डेस्क खबर

बिलासपुर में रेत माफियाओं का तांडव , चार विभागों की मौजूदगी के बावजूद अरपा नदी में खुलेआम अवैध उत्खनन.! गाड़ी के हिसाब से बंधा है महीना ? अवैध वसूली पर कब लगेगी रोक .??



डेस्क खबर बिलासपुर../  जिले में रेत माफियाओं का तांडव लगातार बेखौफ बढ़ता बढ़ता जा रहा है। दिन रात अवैध रेत से लदे ट्रैक्टर ,हाईवा बिना किसी अवरोध के शहरों के अलग अलग थाना क्षेत्रों में सरपट दौड़ रहे है । जगह जगह पब्लिक से नियम तोड़ने पर सिगनल में लगे कैमरे भी सिर्फ पब्लिक से जुर्माना वसूल रहे है ।दूसरी तरफ खनिज विभाग के रोज़मर्रा की दिखावे की कार्रवाई के कागजी  दावों के बावजूद अरपा नदी में नियम विरुद्ध अवैध रेत उत्खनन धड़ल्ले से जारी है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि नदी किनारे खनिज विभाग, स्थानीय थाना पुलिस, ट्रैफिक पुलिस और RTO की सक्रिय मौजूदगी के बावजूद रेत चोर बेखौफ होकर खुलेआम चोरी को अंजाम दे रहे हैं।कई बार ट्रैक्टर मालिकों सहित हाईवा संचालक भी अवैध रेत के बदले संबंधित थाना से लेकर ट्रैफिक विभाग का गाड़ी की संख्या के आधार पर एक निश्चित राशि का महीना बंधा हुआ है । इसकी पुष्टि नाम न छापने की शर्त में कुछ पुलिस जवानों ने आपसी बातचीत में कबूल भी की है । यानी अवैध रेत के कारोबार में महीने के हिसाब से वसूली के खेल जिले में बेखौफ होकर हर थाना क्षेत्रों में चल रहा है । वावजूद उसके जिले में बैठे जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा सख्त कार्यवाही नहीं होने से रेत चोरों के हौसले बुलन्द है ।



अरपा नदी के कई घाटों पर हालात इतने गंभीर हैं कि रेत चोर ट्रैक्टरों को कमर तक पानी में उतारकर रेत निकालते नज़र आते हैं। घाट पर चौबीसों घंटे भारी वाहनों की आवाजाही होती रहती है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकताएं पूरी की जाती हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि विभाग केवल 2–4 ट्रैक्टर पकड़कर कार्रवाई का दिखावा करता है, जबकि बड़े गिरोह, डंपर मालिक और असली माफिया पूरी तरह सुरक्षित रहते हैं



रात के समय हालात और भी भयावह हो जाते हैं। नदी में डंपर और ट्रैक्टरों की लंबी कतारें देखी जा सकती हैं, जो बिना किसी भय या रोक-टोक के रेत लेकर निकल जाते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बिना संरक्षण और मिलीभगत के इतनी बड़ी स्तर पर अवैध खनन संभव ही नहीं है।



इस पूरे मामले पर कांग्रेस नेता राजेंद्र साहू ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “अरपा नदी में खुली रेत चोरी हो रही है। ट्रैक्टरों को कमर तक पानी में उतारा जा रहा है और विभाग सिर्फ दिखावा कर रहा है। पुलिस, ट्रैफिक, RTO और कुछ नेताओं की मिलीभगत से यह कारोबार फल-फूल रहा है। बड़े स्तर पर सख्त कार्रवाई की जरूरत है, वरना नदी और पर्यावरण दोनों को भारी नुकसान होगा।” अब देखना होगा कि अवैध रेत के गोरखधंधे को रोकने के लिए संबंधित विभाग के उच्च अधिकारी क्या रणनीति बनाते है और कब तक जिले में रेत का अवैध परिवहन पर लगाम लगा पाते है ।

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