
बिलासपुर।शिकायतों के बाद भी शराब दुकानो के पास चल रहे अवैध चखना दुकानों को को अवैध नही मानने वाला आबकारी विभाग नींद से जाग गया है। और मुख्यमंत्री के शहर आगमन के बाद से विभाग ने भी इन अवैध चखना दुकानो के खिलाफ कार्यवाही कर कबूल लिया है कि दारू भट्टियों के पास अवैध रूप से चखना दुकानों का संचालन किया जा रहा था।

हालांकि इन चखना दुकानों का संचालन किसके आदेश पर बंद हुआ है इस बारे में जानकारी देने आबकारी विभाग बचता नजर आ रहा है आदेश मौखिक या लिखित आदेश इस पर भी कई सवाल खड़े हो रहे है ?

वही सूत्रों की माने तो और नाम नही छपने की शर्त में शराब दुकानों के पास चखना दुकान संचालित करने वाले दुकानदार का कहना ही कि दुकान संचालित करने के एवज में वह रोज के हजारों रुपये विभाग के कर्मचारियों को दे रहा था । वही कई बार इन चखना दुकानो के खिलाफ शिकायत के बाद भी आने क्षेत्र से बाहर बताकर नियमो का हवाला देकर आबकारी विभाग इन चखना दुकानो के खिलाफ कार्यवाही से बचता रहा है।

और बिलासपुर में लगातार हो रही गंभीर वारदात के बाद आबकारी विभाग भी पूरे लव लश्कर के साथ मैदान पर उतरकर सभी चखना दुकानों को बंद करवाने की मुहिम में पसीना बहाता नजर आ रहा है।
अब देखना होगा कि आबकारी विभाग की यह कार्यवाही सिर्फ दिखावे के लिए है या फिर अवैध चखना दुकानों के खिलाफ विभाग की यह कार्यवाही निरन्तर जारी रहेगी या फिर किसी आदेश के मिलने के बाद भी फिर एक बार नई साज सज्जा के साथ ये अवैध चखना दुकान फिर से नजर आएगी।
सवाल ये उठता ही कि अब तक आबकारी विभाग की नजर में इन अवैध चखना दुकानो पर क्यो नही पड़ी ?
अब तक विभाग के दायरे से दूर रहने वाले चखना सेंटर अब कैसे आबकारी विभाग के दायरे में आ गए ?
बडा सवाल है किसके इशारो ओर अवैध चखना दुकानों का संचालन किया जा रहा था ?
खैर एक कहावत है कि सुबह का भुला यदि शाम को घर आ जाये तो उसे भुला नही कहते है !

