छत्तीसगढ़बिलासपुर

जब पुलिस ही बन जाये घर का भेदी..!
तब कैसे थमे अपराध…? पुलिस कप्तान रखे है पैनी नजर..

बिलासपुर।पुलिस में कुछ ऐसे लोग हैं जो न केवल पुलिस की वर्दी में रहकर अपराधियों का माफियाओं का साथ देते हैं बल्कि अपराधियों के लिए मुखबिरी भी करते हैं ऐसे लोगों को पुलिस की इज्जत समस्त पुलिस विभाग की पुलिस की प्रतिष्ठा की परवाह भी नही है, पुलिस की वर्दी में ऐसे भृष्ट एवँम अपराधियो के सरगना,मुखबिर बनकरकाम करने वाले लोगों पर बिलासपुर में पुलिस कप्तान की पैनी नजर है।

बिलासपुर पुलिस कप्तान ने मीडिया की खबरों को स्वयं संज्ञान लेते हुए अपने ही महकमे को शर्मशार करने वाले प्रधान आरक्षक अरविंद सिंह सहित एक और पुलिसकर्मी को लाइन के लिये रवाना कर अपने इरादे जहीर कर दिए है कि खाकी का अपमान बर्दास्त किसी भी सूरत में नही किया जाएगा । बिलासपुर के बहुचर्चित ,थाना सिविल लाइन्स बिलासपुर में अभी की घटना में जिस तरह से पुलिस कप्तान महोदय ने गंभीरता से लिया है वह वाकई काबिले तारीफ ही कि सिविल थाना , सत्ता के राजनीतिक दबाव में प्रधान आरक्षक अरविंद सिंह के सामने ही बैठकर पत्रकारों और जनसेवकों के बारे में अमर्यादित शब्दो का इस्तेमाल किया है।

उसमें कई बार विवादित प्रधान आरक्षक अरविंद सिंह की भूमिका काफी अहम है । प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बड़ी से बड़ी शिकायतों और आवेदन लेने में आनाकानी करने वाली पुलिस ने कांग्रेसी नेता का आवेदन पत्र खुद अपने कंप्यूटर में टाइप कर खुद प्रिंट किया । कांग्रेसी नेता पुलिस थाना सिविल लाइंस में आकर के खुलेआम पत्रकारों को गालियां देते हैं, पुलिस को गालियां देता है जनप्रतिनिधियों को उल्टा सीधा बोलते है इस मामले को पुलिस कप्तान ने गंभीरता से लेते हुए तत्काल पुलिस अपराधियों के सहयोगी के रुप में काम करने वाले अरविंद सिंह एवँम एक अन्य पुलिस वाले को लाइन हाजिर कर, जनता को यह बता दिया कि नेता हो या राजनीतिक पहुँच वाला,पुलिस किसी दबाव में काम नही करेगी ? बिलासपुर की जनता की वर्तमान पुलिस कप्तान से यह अपेक्षा करती है कि ऐसे संगीन मामलों में कार्यवाही को सुनिश्चित कर शहर में शांति व्यवस्था कायम करने में उचित कदम उठायेंगे।

थाना सिविल लाइन्स से लाइन हाजिर अरविंद सिंह आदतन अपराधियों का साथ देने का आदी है ! पूर्व में राजेश सेठ/रजनी सेठ तारबाहर, प्रकरण में पुलिस विभाग का यह। मुखबिर एवँम जयचंद ही बाधक था कि पुलिस को राजेश सेठ को गिरफ्तार करने में पसीने आ गये थे, बड़ी मुश्किल से 5000 के इनामी घोषित फरार अपराधी राजेश सेठ को नोयडा से गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, राजेश सेठ आसानी से गिरफ्तार हो जाता यदि तत्समय थाना तारबाहर में पदस्थ अरविंद सिंह पुलिस में रहकर, ठगी के आरोपी राजेश सेठ के लिये मुखबरी नही करता ? जिसकी मौखिक शिकायत प्रार्थी ने तारबाहर के तत्कालीन थाना प्रभारी प्रदीप आर्य से की थी और थाना प्रभारी ने तत्काल अरविंद सिंग को फटकार भी लगाई थी । और बाद में थानेदार कलीम खान ने नोएडा से शातिर ठग को गिरिफ्तार किया था ।वर्तमान पुलिस कप्तान, पुलिस विभाग में ऐसे लोगो के खिलाफ भी स्वत्: संज्ञान लेकर, संदेही पुलिस वालों के मोबाइल को सर्विलांस में डालकर तहकीकात करे कि कौन कौन पुलिस की वर्दी में पुलिस का जयचंद बनकर ओट अपराधियो का सरगना बनकर काम करता है ! बिलासपुर पुलिस कप्तान ने थाना सिविल लाइन्स में जिस तरह एक कांग्रेसी नेता द्वारा सरेआम थाना में पुलिस एवँम पत्रकारों और नेताओं के खिलाफ गाली गलौच किया, ओर थाना में पदस्थ अरविंद सिंह द्वारा जिस तरह से अपराधी का सहयोग किया, उससे न केवल जनता के बीच समस्त पुलिस विभाग की छवि खराब हुयी है बल्कि वर्तमान सतारूढ़ सरकार भी कटघरे में आ गयी है ! लेकिन पुलिस कप्तान महोदय द्वारा जिस ततपरता से सम्बंधित पुलिस वालों पर कार्यवाही की गयी उन्हें तत्काल लाइन हाजिर किया उसके लिए पुलिस कप्तान महोदय न केवल बधाई के पात्र है बल्कि जनता के बीच यह सन्देश देने में सफल हुये है कि व्यक्ति,पद कोई भी हो?यदि गलती करते है ?तो विभागीय लोगो को भी बक्शा नही जायेगा ! वही पुलिस कप्तान द्वारा पूरे मामले की जांच के आदेश देने के बाद भी सिविल लाइन पुलिस को अभी तक प्रार्थी नही मिल रहे है वायरल हो रहे वीडियो को यदि को सही माने तो अरविंद सिंह के सामने पूरा घटनाक्रम हुआ है इसलिए सवाल खड़ा होना लाजिमी है कि क्या लाइन अटैच हुए अरविंद सिंह प्रार्थी बनकर पुलिस की इस मुशिकल को आसान करेंगे? अरविंद सिंह और विवादों का पुराना नाता है पहले भी इनके की आडियो और वीडियो लेनदेन के वयरल हो चुके ही पर पुलिस विभाग द्वारा प्रधान आरक्षक के खिलाफ कड़ी कार्यवाही नही होने से बार बार यह आरक्षक खाकी पर कालिख लगा रहा है । सवाल यह खड़ा होता है कि जिस घटना को लेकर विलासपुर सहित पूरे प्रदेश में घमासान मचा हुआ है कांग्रेस की अपनी राजनीति अपने ही नेताओ के कारण जानता के सामने मजाक बन गई है उस पूरी घटना के लिए अहम किरदार प्रधान आरक्षक की वजह से शहर में भय के माहौल पैदा करने वाले अरविंद सिंह के खिलाफ क्या पुलिस कोई सख्त कार्यवाही करेगी ?

क्रमशः

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