। वेतन की फाइल रोकने के आरोप में बाबू को नटिस – दुर्ग आयुक्त ने सहायक ग्रेड तीन शुभम गोईर से मांगा जवाब।

दुर्ग नगर निगम के आयुक्त लक्ष्मण तिवारी ने स्थापना शाखा में पदस्थ सहायक ग्रेड 3 बाबू शुभम गोईर को शोकाज नोटिस जारी किया है। आयुक्त ने शुभम को 7 दिन के अंदर नोटिस का जवाब देने का आदेश दिया है। जवाब संतोष जनक न पाए जाने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
नोटिस में दी गई जानकारी के मुताबिक पीडब्ल्यूडी विभाग में पदस्थ बाबू साहयक ग्रेड तीन चंद्रलेखा कसार ने 21 कंप्यूटर ऑपरेटर के वेतन भुगतान की फाइल को आगे बढ़ाया था। इसके साथ ही उन्होंने टेंडर प्रक्रिया की फाइल को भी आगे बढ़ाया था। आरोप है कि इन फाइलों को स्थापना शाखा में पदस्थ सहायक ग्रेड तीन शुभम गोईर ने अपने पास रख लिया। उसने फाइलों को 2 महीने तक आगे ही नहीं बढ़ाया। इससे वेतन भुगतान और टेंडर प्रक्रिया में देरी हुई।
निगम आयुक्त को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने इसके बाद जानकारी मांगी। इस पर उन्हें बताया गया कि उन फाइलों को शुभम गोई ने अपने पास रोककर रखा हुआ है। इस पर आयुक्त ने 14 दिसंबर को उसके खिलाफ नोटिस जारी कर फाइल रोककर रखने का कारण पूछा है।
मां का इलाज कराने गया हूं बाहर
जब इस बारे में सहायक ग्रेड तीन शुभम गोई से बात की गई तो उसने बताया कि वह अपनी मां का इलाज कराने के लिए बाहर आया है। वह छुट्टी पर है। उसे भी नोटिस की जानकारी मिली है। शुभम का कहना है कि दोनों ही फाइल पीडब्ल्यूडी विभाग में रहती है। उसके पास आने का कोई नियम ही नहीं है। उसके ऊपर लगाए गए आरोप पूरी तरह से गलत हैं। उसका कहना है कि आयुक्त इस मामले की बारीकी से जांच करें और जिसकी भी गलती पाई जाए उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।

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