छत्तीसगढ़बिलासपुर

मां करेगी बेटे की देखरेख,पिता को स्मार्ट फोन से जुड़ने की छूट, हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला ।

बिलासपुर।फैमिली कोर्ट द्वारा बच्चे की अभिरक्षा माँ को दिए जाने के खिलाफ दायर अपील के एक महत्वपूर्ण मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने संपर्क के अधिकार को सरल बनाने के लिए दोनों अभिभावकों को वीडियो कालिंग के लिए स्मार्टफोन रखने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही अपील निराकृत करते हुए पिता को भी अपने बेटे और पत्नी के साथ अवकाश और त्योहारों पर रहने की अनुमति प्रदान की है।

जानकारी दें कि तखतपुर के घोंघाडीह निवासी ललित राम जातवर का विवाह रायपुर जिले के कुरा ग्राम निवासी सुषमा से हुआ था। ललित मैनपाट में बीईओ (शिक्षा विभाग) और सुषमा बिल्हा में शिक्षा कर्मी थी। मार्च 2014 में इनका पुत्र दिव्यराज हुआ जो जन्म से ही अशक्त था । इस बीच सुषमा का तबादला बच्चे के बेहतर इलाज के लिए रायपुर कर दिया गया।दोनों पति पत्नी 200 किलोमीटर दूर रहने लगे। इसके बाद इनमें धीरे धीरे दूरी बढ़ गई। बच्चे का सही इलाज न हो पाने का आरोप लगाते हुए पिता ललित ने रायपुर फेमिली कोर्ट में स्वयं को पुत्र की अभिरक्षा देने मामला प्रस्तुत किया। इस पर सुनवाई कर कोर्ट ने 10 मई 2019 को इसे अस्वीकार कर दि
लिया और माता को ही अभिरक्षा जारी रखने की बात कही,जिससे निराश पिता ने हाईकोर्ट में अपील की। जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस रजनी दुबे की डिवीजन बेंच में मामले में सुनवाई हुई। डीबी ने कहा कि बच्चे की अभिरक्षा प्राप्त करने संबंधित विवाद में,अन्य अभिभावक को बच्चे से मुलाकात करने व संपर्क करने का अधिकार होगा। इसके अलावा हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि बच्चे से सम्पर्क के अधिकार को सरल बनाने दोनों अभिभावकों को वीडियो कॉलिंग के लिए स्मार्टफोन रखना होगा।

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