छत्तीसगढ़बिलासपुर

कांग्रेस में वर्चस्व की लड़ाई से न्यायधानी में दहशत ! अपराधियो को राजनैतिक संरक्षण या पुलिस सरंक्षण ?
देखिए वीडियो और पढ़िए खबर का सच !

बिलासपुर।छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में लगातार हो रही गंभीर घटनाओं के बाद आम जनता और पत्रकारों में भय का माहौल है । वही इस मामले में पुलिस द्वारा अपराधियो के खिलाफ कड़ी कार्यवाही नही होने से आम जनता भी बिलासपुर पुलिस से नाराज नजर आ रही है । वही पुलिस भी पूरी तरह कानून व्यवस्था संभालने में नाकाम नजर आ रही है । छत्तीसगढ़ के मुखिया जब आमसभा को संबोधित कर रहे थे उसी दौरान एक नाबालिक की निर्मम हत्या से शहर में हड़कंप मच गया । और सिविल लाइन थाना इलाका छावनी में तब्दील हो गया है । वही घायल नाबालिक के एक वायरल वीडियो में कांग्रेसी नेता का नाम आने से राजनैतिक हलचल भी तेज हो गई । वही एक सोशल मीडिया में खबर पोस्ट करने में तत्काल हरकत में आई पुलिस द्वारा प्रेस क्लब के वरिष्ठ सदस्य को थाने में लाने की ततपरता को पुलिस ने सीएम का आदेश की मजबूरी की कहानी सुनाकर प्रदेश के मुखिया को ही सवालों के घेरे में खड़ा करने की कोशिश की ? किस कारण और किसके आदेश पर पत्रकार को थाने में घण्टो बैठाकर रखा इस बारे में भी पुलिस का कोई ऑफिशियल बयान सामने नही आया है ! क्योंकि मुख्यमंत्री का बिलासपुर के प्रति अपनापन जनता से छुपा नही है । ये बात अलग है कि बिलासपुर के कांग्रेस के दो गुटों की वजह से इस प्रदेश के मुखिया का एक साल बाद आगमन हुआ और उसी दौरान ये दोनों घटनाएं हो गई है । वही वायरल वीडियो में प्रार्थी के बयान के बाद भी कांग्रेसी नेता वसीम खान से 48 घण्टो तक पूछताश नही करना पुलिस सवालों के घेरे में खड़ी होती नजर आ रही है । वही पुलिस के बड़े अधिकारियों ने भी इस बारे में बात करना मुनासिब नही समझा !

वही इस मामले में अब कई वीडियो वायरल हो रहे जिसमे घायल नाबालिक ठीक होने के बाद वसीम और उसके साथियों को धमकी देता नजर आ रहा है तो क्या फिर इस तरह की वारदात को अंजाम देने में दोनों गुट लगे हुए है । इस मामले में पुलिस के बड़े अधिकारी भी सिर्फ जांच जारी है कहकर कानून व्यवस्था को लेकर गम्भीर नजर नही आ रहे है ।
पुलिस भी जानती है और नेता भी की कांग्रेस की वर्चस्व की लड़ाई के चलते ही शहर में इस तरह खुलेआम गुंडगर्दी और हत्याये हो रही है और कांग्रेस के दो गुटों की लड़ाई का खामियाजा बिलासपुर वासियों को उठाना पड़ रहा है ।पुलिस भी जानती है कि नाबालिकों का गैंग बनाकर कई छुटपुट नेता अपने आकाओं को खुश करने में लगे रहते है ।
लेकिन पुलिस के अधिकांश इलाको में अभी भी पुलिस के सरक्षण में कबाड़ , सट्टा, गांजा और नशे का कारोबार बैखोप चल रहा है और कबाड़ और नशे के कारोबार के बड़े खिलाड़ियों के साथ पुलिस के साथ साथ नेताओ से भी अच्छे सम्बन्ध है । कबाड़ के कारोबार को तो कई थानेदारों और नेताओं का खुला सरक्षण मिला हुआ है । कबाड़ और नशे के इस दलदल में अधिकांश नाबालिक है और ये गुट अपना वर्चस्व को कायम करने के लिए इन्ही नाबालिकों से शहर में खूनी खेल का तांडव मचा रहे है । और इन्ही नाबालिको से खूनी खेल खिलवा कर शहर का माहौल खराब किया जा रहा है।

बिलासपुर कांग्रेस लीडर सीप के दोनों गुट के नेताओ से बिलासपुर पुलिस के बड़े अधिकारियों से चर्चा कर ऐसे छुटपुट नेताओ के खिलाफ़ भी और आम लोगों की तरह ही तत्काल कड़ी कार्यवाही करने की जरूरत है । ताकि बिलासपुर में अमन और शांति कायम रह सके।
पुलिस को जरूरत है कि नशे के धंधे और कबाड़ के धंधों में अंकुश लगाकर नाबालिकों को इनके चंगुल से आजाद करे और दो गुटों की चल रही वर्चस्व की लड़ाई के असली शातिर चेहरों को जनता के सामने लाये और इनके खिलाफ बिना किसी दबाव के तहत कड़ी कानूनी कार्यवाही करें ! इससे पहले भी हमारे द्वारा लगाई गई कबाड़ के खिलाफ खबर में तत्कालीन उपनिरीक्षक की कबडियो की साठगांठ सामने आ चुकी है और पुलिस कप्तान ने उपनिरीक्षक का दूसरे थाने में तबादला कर कबाड़ में अंकुश लगाने के कड़े निर्देश जारी किए थे ।

error: Content is protected !!