छत्तीसगढ़बिलासपुर

थानों में सेटिंग करती रहेगी लोगो को इंसाफ से वंचित :. पीटने वाले लोगों को मना करने वाले युवक को भी शासकीय कर्मचारी ने धुना..क्या मंत्री जी खुद लेंगे संज्ञान ।

बिलासपुर।पिछले दिनों बिलासपुर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र के अंतर्गत इमली पारा में चोरी के आरोप पर युवकों के साथ मारपीट करने वाले मामले में उसी दिन का अब एक और वीडियो अब सामने आ रहा है जिसमें पिटाई खा रहे युवकों को बचाने और पीटने वाले लोगों को मना करने पर एक युवक को सरकारी कर्मचारी और मंत्री का खासम- खास,अत्यधिक बेदर्दी से न केवल पीटता हुआ नजर आ रहा है,बल्कि सफेदपोश गुंडों की हिम्मत तो देखो कि बकायदा वीडियो बनाकर सामाजिक दहशत बनाने में भी कोई कसर बाकी नही छोड़ी ! अब यह सवाल उठने लगा है कि.. पुलिस विभाग के अधिकारियों द्वारा खानापूर्ति कर अज्ञात लोगो पर पीटने का आरोप तय कर मामले को जांच में डाल दिया गया है जबकि लगातार वायरल हो रहा है वीडियो में साफ जाहिर है कि वन विभाग में पदस्थ के कर्मचारी और खुद को थाना सिविल लाइन्स से सेटिंग किंग बताने वाला व्यक्ति बर्बरता से पिटाई खा रहे युवकों को बचाने आए युवक को भी पीटता नजर आ रहा है.. लेकिन फिर भी पुलिस को घटना के कई दिन बीत जाने के बाद और पीटने वाले लोगों द्वारा लगातार थानों के चक्कर काटने के बाद भी मामले में आरोपी की पहचान नहीं हो सकी है..

भले ही युवकों पर चोरी करने का आरोप लगा हो लेकिन जिस तरह पिछले दिनों इमली पारा रोड में उन्हें जल्लादों की तरह पीटा गया उससे पूरे शहर के लोगों में एक गुस्सा देखने को मिल रहा है और अब पिटाई का वीडियो वायरल हो रहा है,जिसमे मारने वाले लोग स्पस्ट दिखाई दे रहे है ! उक्त वीडियो के साथ जो एक ओर वीडियो वायरल हुआ है उसमें शासकीय कर्मचारी और उसका साथी खुद कहते नजर आ रहे हैं कि इन लोगों को मार खाना जरूरी है और बिना मारे इन्हें नहीं जाने दिया जाएगा ऐसे में सवाल उठता है कि कानून को हाथ में लेने का अधिकार आखिर इन गुंडों को किसने दिया.. और अगर इनका अपराध साबित होता है तो क्या इनका विभाग और पुलिस की तरफ से इन पर कड़ी कार्रवाई की जा सकेगी.. क्योंकि वन विभाग में पदस्थ मुकेश साहू को एक कैबिनेट मंत्री का खासम खास कहा जाता है और यह अपना काम छोड़कर सुबह से लेकर शाम तक सेटिंग का काम करने में भिड़े नजर आते हैं सिविल लाइन थाने में भी सुबह से लेकर शाम तक अपनी सेटिंग का हवाला देकर यह लोग अपने आप को बचाने की कोशिश करती रहे, लेकिन सिविल लाइन थाने ने अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.. वायरल वीडियो में साक्षात सबूत होने के वावजूद अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करना, सीधे सीधे खानापूर्ति करना है ! सेंकडो FIR ऐसी है जो अज्ञात के खिलाफ दर्ज होकर, केवल दस्तावेजी रिकार्ड बनकर रह गयी है !

मंत्री तक पहुँच का मतलब क्या यह माना जाये कि किसी को भी इतनी बेदर्दी से बिना डरे सार्वजनिक रूप से मारते हुये अपने क्षेत्र में लोगो के बीच दहशत पैदा किया जाये ? क्या साहू जी को बिलासपुर में भविष्य का डॉन माना जाये ? क्या वन विभाग अपने कर्मचारी का वायरल हो रहे इस वीडियो के आधार पर कोई ठोस कार्यवाही करेगा । सूत्रों की माने तो वन विभाग का यह कर्मचारी अपनी ड्यूटी पर भी नही जाता है ।और अपने आप को सरकार के एक बड़े मंत्री का खास बताकर थानों में सिर्फ सेटिंग का ही कार्य करता है । अब देखना होगा कि वन विभाग और पुलिस के बड़े अधिकारी इस कर्मचारी के खिलाफ कब नामजद मामला दर्ज कर कब इसे सलाखों के पीछे पहुचाते है ।ताकि न्यायधानी में पीड़ितों को उचित इंसाफ मिल सके।

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