छत्तीसगढ़बिलासपुर

कभी हाथ तो कभी फूल ! तखतपुर में कभी एक पार्टी को नहीं मिला तख्तोताज । जानिए तखतपुर सीट की ओवरऑल समीक्षा ।

बिलासपुर । बिलासपुर-मुंगेली मुख्य मार्ग में बिलासपुर शहर से तकरीबन 25 किलोमीटर की दूरी पर है तखतपुर । आज हम चुनावी चर्चा में जिले के महत्वपूर्ण तखतपुर विधानसभा क्षेत्र की बात करेंगे । तखतपुर विधानसभा में अब तक की लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के बीच दो ध्रुवीय रही है । यहां अबतक भाजपा और कांग्रेस दोनों को रूल करने के लिए बराबर का अवसर मिला । यहां अबतक कुल हुए 14 बार विधानसभा चुनावों में 6 बार भाजपा और 6 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है और एक चुनाव जनता पार्टी और 1 में भारतीय जनसंघ ने जीत हासिल की है।
बता दें कि तखतपुर विधानसभा क्षेत्र में पहली बार चुनाव साल 1951 में हुए। तब सीधा मुकाबला कांग्रेस और राम राज्य परिषद के बीच हुआ था। इस चुनाव में कांग्रेस की ओर से चंद्रभूषण सिंह प्रत्याशी थे और उनके सामने थे राम राज्य परिषद के बापूजी साहब। पहले विधानसभा चुनाव में तखतपुर से कुल मतदाताओं की संख्या 50227 थी, जिसमें से 16166 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। जब चुनाव के नतीजे आए तो कांग्रेस को 6652 वोट मिले, जबकि राम राज्य परिषद को 2017 वोट। इस तरह कांग्रेस के चंद्रभूषण 4635 वोट के अंतर से राम राज्य परिषद के बापूजी को हराकर क्षेत्र के पहले विधायक चुने गए। इसके बाद आने वाले चुनावों के लिए हुए परिसीमन में तखतपुर की सीट खत्म हो गई और 1962 में एक बार फिर से यह सीट अस्तित्व में आ गई ।

इस विधानसभा क्षेत्र में अबतक 14 चुनाव हुए जिसमें दोनों पार्टियों के 6-6 विधायक चुने गए,मतलब यहां अभीतक दोनों पार्टियों का बराबर का हैसियत दर्ज हुआ है ।
जानकारी दें कि यहां मनहरण लाल पाण्डेय ने तीन अलग-अलग पार्टियों से चुनाव लड़ा था और सभी में जीत हासिल की थी ।
साल 1967 में हुए चुनाव में मनहरण लाल को भारतीय जनसंघ ने प्रत्याशी बनाकर चुनावी मैदान में उतारा। इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के मुधरलीधर को 1059 वोट के अंतर से हराया और वो पहली बार विधायक बनें। लेकिन वो 1972 में हुए चुनाव में कांग्रेस पार्टी के रोहाणी कुमार से चुनाव हार गए। फिर वो 1977 में जनता पार्टी की टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे ओर कांग्रेस के रोहाणी कुमार को हराकर दूसरी बार विधायक बनें। 1980 में वो एक बार फिर भाजपा की ओर से प्रत्याशी बनाए गए, लेकिन इस बार उनका जादू नहीं चला और कांग्रेस के ताहेर भाई से वो चुनाव हार गए। कुलमिलाकर 1985, 1990 और 1993 में मनहरण लाल पाण्डेय ने लगातार तीन चुनाव में जीत दर्ज की।

पिछले 2018 के चुनाव में तखतपुर विधानसभा से कुल 25 प्रत्याशियों ने अपना किस्मत आजमाया था जिसमें कांग्रेस की महिला प्रत्याशी रश्मि सिंह को जीत मिली हुई थी । साल 2018 में तखतपुर विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 222188 थी और इनमें से 162832 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। जब परिणाम सामने आए तो कांग्रेस की रश्मि आशीष सिंह को 52616 वोट मिले। दूसरे स्थान पर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के संतोष कौशिक रहे। उन्हें कुल 49625 वोट मिले। भाजपा की हर्षिता पाण्डेय यहां तीसरे स्थान पर रहीं और उन्हें 45622 वोट मिले। 916 वोट नोटा के नाम पड़े। इस तरह से साल 2018 में तखतपुर विधानसभा सीट कांग्रेस के हिस्से में रही।

बता दें कि तखतपुर में इस बार कुल 243418 मतदाता मताधिकार का प्रयोग करेंगे । यहां वर्तमान में 123373 पुरुष मतदाता हैं और 120039 महिला मतदाता हैं ।
18 से 19 वर्ष के 6802 मतदाता इसबार वोट करेंगे ।

बीते विधानसभा चुनाव में 30.51 प्रतिशत और 52616 मतों के साथ रश्मि आशीष सिंह ने जीत हासिल की थी । 49625 मतों के साथ दूसरे स्थान पर संतोष कौशिक थे और बीजेपी प्रत्याशी हर्षिता पांडेय 45622 मतों के साथ तीसरे स्थान पर थी ।

तखतपुर विधानसभा से अबतक जीते हुए प्रत्याशी…

*वर्ष 1951 में चंद्रभूषण सिंह(कांग्रेस)
*1962 में मुरलीधर मिश्रा(कांग्रेस)
*1967 में मनहरण लाल पाण्डेय(बीजेएस)
*1972 में रोहानी कुमार(कांग्रेस)
*1977में मनहरण लाल पाण्डेय(जेएनपी)
*1980 में ताहेर भाई(कांग्रेस)
*1985 में मनहरण लाल पाण्डेय (भाजपा)
*1990 में मनहरण लाल पाण्डेय(भाजपा)
*1993 में मनहरण लाल पाण्डेय(भाजपा)
*1998 में जगजीत सिंह(भाजपा)
*2003 में बलराम सिंह(कांग्रेस)
*2008 में राजू सिंह क्षत्रिय(भाजपा)
*2013 में राजू सिंह क्षत्रिय(भाजपा)
*2018 में रश्मि आशीष सिंह(कांग्रेस)

error: Content is protected !!